जयपुर. रीट के बाद अब आरएएस मेंस परीक्षा लेकर किरोड़ी लाल ने बड़ा बयान दिया है. रविरार को जपुर में मीडिया से बात करते हुए (kirori lal Meena on RAS Mains exam) मीणा ने कहा कि गांधीयन इंस्टीट्यूट के अध्यक्ष बीएम शर्मा का घर फ्रेंड्स कॉलोनी लाल कोठी में है. उनके कमरे पर कोचिंग चलती है.
मीणा ने आरोप लगाया कि इसके अलावा बीएम शर्मा और राजीव गांधी स्टडी सर्किल से जुड़े हुए लोग टारगेट सिविल के नाम से एक कोचिंग संस्थान चला रहे हैं. इस संस्थान को फायदा पहुंचाने के लिए आरएसएस मुख्य परीक्षा (Kirori Lal Meena raised questions regarding RAS Mains exam) का सिलेबस बदला गया है और यह सिलेबस राजीव गांधी स्टडी सर्किल के लोगों और बीएम शर्मा ने तैयार किया है, ताकि के उनके कोचिंग संस्थान के अधिक से अधिक बच्चे इस परीक्षा में पास हो सकें.
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मीणा ने कहा कि जब किसी भी परीक्षा की अधिसूचना जारी होती है तो उसके साथ सिलेबस भी जारी होता है और उस सिलेबस को किसी भी परिस्थिति में नहीं बदला जा सकता. लेकिन धांधली करने के उद्देश्य से आरएएस मुख्य परीक्षा का सिलेबस बदल दिया गया. सिलेबस बदलना हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट के आदेश का उल्लंघन भी है.
किरोड़ी लाल ने कहा कि बीएम शर्मा लाभ के पद पर हैं, इसलिए वे कोचिंग भी नहीं चला सकते. आरएएस मुख्य परीक्षा 40 से 50 फीसदी बदला गया है. मीणा ने कहा कि आरएएस अभ्यर्थियों की परीक्षा की तिथि बढ़ाने की मांग जायज है और सरकार को यह मांग माननी चाहिए, ताकि आरएएस परीक्षा में भी रीट जैसी कोई धांधली न हो सके. मीणा ने आरोप लगाया कि सिलेबस का जो पैटर्न सिविल टारगेट की ओर से तैयार करवाया गया है, वही सिलेबस आरएएस मेंस एग्जाम के लिए जारी किया गया है.
राज्यसभा सांसद ने मुख्यमंत्री से मांग की कि टारगेट सिविल संस्थान की जांच की जाए साथी बीएम शर्मा का इलाज करने का भी आग्रह किया. उन्होंने कहा कि जिस तरह से जारोली और प्रदीप पाराशर ने आप को बदनाम किया है, वैसे ही बीएम शर्मा भी आपको बदनाम करेंगे. मीणा ने चेतावनी दी कि इस मामले से जुड़े हुए और तथ्य भी मेरे पास हैं, यदि परीक्षा को स्थगित नहीं किया गया तो उनके खुलासे वे बाद में करेंगे.
मीणा ने मुख्यमंत्री से मांग की कि हजारों अभ्यर्थियों के भविष्य को देखते हुए परीक्षा को स्थगित किया जाए, ताकि अभ्यर्थियों को परीक्षा की तैयारी का मौका मिले. साथ ही उस सिलेबस को रिवाइरज करने की मांग की, जिसकी जानकारी चाहिए टारगेट सिविल के संस्थान के बच्चों को है.