चित्तौड़गढ़: गंगरार थाना क्षेत्र के एक गांव के सरकारी स्कूल में संस्था प्रधान और एक शिक्षिका की शर्मनाक हरकत का मामला सोमवार को और गरमा गया. दोनों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग को लेकर ग्रामीण मैदान में उतर गए. ग्रामीणों ने स्कूल भवन पर ताला लगा दिया और प्रदर्शन किया. शिक्षा विभाग की संभाग स्तरीय उच्च अधिकारियों की तीन सदस्यीय टीम भी सालेरा पहुंच गई. उसने ग्रामीण और बच्चों के बयान लिए. ग्रामीणों के आक्रोश को देखते हुए थाना प्रभारी डीपी दाधीच भी टीम के साथ पहुंचे.
शिक्षा विभाग की संयुक्त निदेशक रंजना कोठारी ने बताया कि शीघ्र ही जांच पूरी करके संबंधित शिक्षक और शिक्षिका के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी. कोठारी के नेतृत्व में उदयपुर से अधिकारियों की टीम जांच के लिए आई थी, जैसे ही ग्रामीणों को इस बात का पता चला तो बड़ी संख्या में स्कूल के छात्र, ग्रामीण और महिलाएं स्कूल पहुंच गई. इससे पहले ग्रामीणों ने स्कूल भवन पर ताला लगा दिया.
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गंगरार थाना प्रभारी ने दाधीच ने बताया कि ग्रामीणों को समझा बुझाकर ताला खुलवाया गया. आक्रोशित महिलाओं का कहना था कि संस्था प्रधान और शिक्षिका के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जानी चाहिए. ऐसे शिक्षक को पद पर रहने का कोई अधिकार नहीं है. शिक्षा विभाग की टीम ने ग्रामीण और स्टूडेंट के बयान दर्ज किए. कोठारी ने ग्रामीणों को आश्वासन दिया कि जांच रिपोर्ट शीघ्र ही सरकार को भेज दी जाएगी और संबंधित लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई अमल में लाई जाएगी.
पुलिस में दी रिपोर्ट: थाना प्रभारी ने बताया कि जिला शिक्षा अधिकारी ने दोनों ही शिक्षक शिक्षिका के खिलाफ एक रिपोर्ट दी है, जिसकी जांच की जा रही है. जांच के आधार पर संबंधितों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी. इस बीच पता चला है कि शिक्षिका ने अज्ञात लोगों के खिलाफ वीडियो बनाकर वायरल करने का आरोप लगाते हुए पुलिस को परिवाद दिया गया. शनिवार को ही शिक्षा विभाग ने संस्था प्रधान और शिक्षिका को सस्पेंड कर दिया गया था.वीडियो वायरल होने के बाद से ही शिक्षक और शिक्षिका भूमिगत हैं. आरोपी संस्था प्रधान शिक्षक संगठन का प्रदेश पदाधिकारी भी है.