जयपुर. उत्तराखंड सरकार द्वारा नर्सेज के पदनाम नर्सिंग ऑफिसर और सीनियर नर्सिंग ऑफिसर कर दिए गए हैं. लेकिन राजस्थान के नर्सेज का पदनाम परिवर्तन नहीं करने के कारण राजस्थान की नर्सेज मायूस और सरकार की उदासीनता से नाराज हैं.
राजस्थान नर्सेज एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष खुशी राम मीणा ने बताया कि कोविड-19 वैश्विक महामारी में नर्सेज ने राजस्थान को स्वास्थ्य विभाग में अव्वल रखा है और इसी दरमियान नर्सेज ने रक्तदान शिविरों का भी आयोजन किया है. उसके बावजूद भी सरकार द्वारा नर्सेज की अनदेखी के कारण नर्सेज में गहरा रोष व्याप्त है. राजस्थान सरकार द्वारा समय रहते हुए नर्सेज के पद नाम परिवर्तन नहीं किए तो जल्दी ही नर्सेज आंदोलन की राह पकड़ लेंगे.
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संगठन के प्रदेश महामंत्री पवन जादौन ने बताया कि आज शासन सचिवालय स्थित मुख्यमंत्री कार्यालय व चिकित्सा विभाग के अधिकारियों को नर्सेज की पदनाम से संबंधित समस्या का समाधान के लिए पत्र प्रेषित किए हैं. अनुशासन समिति के चेयरमैन अशोक सपोटरा ने सरकार द्वारा 9 जून 2020 को लिखित समझौते को दोहराया और कहा कि राज्य सरकार को संवेदनशीलता रखते हुए नर्सेज को राहत प्रदान करनी चाहिए. ऐसे में यदि नर्सेज का पदनाम नर्सिंग ऑफिसर कर दिया जाए तो लगभग 60,000 नर्सेज लाभान्वित होंगे.
नर्सेज के पदनाम में नर्सिंग ट्यूटर को व्याख्याता नर्स ग्रेड प्रथम को सीनियर नर्सिंग ऑफीसर नर्स ग्रेड द्वितीय को नर्सिंग ऑफिसर किया जाना प्रस्तावित है. वहीं, शासन सचिवालय में अधिकारियों से मुलाकात के दौरान महासंघ के प्रदेश अध्यक्ष गजेंद्र सिंह राठौड़, जिला अध्यक्ष जयपुर बालकृष्ण शर्मा, संयुक्त सचिव विनोद शर्मा, सिस्टर सुनीता, कार्यकारी प्रदेश अध्यक्ष विवेक यादव, उपाध्यक्ष विनोद चौधरी सहित नर्सेज मौजूद रहे.