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एग्जाम ड्रेस कोड के आदेश पर बेरोजगार नेता और छात्र संगठनों ने रखी पुनर्विचार की मांग - OPPOSITION OF NEW EXAM DRESS CODE

राजस्थान कर्मचारी चयन बोर्ड की ओर से नया ड्रेस कोड लागू करने के आदेश पर युवाओं ने पुनर्विचार की मांग की है.

opposition of new exam dress code
कर्मचारी चयन बोर्ड की परीक्षा में अभ्यर्थियों की जांच करते हुए (ETV Bharat Jaipur)
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Jan 20, 2025, 6:18 PM IST

जयपुर: राजस्थान कर्मचारी चयन बोर्ड (RSMSSB) के अध्यक्ष आलोक राज की ओर से जारी ड्रेस कोड के नए आदेश ने अभ्यर्थियों के बीच हलचल मचा दी है. आदेश के अनुसार, सभी पुरुष और महिला अभ्यर्थियों को परीक्षा केंद्र में मेटल चैन और मेटल जिप वाले जींस, पैंट या जैकेट पहनने की अनुमति नहीं होगी. यदि कोई अभ्यर्थी ऐसे कपड़े पहनकर परीक्षा केंद्र पहुंचता है तो उसे परीक्षा केंद्र में प्रवेश से वंचित कर दिया जाएगा. हालांकि प्रदेश के युवा और बेरोजगारों ने इस फैसले पर अपने विचार करते हुए वापस लेने की मांग की है.

राजस्थान कर्मचारी चयन बोर्ड की ओर से कराई जाने वाली भर्ती परीक्षाओं की सुरक्षा और निष्पक्षता सुनिश्चित करने के उद्देश्य से लिया गया फैसला अभ्यर्थियों को रास नहीं आ रहा है. बोर्ड अध्यक्ष मेजर जनरल आलोक राज ने बताया कि मेटल डिटेक्टर से होने वाली जांच में रुकावट और किसी भी संभावित धोखाधड़ी को रोकने के लिए परीक्षा केंद्र में मेटल चैन और मेटल जिप वाले जींस, पैंट या जैकेट पहनने की अनुमति नहीं देना आवश्यक समझा गया.

पढ़ें: अब कुर्ता पजामा पहनकर ही दे सकेंगे एग्जाम! कर्मचारी चयन बोर्ड ने ड्रेस कोड में किया बदलाव

निर्णय का विरोध शुरू: उधर, निर्णय सार्वजनिक होने के साथ ही विरोध भी शुरू हो गया है. बेरोजगार नेता मनोज मीणा ने इस पर नाराजगी जताते हुए कहा कि बोर्ड अध्यक्ष को इस मामले पर एक बार फिर विचार करना चाहिए. ये आदेश अभ्यर्थियों के लिए अनावश्यक कठिनाई पैदा कर सकता है. परीक्षा में भाग लेने वाले अधिकांश युवा साधारण कपड़े पहनते हैं और ऐसे नियम उनकी परेशानी बढ़ाएंगे. उन्होंने सुझाव दिया कि परीक्षा केंद्रों पर जांच प्रक्रिया को और सख्त और पारदर्शी बनाया जा सकता है, लेकिन अभ्यर्थियों के कपड़ों को लेकर ऐसे कठोर नियम लागू करना उचित नहीं है. वहीं छात्र संगठनों ने भी इस फैसले का विरोध करते हुए फरमान वापस लेने की मांग की है.

सोशल मीडिया के जरिए जताई चिंता: अभ्यर्थियों ने सोशल मीडिया पर भी इस आदेश को लेकर अपनी चिंता व्यक्त की है. कई युवाओं का कहना था कि ये आदेश न केवल असुविधाजनक है, बल्कि परीक्षा केंद्र तक पहुंचने में देरी का कारण भी बन सकता है. देखना होगा कि बोर्ड इस मामले में किसी बदलाव पर विचार करता है या नहीं.

जयपुर: राजस्थान कर्मचारी चयन बोर्ड (RSMSSB) के अध्यक्ष आलोक राज की ओर से जारी ड्रेस कोड के नए आदेश ने अभ्यर्थियों के बीच हलचल मचा दी है. आदेश के अनुसार, सभी पुरुष और महिला अभ्यर्थियों को परीक्षा केंद्र में मेटल चैन और मेटल जिप वाले जींस, पैंट या जैकेट पहनने की अनुमति नहीं होगी. यदि कोई अभ्यर्थी ऐसे कपड़े पहनकर परीक्षा केंद्र पहुंचता है तो उसे परीक्षा केंद्र में प्रवेश से वंचित कर दिया जाएगा. हालांकि प्रदेश के युवा और बेरोजगारों ने इस फैसले पर अपने विचार करते हुए वापस लेने की मांग की है.

राजस्थान कर्मचारी चयन बोर्ड की ओर से कराई जाने वाली भर्ती परीक्षाओं की सुरक्षा और निष्पक्षता सुनिश्चित करने के उद्देश्य से लिया गया फैसला अभ्यर्थियों को रास नहीं आ रहा है. बोर्ड अध्यक्ष मेजर जनरल आलोक राज ने बताया कि मेटल डिटेक्टर से होने वाली जांच में रुकावट और किसी भी संभावित धोखाधड़ी को रोकने के लिए परीक्षा केंद्र में मेटल चैन और मेटल जिप वाले जींस, पैंट या जैकेट पहनने की अनुमति नहीं देना आवश्यक समझा गया.

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निर्णय का विरोध शुरू: उधर, निर्णय सार्वजनिक होने के साथ ही विरोध भी शुरू हो गया है. बेरोजगार नेता मनोज मीणा ने इस पर नाराजगी जताते हुए कहा कि बोर्ड अध्यक्ष को इस मामले पर एक बार फिर विचार करना चाहिए. ये आदेश अभ्यर्थियों के लिए अनावश्यक कठिनाई पैदा कर सकता है. परीक्षा में भाग लेने वाले अधिकांश युवा साधारण कपड़े पहनते हैं और ऐसे नियम उनकी परेशानी बढ़ाएंगे. उन्होंने सुझाव दिया कि परीक्षा केंद्रों पर जांच प्रक्रिया को और सख्त और पारदर्शी बनाया जा सकता है, लेकिन अभ्यर्थियों के कपड़ों को लेकर ऐसे कठोर नियम लागू करना उचित नहीं है. वहीं छात्र संगठनों ने भी इस फैसले का विरोध करते हुए फरमान वापस लेने की मांग की है.

सोशल मीडिया के जरिए जताई चिंता: अभ्यर्थियों ने सोशल मीडिया पर भी इस आदेश को लेकर अपनी चिंता व्यक्त की है. कई युवाओं का कहना था कि ये आदेश न केवल असुविधाजनक है, बल्कि परीक्षा केंद्र तक पहुंचने में देरी का कारण भी बन सकता है. देखना होगा कि बोर्ड इस मामले में किसी बदलाव पर विचार करता है या नहीं.

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