जयपुर. आखिरकार लंबी सियासत के बाद गहलोत सरकार ने पेट्रोल डीजल पर वैट की दर कम कर दी. लेकिन भाजपा (Rajasthan BJP) वैट की दरों में की गई कटौती से संतुष्ट नहीं है. यही कारण है कि भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया और प्रतिपक्ष के उपनेता राजेंद्र राठौड़ (Rajendra Rathore) ने गहलोत सरकार की ओर से दी गई इस राहत को नाकाफी माना है. साथ ही व्यंगात्मक तरीके से ट्वीट कर प्रदेश सरकार पर तंज कसा है.
बहुत देर कर दी मेहरबां आते-आते..-सतीश पूनिया
मंगलवार देर रात किए गए ट्वीट में सतीश पूनिया (Satish Poonia) ने लिखा कि " बहुत देर कर दी मेहरबां आते-आते.. पूनिया ने यह भी कहा कि राज्य की जनता की यह मांग तो 3 साल पुरानी है. कम से कम दूसरे राज्यों से ही प्रदेश सरकार सीख ले लेती. पूनिया ने लिखा कि बिजली के फ्यूल चार्जेस के बारे में भी प्रदेश सरकार को प्रकाश डालना चाहिए.
इस बीच पूनिया ने यह लिखते हुए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पर तंज कसा कि कांग्रेस के राजस्व की भरपाई का फार्मूला तो आपने शिक्षकों के बीच उजागर कर ही दिया है. पूनिया का इशारा मंगलवार को बिरला सभागार में हुए राज्य स्तरीय शिक्षक सम्मान समारोह में हुए घटनाक्रम की तरफ था.
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देर से ही सही दुरुस्त आए, खानापूर्ति के लिए शुक्रिया- राजेंद्र राठौड़
प्रतिपक्ष के उपनेता राजेंद्र राठौड़ ने भी पेट्रोल और डीजल पर गहलोत सरकार की ओर से की गई वैट की दरों में कमी को नाकाफी बताया. राजेंद्र राठौड़ ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के ट्वीट पर रिप्लाई करते भी लिखा आपने 3 नवंबर को केंद्र सरकार की ओर से 5 और 10 एक्साइज ड्यूटी घटाने के 2 सप्ताह बाद सबसे आखिरी में जनाक्रोश को देखते हुए ऊंट के मुंह में जीरा समान वेट में कमी की है. कम से कम कांग्रेस शासित पड़ोसी राज्य पंजाब के समान तो वैट कम करते. राजेंद्र राठौड़ ने लिखा देश में सर्वाधिक वैट वसूलने राजस्थान में सबसे कम राहत देना दुर्भाग्यपूर्ण है. खैर देर से आए दुरुस्त आए,खानापूर्ति के लिए धन्यवाद.
गौरतलब है कि गहलोत मंत्रिमंडल (Gehlot cabinet) ने मंगलवार को राजस्थान में पेट्रोल पर 4 रुपए और डीजल पर 5 रुपए प्रति लीटर वैट की दर में कमी करने का निर्णय लिया है जो मंगलवार रात 12 बजे बाद से ही लागू माना जाएगा. इससे पहले केंद्र सरकार ने पेट्रोल पर 5 रुपये और डीजल पर 10 रुपये प्रति लीटर एक्साइज ड्यूटी कम की थी. जिसके बाद भाजपा लगातार प्रदेश की गहलोत सरकार पर वैट की दरों में कमी करने के लिए दबाव बना रही थी.