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मापदंड से कम परिणाम देने पर व्याख्याता को दंडित करने पर हाईकोर्ट ने लगाई रोक - Rajasthan Hindi News

राजस्थान हाईकोर्ट ने करौली की स्कूल व्याख्याता पर लगाई गई पेनल्टी पर रोक लगा दी है. वहीं अदालत ने तय मापदंड से कम परीक्षा परिणाम देने पर याचिकाकर्ता को दंडित करने पर रोक लगाते हुए संबंधित अधिकारियों को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है.

penalty imposed on karauli school lecturer
व्याख्याता को दंडित करने पर हाईकोर्ट ने लगाई रोक
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Published : Aug 27, 2022, 5:43 PM IST

जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट (Rajasthan High Court) ने करौली में तैनात स्कूल व्याख्याता को तय मापदंड से कम परीक्षा परिणाम देने पर लगाई गई पेनल्टी पर रोक लगा दी है. इसके साथ ही अदालत ने प्रमुख शिक्षा सचिव और माध्यमिक शिक्षा निदेशक सहित अन्य को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है. जस्टिस इन्द्रजीत सिंह ने यह आदेश शिवकुमार की याचिका पर दिए.

याचिका में अधिवक्ता विजय पाठक ने बताया कि याचिकाकर्ता स्कूल व्याख्याता का हर साल परीक्षा परिणाम (penalty imposed on karauli school lecturer) उत्कृष्ट रहता है. वहीं एक कक्षा का एक साल का परिणाम तय मापदंड से कम आ गया. जिसके चलते याचिकाकर्ता को चार्जशीट दी गई और माध्यमिक शिक्षा निदेशक ने 2 दिसंबर 2020 को उसकी दो वार्षिक वेतन वृद्धि रोक ली गई. वहीं इस आदेश की अपील पर प्रमुख शिक्षा सचिव ने दंड को कम करते हुए परिनिंदा से दंडित किया.

पढ़ें. हाईकोर्ट ने पूछा, छह साल में चिकित्सा सुविधा पर जारी बजट में से कितना प्रयोग हुआ

याचिका में कहा गया कि कम परीक्षा परिणाम के आधार पर किसी शिक्षक को दंडित नहीं किया जा सकता है. उसने पूरे साल छात्रों को पढाया था, लेकिन हर छात्र का पढ़ने का स्तर एक जैसा नहीं होता है. इसके अलावा पूर्व में याचिकाकर्ता का परीक्षा परिणाम उत्कृष्ट रहा है. ऐसे में उसको दंडित करने के आदेश को रद्द किया जाए. जिस पर सुनवाई करते हुए एकलपीठ ने याचिकाकर्ता को दंडित करने पर रोक लगाते हुए संबंधित अधिकारियों को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है.

जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट (Rajasthan High Court) ने करौली में तैनात स्कूल व्याख्याता को तय मापदंड से कम परीक्षा परिणाम देने पर लगाई गई पेनल्टी पर रोक लगा दी है. इसके साथ ही अदालत ने प्रमुख शिक्षा सचिव और माध्यमिक शिक्षा निदेशक सहित अन्य को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है. जस्टिस इन्द्रजीत सिंह ने यह आदेश शिवकुमार की याचिका पर दिए.

याचिका में अधिवक्ता विजय पाठक ने बताया कि याचिकाकर्ता स्कूल व्याख्याता का हर साल परीक्षा परिणाम (penalty imposed on karauli school lecturer) उत्कृष्ट रहता है. वहीं एक कक्षा का एक साल का परिणाम तय मापदंड से कम आ गया. जिसके चलते याचिकाकर्ता को चार्जशीट दी गई और माध्यमिक शिक्षा निदेशक ने 2 दिसंबर 2020 को उसकी दो वार्षिक वेतन वृद्धि रोक ली गई. वहीं इस आदेश की अपील पर प्रमुख शिक्षा सचिव ने दंड को कम करते हुए परिनिंदा से दंडित किया.

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याचिका में कहा गया कि कम परीक्षा परिणाम के आधार पर किसी शिक्षक को दंडित नहीं किया जा सकता है. उसने पूरे साल छात्रों को पढाया था, लेकिन हर छात्र का पढ़ने का स्तर एक जैसा नहीं होता है. इसके अलावा पूर्व में याचिकाकर्ता का परीक्षा परिणाम उत्कृष्ट रहा है. ऐसे में उसको दंडित करने के आदेश को रद्द किया जाए. जिस पर सुनवाई करते हुए एकलपीठ ने याचिकाकर्ता को दंडित करने पर रोक लगाते हुए संबंधित अधिकारियों को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है.

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