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आंगनबाड़ी कार्यकर्ता पद पर नियुक्ति देने पर हाई कोर्ट ने लगाई रोक

राजस्थान हाईकोर्ट ने करौली की सपोटरा तहसील के आंगनबाडी केन्द्र पर कार्यकर्ता की नई भर्ती पर रोक लगा दी है. न्यायाधीश सतीश कुमार शर्मा की एकलपीठ ने यह आदेश बेबी शर्मा की याचिका पर दिए.

राजस्थान हाईकोर्ट, Rajasthan High Court
राजस्थान हाईकोर्ट
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Published : Apr 10, 2021, 10:39 PM IST

जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने करौली की सपोटरा तहसील के आंगनबाडी केन्द्र पर कार्यकर्ता की नई भर्ती पर रोक लगा दी है. न्यायाधीश सतीश कुमार शर्मा की एकलपीठ ने यह आदेश बेबी शर्मा की याचिका पर दिए.

हाई कोर्ट ने लगाई रोक

याचिका में अधिवक्ता विजय पाठक ने अदालत को बताया कि याचिकाकर्ता साल 2012 से लगातार आंगनबाड़ी केन्द्र में मानदेय पर काम कर रही है. वर्ष 2018 में झूठी शिकायत पर उसे सुनवाई का मौका दिए बिना हटा दिया गया था. इस पर हाईकोर्ट ने संबंधित अधिकारियों से जवाब मांगा था.

यह भी पढ़ेंः जोधपुर: चांचलवा गांव में मिला एयरफोर्स के हेलीकॉप्टर से गिरा बारूद का बैरल

वहीं, अब याचिका के लंबित रहने के दौरान राज्य सरकार आंगनबाड़ी केन्द्र में कार्यकर्ता की नई भर्ती के लिए आवेदन मांग रही है. याचिका में कहा गया कि अगर याचिका के लंबित रहने के दौरान केन्द्र में नई नियुक्ति दी गई तो तृतीय पक्ष के अधिकार सृजित हो जाएंगे. ऐसे में याचिका के निस्तारण से पहले नई भर्ती करना उचित नहीं है, जिस पर सुनवाई करते हुए एकलपीठ ने याचिका के निस्तारण कर नई भर्ती करने पर रोक लगा दी है.

जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने करौली की सपोटरा तहसील के आंगनबाडी केन्द्र पर कार्यकर्ता की नई भर्ती पर रोक लगा दी है. न्यायाधीश सतीश कुमार शर्मा की एकलपीठ ने यह आदेश बेबी शर्मा की याचिका पर दिए.

हाई कोर्ट ने लगाई रोक

याचिका में अधिवक्ता विजय पाठक ने अदालत को बताया कि याचिकाकर्ता साल 2012 से लगातार आंगनबाड़ी केन्द्र में मानदेय पर काम कर रही है. वर्ष 2018 में झूठी शिकायत पर उसे सुनवाई का मौका दिए बिना हटा दिया गया था. इस पर हाईकोर्ट ने संबंधित अधिकारियों से जवाब मांगा था.

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वहीं, अब याचिका के लंबित रहने के दौरान राज्य सरकार आंगनबाड़ी केन्द्र में कार्यकर्ता की नई भर्ती के लिए आवेदन मांग रही है. याचिका में कहा गया कि अगर याचिका के लंबित रहने के दौरान केन्द्र में नई नियुक्ति दी गई तो तृतीय पक्ष के अधिकार सृजित हो जाएंगे. ऐसे में याचिका के निस्तारण से पहले नई भर्ती करना उचित नहीं है, जिस पर सुनवाई करते हुए एकलपीठ ने याचिका के निस्तारण कर नई भर्ती करने पर रोक लगा दी है.

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