जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने सोमवार को राज्य सरकार से पूछा कि सांभर झील इलाके में प्रवासी और स्थानीय पक्षियों की अप्राकृतिक मौत को रोकने के लिए क्या नीति बनाई गई है. इसके साथ ही कोर्ट ने झील से सभी मृत पक्षियों को हटाकर उनका पोस्टमॉर्टम करने के लिए कहा है. मुख्य न्यायाधीश इंद्रजीत महांती और न्यायाधीश सतीश कुमार शर्मा की खंडपीठ ने ये आदेश मामले में लिए गए स्वप्रेरित प्रसंज्ञान पर सुनवाई करते हुए दिया.
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साथ ही हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को ये भी निर्देश दिए हैं कि झील के पास उचित स्थान पर अस्थाई नर्सरी स्थापित की जाए, जिससे घायल और बीमार पक्षियों का समय पर इलाज और देखभाल हो सके. हाईकोर्ट ने कहा कि सांभर झील इलाके में 9 मई और 10 मई को मृत मिले पक्षियों की मौत का कारण जानने के लिए उनका पोस्टमॉर्टम कराया जाए.
सुनवाई के दौरान अधिवक्ता नितिन जैन की ओर से प्रार्थना-पत्र दायर कर कहा गया कि पिछले कुछ दिनों से सांभर झील में वापस प्रवासी पक्षियों की मौत हो रही है. इसे रोकने के लिए संबंधित विभाग कोई कार्रवाई नहीं कर रहे हैं. यहां तक कि मौके पर पक्षियों की देखभाल के लिए नर्सरी तक नहीं है. नर्सरी कई किलोमीटर दूर होने के कारण कई पक्षियों को एक साथ वहां भेजा जाता है. इसके चलते इनमें से कई पक्षियों की मौत हो जाती है.
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वहीं, राज्य सरकार की ओर से कहा गया कि पक्षियों की अप्राकृतिक मौत के कारणों की जांच की जा रही है. इसके अलावा मौके से मृत पक्षियों को भी हटाया गया है. इस पर सुनवाई करते हुए खंडपीठ ने इस संबंध में राज्य सरकार को नीति पेश करने का आदेश देते हुए अन्य दिशा-निर्देश जारी किए हैं. हाईकोर्ट में मामले की अगली सुनवाई 3 जुलाई को होगी.