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राजस्थान हाईकोर्ट: सेवानिवृत्त कर्मचारी को मेडिकल राशि पुनर्भरण नहीं करने पर मांगा जवाब - Rajasthan Highcourt Latest News

राजस्थान हाईकोर्ट ने सेवानिवृत्त शिक्षक को उसकी पत्नी की बीमारी पर किए गए मेडिकल खर्चों की राशि का पुनर्भरण नहीं करने पर प्रमुख वित्त सचिव, निदेशक कोष और कोषाधिकारी, जयपुर सहित अन्य को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है. न्यायाधीश इंद्रजीत सिंह ने यह आदेश शिवदयाल गुप्ता की याचिका पर दिया.

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राजस्थान हाईकोर्ट
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Published : Aug 18, 2020, 7:03 PM IST

जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने सेवानिवृत्त शिक्षक को उसकी पत्नी की बीमारी पर किए गए मेडिकल खर्चों की राशि का पुनर्भरण नहीं करने पर प्रमुख वित्त सचिव, निदेशक कोष और कोषाधिकारी, जयपुर सहित अन्य को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है. न्यायाधीश इंद्रजीत सिंह ने यह आदेश शिवदयाल गुप्ता की याचिका पर दिया.

पढ़ें: राजस्थान हाईकोर्ट ने पूछा, प्रावधान के बावजूद शिक्षक दंपती को एक स्थान पर नियुक्ति क्यों नहीं?

याचिका में अधिवक्ता विजय पाठक ने अदालत को बताया कि याचिकाकर्ता की पत्नी के कैंसर रोग से पीड़ित होने पर उसे मुंबई के कैंसर अस्पताल में दिखाया गया. अस्पताल की सलाह पर याचिकाकर्ता ने पत्नी को जयपुर के भगवान महावीर कैंसर हॉस्पिटल एंड रिसर्च सेंटर में इलाज के लिए सितंबर 2019 में भर्ती करा दिया. जहां मरीज को समय-समय पर थेरेपी दी गई. पत्नी के इलाज के लिए याचिकाकर्ता ने करीब सवा लाख रुपए खर्च किए. जिसके पुनर्भरण के लिए उसने शहर के कोष कार्यालय में आवेदन किया, लेकिन कार्यालय ने चिकित्सा की आवश्यकता को अर्जेंट श्रेणी का नहीं बताते हुए आवेदन लौटा दिया.

याचिका में कहा गया कि मरीज को कैंसर जैसी गंभीर बीमारी थी. जिसके चलते उसे बार-बार थेरेपी की जरूरत पड़ती थी. इसके अलावा सेवानिवृत्त राजकीय कर्मचारियों और उसके परिजनों की बीमारी पर हुए खर्च का पुनर्भरण करना राज्य सरकार की जिम्मेदारी है. जिस पर सुनवाई करते हुए एकलपीठ ने संबंधित अधिकारियों को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है.

जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने सेवानिवृत्त शिक्षक को उसकी पत्नी की बीमारी पर किए गए मेडिकल खर्चों की राशि का पुनर्भरण नहीं करने पर प्रमुख वित्त सचिव, निदेशक कोष और कोषाधिकारी, जयपुर सहित अन्य को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है. न्यायाधीश इंद्रजीत सिंह ने यह आदेश शिवदयाल गुप्ता की याचिका पर दिया.

पढ़ें: राजस्थान हाईकोर्ट ने पूछा, प्रावधान के बावजूद शिक्षक दंपती को एक स्थान पर नियुक्ति क्यों नहीं?

याचिका में अधिवक्ता विजय पाठक ने अदालत को बताया कि याचिकाकर्ता की पत्नी के कैंसर रोग से पीड़ित होने पर उसे मुंबई के कैंसर अस्पताल में दिखाया गया. अस्पताल की सलाह पर याचिकाकर्ता ने पत्नी को जयपुर के भगवान महावीर कैंसर हॉस्पिटल एंड रिसर्च सेंटर में इलाज के लिए सितंबर 2019 में भर्ती करा दिया. जहां मरीज को समय-समय पर थेरेपी दी गई. पत्नी के इलाज के लिए याचिकाकर्ता ने करीब सवा लाख रुपए खर्च किए. जिसके पुनर्भरण के लिए उसने शहर के कोष कार्यालय में आवेदन किया, लेकिन कार्यालय ने चिकित्सा की आवश्यकता को अर्जेंट श्रेणी का नहीं बताते हुए आवेदन लौटा दिया.

याचिका में कहा गया कि मरीज को कैंसर जैसी गंभीर बीमारी थी. जिसके चलते उसे बार-बार थेरेपी की जरूरत पड़ती थी. इसके अलावा सेवानिवृत्त राजकीय कर्मचारियों और उसके परिजनों की बीमारी पर हुए खर्च का पुनर्भरण करना राज्य सरकार की जिम्मेदारी है. जिस पर सुनवाई करते हुए एकलपीठ ने संबंधित अधिकारियों को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है.

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