ETV Bharat / city

दिव्यांग कैटेगरी के लाभ से वंचित करने पर राजस्थान हाई कोर्ट ने मांगा जवाब

राजस्थान हाईकोर्ट ने एनएचएम के तहत सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारी भर्ती-2020 में अभ्यर्थी को दिव्यांग कैटेगरी के लाभ से वंचित करने पर प्रमुख चिकित्सा सचिव और नेशनल हेल्थ मिशन को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है.

राजस्थान हाई कोर्ट, Rajasthan High Court
राजस्थान हाई कोर्ट
author img

By

Published : Aug 28, 2021, 7:14 PM IST

जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने एनएचएम के तहत सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारी भर्ती-2020 में अभ्यर्थी को दिव्यांग कैटेगरी के लाभ से वंचित करने पर प्रमुख चिकित्सा सचिव और नेशनल हेल्थ मिशन को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है. न्यायाधीश इन्द्रजीत सिंह ने यह आदेश राहुल शर्मा व अन्य की याचिका पर दिए.

याचिका में अधिवक्ता सुखदेव सिंह सोलंकी ने अदालत को बताया कि याचिकाकर्ता के पास उपयुक्त दिव्यांग प्रमाण पत्र है और इसके आधार पर उसने जीएनएम ट्रेनिंग कोर्स किया है. भर्ती में याचिकाकर्ता कट ऑफ में स्थान रखता है, लेकिन विभाग ने उसका पुन: मेडिकल करवा कर उसकी दिव्यांगता की प्रतिशत को कम कर दिया.

यह भी पढ़ेंः कांग्रेस विधायक का अपनी ही सरकार पर सवाल, बोले- खनन में बंधी है सबकी मंथली...अमित मालवीय ने कहा- जवाब गहलोत देंगे या राहुल?

याचिका में कहा गया कि कानूनी रूप से विभाग को उसकी दिव्यांगता का परीक्षण करने का अधिकार है. इसके अलावा दिव्यांग कैटेगरी के पद भी खाली चल रहे हैं. ऐसे में याचिकाकर्ता को दिव्यांग कैटेगरी से बाहर नहीं किया जा सकता, जिस पर सुनवाई करते हुए एकलपीठ ने संबंधित अधिकारियों से जवाब तलब किया है.

जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने एनएचएम के तहत सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारी भर्ती-2020 में अभ्यर्थी को दिव्यांग कैटेगरी के लाभ से वंचित करने पर प्रमुख चिकित्सा सचिव और नेशनल हेल्थ मिशन को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है. न्यायाधीश इन्द्रजीत सिंह ने यह आदेश राहुल शर्मा व अन्य की याचिका पर दिए.

याचिका में अधिवक्ता सुखदेव सिंह सोलंकी ने अदालत को बताया कि याचिकाकर्ता के पास उपयुक्त दिव्यांग प्रमाण पत्र है और इसके आधार पर उसने जीएनएम ट्रेनिंग कोर्स किया है. भर्ती में याचिकाकर्ता कट ऑफ में स्थान रखता है, लेकिन विभाग ने उसका पुन: मेडिकल करवा कर उसकी दिव्यांगता की प्रतिशत को कम कर दिया.

यह भी पढ़ेंः कांग्रेस विधायक का अपनी ही सरकार पर सवाल, बोले- खनन में बंधी है सबकी मंथली...अमित मालवीय ने कहा- जवाब गहलोत देंगे या राहुल?

याचिका में कहा गया कि कानूनी रूप से विभाग को उसकी दिव्यांगता का परीक्षण करने का अधिकार है. इसके अलावा दिव्यांग कैटेगरी के पद भी खाली चल रहे हैं. ऐसे में याचिकाकर्ता को दिव्यांग कैटेगरी से बाहर नहीं किया जा सकता, जिस पर सुनवाई करते हुए एकलपीठ ने संबंधित अधिकारियों से जवाब तलब किया है.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.