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आरोपियों को पकड़ने की बजाय पीड़ित को ही नसीहत दे रही पुलिस - जयपुर

साइबर ठगी का शिकार होने पर पुलिस ने सुनवाई नहीं की तो पीड़ित ने कोर्ट का दरवाजा खटखटाया. कोर्ट के आदेश के बाद ही साइबर थाने में प्रकरण दर्ज किया गया. कोर्ट के डर से पुलिस ने प्रकरण तो दर्ज कर लिया लेकिन मामले में पूरी तरह से ढिलाई बरती जा रही है. पीड़ित को ही पुलिस नसीहत दे रही है कि वो आरोपियों को ढूंढकर लाए.

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Published : Aug 2, 2019, 8:46 PM IST

जयपुर. राजधानी में एक बार फिर पीड़ितों के प्रति पुलिस का अजीबोगरीब रवैया देखने को मिला है. साइबर ठगी का शिकार हुए एक पीड़ित को पुलिस ने नसीहत देते हुए आरोपियों पर नजर रखने और खुद ही आरोपियों को पकड़ थाने लेकर आने को कहा है.

वहीं पुलिस द्वारा ऐसा जवाब मिलने पर पीड़ित ने न्याय की आस पूरी तरह से छोड़ दी है. साइबर ठगी का शिकार होने पर जब पूर्व में पुलिस ने सुनवाई नहीं की थी तो पीड़ित ने कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था. कोर्ट के आदेश के बाद ही साइबर थाने में प्रकरण दर्ज किया गया था. कोर्ट के डर से पुलिस ने प्रकरण तो दर्ज कर लिया लेकिन मामले में पूरी तरह से दिलाई बरती जा रही है.

पीड़ित को ही नसीहत दे रही पुलिस

पीड़ित श्याम मंडल ने अपने एक परिचित जीवन विश्वास के खिलाफ 2 लाख रुपए से अधिक की साइबर ठगी करने का प्रकरण दर्ज करवाया था. जुलाई माह में प्रकरण दर्ज होने के बाद भी पुलिस ने आज तक कोई भी कार्रवाई नहीं की. वहीं जब आरोपी जीवन विश्वास और उसके परिजनों को इस बात का पता चला कि उनके खिलाफ पुलिस थाने में रिपोर्ट दर्ज हुई है तो वह अपना मकान बेचकर शहर छोड़ कर भागने की फिराक में जुट गए.

यह भी पढ़ें : राजधानी में पुलिस का महिलाओं से बदसलूकी का VIDEO वायरल...

इस बारे में भी पीड़ित ने पुलिस को सूचना दी लेकिन आरोपियों को पकड़ने के बजाय पुलिस ने खुद ही पीड़ित को आरोपियों पर नजर रखने और उन्हें पकड़कर थाने ले आने की नसीहत दे डाली.

जयपुर. राजधानी में एक बार फिर पीड़ितों के प्रति पुलिस का अजीबोगरीब रवैया देखने को मिला है. साइबर ठगी का शिकार हुए एक पीड़ित को पुलिस ने नसीहत देते हुए आरोपियों पर नजर रखने और खुद ही आरोपियों को पकड़ थाने लेकर आने को कहा है.

वहीं पुलिस द्वारा ऐसा जवाब मिलने पर पीड़ित ने न्याय की आस पूरी तरह से छोड़ दी है. साइबर ठगी का शिकार होने पर जब पूर्व में पुलिस ने सुनवाई नहीं की थी तो पीड़ित ने कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था. कोर्ट के आदेश के बाद ही साइबर थाने में प्रकरण दर्ज किया गया था. कोर्ट के डर से पुलिस ने प्रकरण तो दर्ज कर लिया लेकिन मामले में पूरी तरह से दिलाई बरती जा रही है.

पीड़ित को ही नसीहत दे रही पुलिस

पीड़ित श्याम मंडल ने अपने एक परिचित जीवन विश्वास के खिलाफ 2 लाख रुपए से अधिक की साइबर ठगी करने का प्रकरण दर्ज करवाया था. जुलाई माह में प्रकरण दर्ज होने के बाद भी पुलिस ने आज तक कोई भी कार्रवाई नहीं की. वहीं जब आरोपी जीवन विश्वास और उसके परिजनों को इस बात का पता चला कि उनके खिलाफ पुलिस थाने में रिपोर्ट दर्ज हुई है तो वह अपना मकान बेचकर शहर छोड़ कर भागने की फिराक में जुट गए.

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इस बारे में भी पीड़ित ने पुलिस को सूचना दी लेकिन आरोपियों को पकड़ने के बजाय पुलिस ने खुद ही पीड़ित को आरोपियों पर नजर रखने और उन्हें पकड़कर थाने ले आने की नसीहत दे डाली.

Intro:जयपुर
एंकर- राजधानी में एक बार फिर पीड़ितों के प्रति पुलिस का अजीबोगरीब रवैया देखने को मिला है। साइबर ठगी का शिकार हुए एक पीड़ित को पुलिस ने नसीहत देते हुए आरोपियों पर नजर रखने और खुद ही आरोपियों को पकड़ थाने लेकर आने को कहा है। वहीं पुलिस द्वारा ऐसा जवाब मिलने पर पीड़ित ने न्याय की आस पूरी तरह से छोड़ दी है। साइबर ठगी का शिकार होने पर जब पूर्व में पुलिस ने सुनवाई नहीं की थी तो पीड़ित ने कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था और कोर्ट के आदेश के बाद ही साइबर थाने में प्रकरण दर्ज किया गया था। कोर्ट के डर से पुलिस ने प्रकरण तो दर्ज कर लिया लेकिन मामले में पूरी तरह से दिलाई बरती जा रही है।Body:वीओ- पीड़ित श्याम मंडल ने अपने एक परिचित जीवन विश्वास के खिलाफ 2 लाख रुपए से अधिक की साइबर ठगी करने का प्रकरण दर्ज करवाया था। जुलाई माह में प्रकरण दर्ज होने के बाद भी पुलिस ने आज तक कोई भी कार्रवाई नहीं की। वहीं जब आरोपी जीवन विश्वास और उसके परिजनों को इस बात का पता चला कि उनके खिलाफ पुलिस थाने में रिपोर्ट दर्ज हुई है तो वह अपना मकान बेचकर शहर छोड़ कर भागने की फिराक में जुट गए। इस बारे में भी पीड़ित ने पुलिस को सूचना दी लेकिन आरोपियों को पकड़ने के बजाय पुलिस ने खुद ही पीड़ित को आरोपियों पर नजर रखने और उन्हें पकड़कर थाने ले आने की नसीहत दे डाली।

बाइट- श्याम मंडल, पीड़ित
बाइट- गिर्राज प्रसाद, एडवोकेट- पीड़ित पक्षConclusion:

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