ETV Bharat / city

बांधों के संरक्षण के लिए क्या कर रही है सरकार : HC - jaipur

राजस्थान हाईकोर्ट ने बांध के संरक्षण के लिए क्या कार्य हुए, यह जानने के लिए नोटिस जारी किया है. खंडपीठ ने नोटिस ह्यूमन सेटेलमेंट टेक्नोलॉजी सेंटर की ओर से दायर जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए दिया.

राजस्थान हाईकोर्ट
author img

By

Published : May 13, 2019, 11:20 PM IST

जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने मुख्य सचिव, प्रमुख वन सचिव, प्रमुख पर्यावरण सचिव, मत्स्य पालन सचिव, प्रमुख राजस्व सचिव, जल संसाधन सचिव, झील प्राधिकरण, जेडीए आयुक्त और डीजीपी को नोटिस जारी किया है. चंदलाई, बरखेड़ा और नेवटा बांध के संरक्षण के लिए क्या कार्य हुए, ये जानने के लिए नोटिस जारी किया गया है.

राजस्थान हाईकोर्ट ने बांध के संरक्षण के लिए जारी किया नोटिस
न्यायाधीश मोहम्मद रफीक और न्यायाधीश एनएस ढड्ढा की खंडपीठ ने यह आदेश ह्यूमन सेटेलमेंट टेक्नोलॉजी सेंटर की ओर से दायर जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए दिया.

याचिका में कहा गया कि राज्य सरकार ने वर्ष 2010 के वेटलैंड नियमों के तहत अब तक वेटलैंड प्राधिकरण नहीं बनाया है. इसके अलावा कई जल स्रोतों को वेटलैंड भी घोषित नहीं किया गया है, जिसके चलते प्रदेश में जल स्त्रोतों का संरक्षण भी नहीं हो रहा है.
याचिका में कहा गया कि चंदलाई, बरखेड़ा और नेवटा बांध स्थानीय ग्रामीणों के लिए प्रमुख जल स्त्रोत है. इन बांधों पर हर साल प्रवासी पक्षी भी आते हैं. वहीं अब उपेक्षा के चलते यह बांध खत्म हो रहे हैं.एक ओर जहां बांध क्षेत्र में लोगों ने अतिक्रमण कर रखे हैं, वहीं पानी की चोरी के साथ ही केचमेंट एरिया में रेस्त्रां आदि व्यावसायिक गतिविधियां संचालित की जा रही है. इस पर सुनवाई करते हुए खंडपीठ ने संबंधित अधिकारियों को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है.

जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने मुख्य सचिव, प्रमुख वन सचिव, प्रमुख पर्यावरण सचिव, मत्स्य पालन सचिव, प्रमुख राजस्व सचिव, जल संसाधन सचिव, झील प्राधिकरण, जेडीए आयुक्त और डीजीपी को नोटिस जारी किया है. चंदलाई, बरखेड़ा और नेवटा बांध के संरक्षण के लिए क्या कार्य हुए, ये जानने के लिए नोटिस जारी किया गया है.

राजस्थान हाईकोर्ट ने बांध के संरक्षण के लिए जारी किया नोटिस
न्यायाधीश मोहम्मद रफीक और न्यायाधीश एनएस ढड्ढा की खंडपीठ ने यह आदेश ह्यूमन सेटेलमेंट टेक्नोलॉजी सेंटर की ओर से दायर जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए दिया.

याचिका में कहा गया कि राज्य सरकार ने वर्ष 2010 के वेटलैंड नियमों के तहत अब तक वेटलैंड प्राधिकरण नहीं बनाया है. इसके अलावा कई जल स्रोतों को वेटलैंड भी घोषित नहीं किया गया है, जिसके चलते प्रदेश में जल स्त्रोतों का संरक्षण भी नहीं हो रहा है.
याचिका में कहा गया कि चंदलाई, बरखेड़ा और नेवटा बांध स्थानीय ग्रामीणों के लिए प्रमुख जल स्त्रोत है. इन बांधों पर हर साल प्रवासी पक्षी भी आते हैं. वहीं अब उपेक्षा के चलते यह बांध खत्म हो रहे हैं.एक ओर जहां बांध क्षेत्र में लोगों ने अतिक्रमण कर रखे हैं, वहीं पानी की चोरी के साथ ही केचमेंट एरिया में रेस्त्रां आदि व्यावसायिक गतिविधियां संचालित की जा रही है. इस पर सुनवाई करते हुए खंडपीठ ने संबंधित अधिकारियों को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है.

Intro:जयपुर। राजस्थान हाईकोर्ट ने मुख्य सचिव, प्रमुख वन सचिव, प्रमुख पर्यावरण सचिव, मत्स्य पालन सचिव, प्रमुख राजस्व सचिव, जल संसाधन सचिव, झील प्राधिकरण, जेडीए आयुक्त और डीजीपी को नोटिस जारी कर पूछा है कि चंदलाई, बरखेड़ा और नेवटा बांध के संरक्षण के लिए क्या किया जा रहा है। न्यायाधीश मोहम्मद रफीक और न्यायाधीश एनएस ढड्ढा की खंडपीठ ने यह आदेश ह्यूमन सेटेलमेंट टेक्नोलॉजी सेंटर की ओर से दायर जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए दिए।


Body:याचिका में कहा गया कि राज्य सरकार ने वर्ष 2010 के वेटलैंड नियमों के तहत अब तक वेटलैंड प्राधिकरण नहीं बनाया है। इसके अलावा कई जल स्रोतों को वेटलैंड भी घोषित नहीं किया गया है। जिसके चलते प्रदेश में जल स्त्रोतों का संरक्षण भी नहीं हो रहा है। याचिका में कहा गया कि चंदलाई, बरखेड़ा और नेवटा बांध स्थानीय ग्रामीणों के लिए प्रमुख जल स्त्रोत है। इन बांधों पर हर साल प्रवासी पक्षी भी आते हैं। वहीं अब उपेक्षा के चलते यह बांध खत्म हो रहे हैं। बांध क्षेत्र में लोगों ने अतिक्रमण कर रखे हैं। वहीं पानी की चोरी के साथ ही केचमेंट एरिया में रेस्त्रां आदि व्यावसायिक गतिविधियां संचालित की जा रही है। जिस पर सुनवाई करते हुए खंडपीठ ने संबंधित अधिकारियों को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है।


Conclusion:
ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.