जयपुर. राजस्थान एंबुलेंस कर्मचारी यूनियन की ओर से सोमवार को स्वास्थ्य भवन पर प्रदर्शन किया गया और मांगे नहीं मानने पर गहलोत सरकार को हड़ताल की चेतावनी दी है. एंबुलेंस कर्मचारियों ने एंबुलेंस सेवा प्रदाता कंपनी पर कर्मचारियों को आर्थिक और शारीरिक रूप से परेशान करने का आरोप भी लगाया. यूनियन के पदाधिकारियों का कहना है कि कंपनी की हरकतों के बारे में अधिकारियों को अवगत कराया लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई है.
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मामले को लेकर राजस्थान एंबुलेंस कर्मचारी यूनियन के प्रदेश अध्यक्ष वीरेंद्र सिंह शेखावत का कहना है कि 104 एंबुलेंस कर्मचारियों की समस्याओं और मांगों को लेकर कई बार राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के निदेशक को ज्ञापन दिया गया. एंबुलेंस कर्मचारियों ने 104 एंबुलेंस संचालक मॉडल इमरजेंसी सर्विसेज कंपनी पर आरोप लगाए हैं. कर्मचारियों का कहना है कि 104 एंबुलेंस संचालन करने के लिए कंपनी ने छोटे-छोटे ठेकेदारों की नियुक्ति कर दी है. ठेकेदार एंबुलेंस कर्मचारियों को परेशान कर रहे हैं.
ठेका प्रथा को बंद करने की मांग
शेखावत ने कहा कि राज्य सरकार से एंबुलेंस कर्मचारियों ने ठेका प्रथा को बंद करने की मांग कर रहे हैं. कर्मचारियों ने वेतन नहीं दिया जा रहा है. एंबुलेंस कर्मचारियों का यह भी कहना है कि 104 एंबुलेंस वाहनों का इंश्योरेंस और फिटनेस नहीं है. ऐसे में यदि एंबुलेंस दुर्घटनाग्रस्त होती है तो उसमें ना तो मरीज सुरक्षित है और ना ही एंबुलेंस कर्मचारी. ऐसे में एंबुलेंस कर्मचारियों ने राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के निदेशक के सामने मांगे रखी है. शेखावत ने कहा कि मांगे नहीं मानने पर प्रदेश में एंबुलेंस सर्विसेज ठप कर दी जाएगी.