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जयपुर: भारी विरोध के बाद ओटीपी सिस्टम से रजिस्ट्री का काम हुआ बंद

पंजीयन एवं मुद्रांक विभाग की ओर से ओटीपी सिस्टम से रजिस्ट्री करने का काम बंद कर दिया गया है. प्रदेश भर में वकीलों के भारी विरोध के बाद यह निर्णय लिया गया है.

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भारी विरोध के बाद ओटीपी सिस्टम से रजिस्ट्री का काम हुआ बंद
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Published : Sep 25, 2020, 10:59 PM IST

जयपुर. पंजीयन एवं मुद्रांक विभाग की ओर से ओटीपी सिस्टम से रजिस्ट्री करने का काम बंद कर दिया गया है. प्रदेश भर में वकीलों के भारी विरोध के बाद यह निर्णय किया गया है. वहीं वकीलों ने इसे अपनी ऐतिहासिक जीत बताया है. दी डिस्ट्रिक्ट एडवोकेट्स बार एसोसिएशन जयपुर द्वारा पंजीयन मुद्रांक विभाग द्वारा बिना अधिवक्ता वर्ग और रजिस्ट्री कराने वाले पक्षकारों को विश्वास में लिए बिना नित नए प्रयोग करते हुए प्रत्येक रजिस्ट्री और अन्य दस्तावेज में ओटीपी सिस्टम शुरू किया था. जिसके विरोध में दी डिस्ट्रिक्ट एडवोकेट बार एसोसिएशन जयपुर के आह्वान पर 24 घंटे के लिए पूरे राजस्थान की रजिस्ट्री कार्य बंद किया गया था.

भारी विरोध के बाद ओटीपी सिस्टम से रजिस्ट्री का काम हुआ बंद

उसके बाद अधिवक्ताओं के भारी विरोध के बाद ओटीपी सिस्टम राजस्थान सरकार के पंजीयन एवं मुद्रांक विभाग ने वापस ले लिया और पुरानी प्रणाली से ही रजिस्ट्री का कार्य फिर से शुरू हो गया है. दी डिस्ट्रिक्ट बार एसोसिएशन जयपुर के अध्यक्ष डॉ. सुनील शर्मा ने बताया हम जयपुर बार हाईकोर्ट बार, अलवर बार, पाली बार, अजमेर बार को विशेष रूप से धन्यवाद देते हैं, जिन्होंने हमारा समर्थन किया. साथ ही रजिस्ट्री कार्य से जुड़े डीड राइटर्स स्टांप विक्रेता और आम जनता को भी हम धन्यवाद देते हैं जिन्होंने हमारा साथ दिया.

सुनील शर्मा ने बताया कि इस निर्णय से पंजीयन विभाग द्वारा एनआईसी सरवर के माध्यम से दस्तावेजों के पंजीयन में नित नए प्रयोग किए जा रहे हैं, जिससे दस्तावेजों के पंजीकरण में समस्या और परेशानी उत्पन्न हो रही थी. 10 सितंबर को दोपहर बाद दस्तावेज पंजीयन में पार्टी के मोबाइल नंबर के साथ यह ऑप्शन जोड़ा जाने के बाद पार्टी के पास ओटीपी आएगा. पार्टी कंफर्म करेगी, उसके बाद दस्तावेज फीडिंग का कार्य संपन्न होगा. जब ऑर्डिनरी डे में कोई दस्तावेज पंजीयन के लिए डाला जाता है, तो उस पर ही मोबाइल नंबर डालने पर ओटीपी नंबर जनरेट होता, जिसमें दस से बीस मिनिट का समय लग रहा था, जिससे अधिवक्ता डीड राइटर्स और आम जनता को भारी परेशानी उठानी पड़ रही थी.

यह भी पढ़ें- Special: सरकार के 260 कर्मचारी ही डकार गए गरीबों का निवाला, अब होगी वसूली

बताया जा रहा है कि सरकार ने दस्तावेजों के पंजीयन को सरल बनाने के लिए आसान तरीके से कार्य करने का निश्चय किया है, लेकिन पंजीयन विभाग द्वारा नित नए प्रयोग के कारण पंजीयन संबंधी कार्य को सरल के बजाए कठिन किया जा रहा है. सुनील शर्मा ने बताया कि इसलिए दी डिस्ट्रिक्ट एडवोकेट बार एसोसिएशन जयपुर द्वारा पंजीयन विभाग के इस निर्णय के विरोध में 11 सितंबर को समस्त राजस्थान में 1 दिन का दस्तावेज पंजीयन का कार्य बंद करने का निर्णय लिया था.

जयपुर. पंजीयन एवं मुद्रांक विभाग की ओर से ओटीपी सिस्टम से रजिस्ट्री करने का काम बंद कर दिया गया है. प्रदेश भर में वकीलों के भारी विरोध के बाद यह निर्णय किया गया है. वहीं वकीलों ने इसे अपनी ऐतिहासिक जीत बताया है. दी डिस्ट्रिक्ट एडवोकेट्स बार एसोसिएशन जयपुर द्वारा पंजीयन मुद्रांक विभाग द्वारा बिना अधिवक्ता वर्ग और रजिस्ट्री कराने वाले पक्षकारों को विश्वास में लिए बिना नित नए प्रयोग करते हुए प्रत्येक रजिस्ट्री और अन्य दस्तावेज में ओटीपी सिस्टम शुरू किया था. जिसके विरोध में दी डिस्ट्रिक्ट एडवोकेट बार एसोसिएशन जयपुर के आह्वान पर 24 घंटे के लिए पूरे राजस्थान की रजिस्ट्री कार्य बंद किया गया था.

भारी विरोध के बाद ओटीपी सिस्टम से रजिस्ट्री का काम हुआ बंद

उसके बाद अधिवक्ताओं के भारी विरोध के बाद ओटीपी सिस्टम राजस्थान सरकार के पंजीयन एवं मुद्रांक विभाग ने वापस ले लिया और पुरानी प्रणाली से ही रजिस्ट्री का कार्य फिर से शुरू हो गया है. दी डिस्ट्रिक्ट बार एसोसिएशन जयपुर के अध्यक्ष डॉ. सुनील शर्मा ने बताया हम जयपुर बार हाईकोर्ट बार, अलवर बार, पाली बार, अजमेर बार को विशेष रूप से धन्यवाद देते हैं, जिन्होंने हमारा समर्थन किया. साथ ही रजिस्ट्री कार्य से जुड़े डीड राइटर्स स्टांप विक्रेता और आम जनता को भी हम धन्यवाद देते हैं जिन्होंने हमारा साथ दिया.

सुनील शर्मा ने बताया कि इस निर्णय से पंजीयन विभाग द्वारा एनआईसी सरवर के माध्यम से दस्तावेजों के पंजीयन में नित नए प्रयोग किए जा रहे हैं, जिससे दस्तावेजों के पंजीकरण में समस्या और परेशानी उत्पन्न हो रही थी. 10 सितंबर को दोपहर बाद दस्तावेज पंजीयन में पार्टी के मोबाइल नंबर के साथ यह ऑप्शन जोड़ा जाने के बाद पार्टी के पास ओटीपी आएगा. पार्टी कंफर्म करेगी, उसके बाद दस्तावेज फीडिंग का कार्य संपन्न होगा. जब ऑर्डिनरी डे में कोई दस्तावेज पंजीयन के लिए डाला जाता है, तो उस पर ही मोबाइल नंबर डालने पर ओटीपी नंबर जनरेट होता, जिसमें दस से बीस मिनिट का समय लग रहा था, जिससे अधिवक्ता डीड राइटर्स और आम जनता को भारी परेशानी उठानी पड़ रही थी.

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बताया जा रहा है कि सरकार ने दस्तावेजों के पंजीयन को सरल बनाने के लिए आसान तरीके से कार्य करने का निश्चय किया है, लेकिन पंजीयन विभाग द्वारा नित नए प्रयोग के कारण पंजीयन संबंधी कार्य को सरल के बजाए कठिन किया जा रहा है. सुनील शर्मा ने बताया कि इसलिए दी डिस्ट्रिक्ट एडवोकेट बार एसोसिएशन जयपुर द्वारा पंजीयन विभाग के इस निर्णय के विरोध में 11 सितंबर को समस्त राजस्थान में 1 दिन का दस्तावेज पंजीयन का कार्य बंद करने का निर्णय लिया था.

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