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राजस्थान हाई कोर्ट ने पूछा- बिना आदेश कैसे जारी किया लाइसेंस

राजस्थान हाईकोर्ट ने परिवहन आयुक्त और दौसा आरटीओ सहित अन्य को नोटिस जारी कर पूछा है कि बिना आदेश जारी किए सिकंदरा से गुढ़ा रामचंदजी मार्ग पर बस चलाने का लाइसेंस कैसे जारी किया गया. न्यायाधीश अशोक गौड़ ने यह आदेश धर्म सिंह की याचिका पर दिए.

राजस्थान हाई कोर्ट, Rajasthan High Court
राजस्थान हाई कोर्ट
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Published : Mar 25, 2021, 10:32 PM IST

जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने परिवहन आयुक्त और दौसा आरटीओ सहित अन्य को नोटिस जारी कर पूछा है कि बिना आदेश जारी किए सिकंदरा से गुढ़ा रामचंदजी मार्ग पर बस चलाने का लाइसेंस कैसे जारी किया गया. न्यायाधीश अशोक गौड़ ने यह आदेश धर्म सिंह की याचिका पर दिए.

याचिका में अधिवक्ता सतीश खंडेलवाल ने अदालत को बताया कि मोटर वाहन अधिनियम के तहत बस चलाने के लिए लाइसेंस जारी करने से पूर्व विभाग की ओर से आदेश जारी किया जाता है, ताकि कोई विवाद होने पर आदेश को अपीलीय अधिकरण में चुनौती दी जा सके, इसके बावजूद दौसा आरटीओ ने बिना कोई आदेश जारी किए सीधे अपनी पसंद के लोगों को सिकंदरा से गुढ़ा रामचंदजी तक बस चलाने का लाइसेंस दे दिया.

यह भी पढ़ेंः अय्याशी के नाम पर नर्सरी में ले जाकर दोस्त ने दोस्त का गला काटा, दोनों UP के हैं निवासी

मामले को अपीलीय अधिकरण में उठाने पर अधिकरण ने इस संबंध में आदेश जारी नहीं होने का हवाला देते हुए प्रकरण को खारिज कर दिया. इसके खिलाफ दायर याचिका में कहा गया कि दौसा आरटीओ कार्यालय में भ्रष्टाचार हो रहा है. अधिकारी बिना आदेश पारित किए सीधे ही लाइसेंस दे रहे हैं, जिस पर सुनवाई करते हुए एकलपीठ ने संबंधित अधिकारियों को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है.

जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने परिवहन आयुक्त और दौसा आरटीओ सहित अन्य को नोटिस जारी कर पूछा है कि बिना आदेश जारी किए सिकंदरा से गुढ़ा रामचंदजी मार्ग पर बस चलाने का लाइसेंस कैसे जारी किया गया. न्यायाधीश अशोक गौड़ ने यह आदेश धर्म सिंह की याचिका पर दिए.

याचिका में अधिवक्ता सतीश खंडेलवाल ने अदालत को बताया कि मोटर वाहन अधिनियम के तहत बस चलाने के लिए लाइसेंस जारी करने से पूर्व विभाग की ओर से आदेश जारी किया जाता है, ताकि कोई विवाद होने पर आदेश को अपीलीय अधिकरण में चुनौती दी जा सके, इसके बावजूद दौसा आरटीओ ने बिना कोई आदेश जारी किए सीधे अपनी पसंद के लोगों को सिकंदरा से गुढ़ा रामचंदजी तक बस चलाने का लाइसेंस दे दिया.

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मामले को अपीलीय अधिकरण में उठाने पर अधिकरण ने इस संबंध में आदेश जारी नहीं होने का हवाला देते हुए प्रकरण को खारिज कर दिया. इसके खिलाफ दायर याचिका में कहा गया कि दौसा आरटीओ कार्यालय में भ्रष्टाचार हो रहा है. अधिकारी बिना आदेश पारित किए सीधे ही लाइसेंस दे रहे हैं, जिस पर सुनवाई करते हुए एकलपीठ ने संबंधित अधिकारियों को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है.

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