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ख्वाजा गरीब नवाज के उर्स की छठी आज, कुरान खानी के बाद हुई कुल की महफिल, आज होगा सम्पन्न - 813TH URS

सोमवार रात जायरीनों ने दरगाह की दीवारों को गुलाब जल और केवड़े से धोया. मंगलवार को कुल की रस्म के साथ उर्स सम्पन्न होगा.

ख्वाजा गरीब नवाज के उर्स की छठी आज
ख्वाजा गरीब नवाज के उर्स की छठी आज (ETV Bharat Ajmer)
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Jan 7, 2025, 11:00 AM IST

Updated : Jan 7, 2025, 11:30 AM IST

अजमेर : सूफी संत ख्वाजा मोइनुद्दीन हसन चिश्ती के 813वें उर्स के मौके पर मंगलवार को कुरान खानी के बाद कुल की महफिल 9 बजे सुबह हुई. अब दोपहर 1 बजे रंग पेश किया जाएगा. इसके बाद दरगाह दीवान सैयद जैनुअल आबेद्दिन महफिल से उठकर जन्नती दरवाजा होते हुए आस्ताने पहुंचेंगे. यहां कुल की फातिहा होगी और ख्वाजा गरीब नवाज की मजार खिदमत के बाद जन्नती दरवाजा बंद कर दिया जाएगा.

दरगाह में कुल के छींटे लगाए : वहीं, हजारों जायरीन ने सोमवार रात को ही दरगाह में कुल के छींटे लगाए. जायरीन ने रात 8 बजे बाद दरगाह की दीवारों को गुलाब जल और केवड़े से धोना शुरू कर दिया. कुल के छींटे लगाने के लिए दरगाह में आस्था का सैलाब उमड़ पड़ा. दरगाह ही नहीं दरगाह के आसपास एक किलोमीटर तक तमाम रास्ते और गालियां जायरीन से खचाखच भरी रही. देर रात तक जायरीन का दरगाह को धोने का सिलसिला जारी रहा. वहीं, मंगलवार को छठी के दिन की दोपहर तक कुल के छींटे देने का क्रम जारी रहेगा. वहीं, दरगाह के खादिम भी छठी पर कुल की रस्म अदा करेंगे.

ख्वाजा गरीब नवाज के उर्स की छठी आज (वीडियो ईटीवी भारत अजमेर)

पढ़ें. 813th Urs : 89 पाकिस्तानी जायरीन का जत्था पंहुचा अजमेर, बड़े कुल की रस्म के बाद करेंगे वापसी

खादिम सैयद कुतुबुद्दीन सकी ने बताया कि उर्स के पांचवे दिन रात आठ बजे बाद से दरगाह में जायरीन केवड़ा और गुलाब जल से दरगाह खुद धोने लगते हैं. हालांकि, यह रस्म छठी के दिन निभाई जाती है, लेकिन कई जायरीन को वापस लौटना होता है. ऐसे में वे रात आठ बजे बाद छठी मानकर दरगाह में कुल के छींटे देने लगते हैं. उर्स 6 दिन मनाया जाता है. छठी के दिन दरगाह में छोटे कुल की रस्म निभाई जाती है. इसके साथ ही उर्स संपन्न हो जाता है. छठी के दिन सुबह साल में चार मर्तबा खुलने वाला जन्नती दरवाजा भी बंद कर दिया जाएगा.

जायरीन ने गुलाब जल और केवड़े से धोई दरगाह
जायरीन ने गुलाब जल और केवड़े से धोई दरगाह (ETV Bharat Ajmer)

दरगाह में उमड़ा आस्था का सैलाब : उर्स के मौके पर कुल के छींटे लगाने के लिए दरगाह में हजारों की संख्या में जायरीन पंहुचे. दरगाह बाजार, नला बाजार, अंदर कोट, पन्नी ग्राम चौक में भीड़ को नियंत्रित करने के लिए बैरिकेडिंग लगाई गई. दरगाह के महफिल खाने में दरगाह दीवान की सदारत में होने वाली पारंपरिक महफिल में भी बड़ी संख्या में जायरीन मौजूद रहे. देर रात तक महफिल में सूफियाना कलाम और पारंपरिक कव्वालियां शाही कव्वालों की ओर से पेश की गई.

भीड़ को नियंत्रित करने के लिए बैरिकेडिंग लगाई गई.
भीड़ को नियंत्रित करने के लिए बैरिकेडिंग लगाई गई. (ETV Bharat Ajmer)

छठी की रस्म के साथ होगा उर्स सम्पन्न : मंगलवार को छठी की रस्म के बाद ख्वाजा गरीब नवाज का उर्स सम्पन्न हो जाएगा. दरगाह के खादिम कुल की रस्म अदा करेंगे. उर्स की आखरी रस्म के तौर पर बड़े कुल की रस्म होती है. खादिम समुदाय के लोग दरगाह में बड़े कुल की रस्म को निभाते हैं. बड़े कुल की रस्म के दौरान खादिम एक दूसरे की दस्तारबंदी करते हैं.

अजमेर : सूफी संत ख्वाजा मोइनुद्दीन हसन चिश्ती के 813वें उर्स के मौके पर मंगलवार को कुरान खानी के बाद कुल की महफिल 9 बजे सुबह हुई. अब दोपहर 1 बजे रंग पेश किया जाएगा. इसके बाद दरगाह दीवान सैयद जैनुअल आबेद्दिन महफिल से उठकर जन्नती दरवाजा होते हुए आस्ताने पहुंचेंगे. यहां कुल की फातिहा होगी और ख्वाजा गरीब नवाज की मजार खिदमत के बाद जन्नती दरवाजा बंद कर दिया जाएगा.

दरगाह में कुल के छींटे लगाए : वहीं, हजारों जायरीन ने सोमवार रात को ही दरगाह में कुल के छींटे लगाए. जायरीन ने रात 8 बजे बाद दरगाह की दीवारों को गुलाब जल और केवड़े से धोना शुरू कर दिया. कुल के छींटे लगाने के लिए दरगाह में आस्था का सैलाब उमड़ पड़ा. दरगाह ही नहीं दरगाह के आसपास एक किलोमीटर तक तमाम रास्ते और गालियां जायरीन से खचाखच भरी रही. देर रात तक जायरीन का दरगाह को धोने का सिलसिला जारी रहा. वहीं, मंगलवार को छठी के दिन की दोपहर तक कुल के छींटे देने का क्रम जारी रहेगा. वहीं, दरगाह के खादिम भी छठी पर कुल की रस्म अदा करेंगे.

ख्वाजा गरीब नवाज के उर्स की छठी आज (वीडियो ईटीवी भारत अजमेर)

पढ़ें. 813th Urs : 89 पाकिस्तानी जायरीन का जत्था पंहुचा अजमेर, बड़े कुल की रस्म के बाद करेंगे वापसी

खादिम सैयद कुतुबुद्दीन सकी ने बताया कि उर्स के पांचवे दिन रात आठ बजे बाद से दरगाह में जायरीन केवड़ा और गुलाब जल से दरगाह खुद धोने लगते हैं. हालांकि, यह रस्म छठी के दिन निभाई जाती है, लेकिन कई जायरीन को वापस लौटना होता है. ऐसे में वे रात आठ बजे बाद छठी मानकर दरगाह में कुल के छींटे देने लगते हैं. उर्स 6 दिन मनाया जाता है. छठी के दिन दरगाह में छोटे कुल की रस्म निभाई जाती है. इसके साथ ही उर्स संपन्न हो जाता है. छठी के दिन सुबह साल में चार मर्तबा खुलने वाला जन्नती दरवाजा भी बंद कर दिया जाएगा.

जायरीन ने गुलाब जल और केवड़े से धोई दरगाह
जायरीन ने गुलाब जल और केवड़े से धोई दरगाह (ETV Bharat Ajmer)

दरगाह में उमड़ा आस्था का सैलाब : उर्स के मौके पर कुल के छींटे लगाने के लिए दरगाह में हजारों की संख्या में जायरीन पंहुचे. दरगाह बाजार, नला बाजार, अंदर कोट, पन्नी ग्राम चौक में भीड़ को नियंत्रित करने के लिए बैरिकेडिंग लगाई गई. दरगाह के महफिल खाने में दरगाह दीवान की सदारत में होने वाली पारंपरिक महफिल में भी बड़ी संख्या में जायरीन मौजूद रहे. देर रात तक महफिल में सूफियाना कलाम और पारंपरिक कव्वालियां शाही कव्वालों की ओर से पेश की गई.

भीड़ को नियंत्रित करने के लिए बैरिकेडिंग लगाई गई.
भीड़ को नियंत्रित करने के लिए बैरिकेडिंग लगाई गई. (ETV Bharat Ajmer)

छठी की रस्म के साथ होगा उर्स सम्पन्न : मंगलवार को छठी की रस्म के बाद ख्वाजा गरीब नवाज का उर्स सम्पन्न हो जाएगा. दरगाह के खादिम कुल की रस्म अदा करेंगे. उर्स की आखरी रस्म के तौर पर बड़े कुल की रस्म होती है. खादिम समुदाय के लोग दरगाह में बड़े कुल की रस्म को निभाते हैं. बड़े कुल की रस्म के दौरान खादिम एक दूसरे की दस्तारबंदी करते हैं.

Last Updated : Jan 7, 2025, 11:30 AM IST
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