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राजस्थान सरकार ने जेल नियमों में किया बदलाव, जाति- धर्म के आधार पर नहीं दिए जाएंगे कार्य - जेल नियमों में बदलाव

राज्य सरकार ने जेल नियमों में बदलाव किया है. जाति धर्म के आधार पर अब कैदियों को कार्य नहीं दिए जाएंगे. संशोधित जेल नियमों में 6 माह से कम सजा वालों को सब्जी काटने, खाना पकाने और बर्तन सफाई का काम दिया जाएगा. खाना बनाने वालों को अच्छी ड्रेस और एप्रेन पहनना होगा. जिनका नियमित रूप से परीक्षण किया जाएगा, ताकि किसी भी तरह से संक्रमण फैलने की आशंका नहीं हो.

changes prison rules, jaipur news
सरकार ने जेल नियमों में किया बदलाव...
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Published : Feb 14, 2021, 6:19 PM IST

जयपुर. राज्य सरकार ने जेल नियमों में बदलाव किया है. जाति धर्म के आधार पर अब कैदियों को कार्य नहीं दिए जाएंगे. संशोधित जेल नियमों में 6 माह से कम सजा वालों को सब्जी काटने, खाना पकाने और बर्तन सफाई का काम दिया जाएगा. खाना बनाने वालों को अच्छी ड्रेस और एप्रेन पहनना होगा. जिनका नियमित रूप से परीक्षण किया जाएगा, ताकि किसी भी तरह से संक्रमण फैलने की आशंका नहीं हो.

जेल नियमों में रसोई के कार्य में कुलीन ब्राह्मण ही लगाए जाएंगे, जिसे संशोधित नियमों में हटा दिया गया है. अब जाति धर्म के आधार पर रसोई के कार्य नहीं दिया जाएंगे. जेल नियमों में बदलाव होने से चहेतों को ही काम पर लगाने की शिकायतों पर रोक लगेगी. इसके साथ ही जेलों में बंद लोगों की सेहत में भी सुधार के लिए शुद्ध और स्वच्छ भोजन मिलेगा. जेलों में रसोई और पेशेवर काम जाति धर्म के आधार पर देने और सांसी, कंजर और बावरिया जैसे कुछ जातियों को अपराधी मानने का प्रावधान भी हटा दिया गया है.

पढ़ें: भरतपुर: किसान महापंचायत में जयंत चौधरी ने भाजपा पर साधा निशाना, कहा- केंद्र सरकार के अहम को किसान ही तोड़ेगा

अंग्रेजों के समय जेल कानून के तहत बने नियमों में सफाई बाल काटने जैसे काम जाति और धर्म के आधार पर देने का प्रावधान था. डीजी जेल राजीव दासोत ने नियमों में संशोधन का प्रस्ताव भेजा, जिसके आधार पर सरकार ने नियमों में संशोधन किया है. डीजी जेल राजीव दासोत के मुताबिक, व्यवहारिक तौर पर तो जाति के आधार पर कार्य विभाजन नहीं हो रहा था, लेकिन कानून और नियमों में ऐसे प्रावधान चले आ रहे थे. अब नियमों में भी संशोधन कर दिया गया है. इससे चहेतों को ही बार-बार काम देने की शिकायत पर रोक लगेगी. इसके अलावा स्वास्थ्य परिचारक के रूप में भी उनको ही लगाया जाएगा, जिनकी आधी सजा पूरी हो चुकी हो. बीमारी और अशक्त व्यक्तियों को चिकित्सक की अनुमति के बाद ही काम दिया जा सकेगा.

एडवोकेट के साथ मारपीट...

राजधानी जयपुर में एक एडवोकेट के साथ मारपीट का मामला सामने आया है. एडवोकेट भारत भूषण पारीक ने अशोक नगर थाने में मारपीट और जान को खतरा होने का मामला दर्ज करवाया है. पीड़ित एडवोकेट के मुताबिक, कुछ लोग उनके घर पर आए और जबरन मारपीट करते हुए फ्लैट के नीचे खींच कर ले गए. हमलावरों ने कोर्ट की ओर से कार जप्त करना बताया, लेकिन उनकी कार पर ऋण की किस्त शेष नहीं है. यह बताने के बाद भी आरोपी अभद्रता करने लगे और कार जबरन ले जाने की धमकी दी गई. इसके साथ ही, पीड़ित एडवोकेट ने 36 हजार रुपए चोरी का भी आरोप लगाया है. फिलहाल पुलिस मामले की जांच पड़ताल में जुटी हुई है.

जयपुर. राज्य सरकार ने जेल नियमों में बदलाव किया है. जाति धर्म के आधार पर अब कैदियों को कार्य नहीं दिए जाएंगे. संशोधित जेल नियमों में 6 माह से कम सजा वालों को सब्जी काटने, खाना पकाने और बर्तन सफाई का काम दिया जाएगा. खाना बनाने वालों को अच्छी ड्रेस और एप्रेन पहनना होगा. जिनका नियमित रूप से परीक्षण किया जाएगा, ताकि किसी भी तरह से संक्रमण फैलने की आशंका नहीं हो.

जेल नियमों में रसोई के कार्य में कुलीन ब्राह्मण ही लगाए जाएंगे, जिसे संशोधित नियमों में हटा दिया गया है. अब जाति धर्म के आधार पर रसोई के कार्य नहीं दिया जाएंगे. जेल नियमों में बदलाव होने से चहेतों को ही काम पर लगाने की शिकायतों पर रोक लगेगी. इसके साथ ही जेलों में बंद लोगों की सेहत में भी सुधार के लिए शुद्ध और स्वच्छ भोजन मिलेगा. जेलों में रसोई और पेशेवर काम जाति धर्म के आधार पर देने और सांसी, कंजर और बावरिया जैसे कुछ जातियों को अपराधी मानने का प्रावधान भी हटा दिया गया है.

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अंग्रेजों के समय जेल कानून के तहत बने नियमों में सफाई बाल काटने जैसे काम जाति और धर्म के आधार पर देने का प्रावधान था. डीजी जेल राजीव दासोत ने नियमों में संशोधन का प्रस्ताव भेजा, जिसके आधार पर सरकार ने नियमों में संशोधन किया है. डीजी जेल राजीव दासोत के मुताबिक, व्यवहारिक तौर पर तो जाति के आधार पर कार्य विभाजन नहीं हो रहा था, लेकिन कानून और नियमों में ऐसे प्रावधान चले आ रहे थे. अब नियमों में भी संशोधन कर दिया गया है. इससे चहेतों को ही बार-बार काम देने की शिकायत पर रोक लगेगी. इसके अलावा स्वास्थ्य परिचारक के रूप में भी उनको ही लगाया जाएगा, जिनकी आधी सजा पूरी हो चुकी हो. बीमारी और अशक्त व्यक्तियों को चिकित्सक की अनुमति के बाद ही काम दिया जा सकेगा.

एडवोकेट के साथ मारपीट...

राजधानी जयपुर में एक एडवोकेट के साथ मारपीट का मामला सामने आया है. एडवोकेट भारत भूषण पारीक ने अशोक नगर थाने में मारपीट और जान को खतरा होने का मामला दर्ज करवाया है. पीड़ित एडवोकेट के मुताबिक, कुछ लोग उनके घर पर आए और जबरन मारपीट करते हुए फ्लैट के नीचे खींच कर ले गए. हमलावरों ने कोर्ट की ओर से कार जप्त करना बताया, लेकिन उनकी कार पर ऋण की किस्त शेष नहीं है. यह बताने के बाद भी आरोपी अभद्रता करने लगे और कार जबरन ले जाने की धमकी दी गई. इसके साथ ही, पीड़ित एडवोकेट ने 36 हजार रुपए चोरी का भी आरोप लगाया है. फिलहाल पुलिस मामले की जांच पड़ताल में जुटी हुई है.

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