जयपुर. सचिवालय नगर योजना के भूखंडधारियों को (Secretariat City Jaipur) 30 साल से पट्टों का इंतजार है. योजना को बसाने वाली मुहाना गृह निर्माण सहकारी समिति में पट्टे देने के नाम पर तत्कालीन प्रशासक और उपरजिस्ट्रार सुनील चौधरी और भूमाफिया राधेश्याम शर्मा ने करोड़ों रुपए वसूलने का आरोप (Allegation Of Corruption On Registrar For Land Lease In Jaipur) है. वहीं 2018 और 2019 में सहकारी समिति की आमसभा और विशेष आमसभा होने के बाद भी आज तक इन भूखण्डधारियों को भूखंड का कब्जा और जेडीए पट्टा नहीं मिल पाया है.
सचिवालय नगर समिति के अध्यक्ष अशोक मेहता ने बताया कि जांच रिपोर्ट के तथ्यों के अनुसार मुहाना गृह निर्माण समिति के तत्कालीन प्रशासक सुनील कुमार चौधरी और राधेश्याम शर्मा को 2019 में भूखंडधारियों के सत्यापन की राशि समिति के खातों में जमा नहीं कराई. सेम्पल चेकिंग करने पर 57 भूखंडधारियों को समिति के भूखंड बेच कर अर्जित की गई राशि करीब 2 करोड़ 82 लाख रुपए थी.
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सचिवालय नगर समिति के अध्यक्ष ने ये मांग की कि ये राशि उनसे राजस्थान सहकारिता अधिनियम की धारा 57 के तहत दस प्रतिशत ब्याज सहित वसूली जाए. उन्होंने आरोप लगाया कि अन्य भूखंडधारियों से भी इन दोनों ने करोड़ों रुपए वसूले हैं. जांच में भी ये साबित हुआ था कि एक राजकीय अधिकारी के रुप में समिति के प्रशासक रहे सुनील कुमार चौधरी ने भ्रष्टाचार किया. जिसके खिलाफ भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो के तहत प्रकरण दर्ज कराने और सीसीए के तहत अलग से कार्रवाई होनी चाहिए.
मेहता और समिति के अन्य पदाधिकारियों ने बताया कि इस मामले में जयपुर विकास प्राधिकरण की ओर से भी 2010 में भी जांच की गई थी. जिसमें भी सुनील चौधरी को डबल पट्टे और अंतिम सूची में पेश नहीं करने का दोषी माना. बावजूद इसके अभी तक कोई मुकदमा दर्ज नहीं कराया गया.
आपको बता दें कि सचिवालय नगर के भूखण्डधारी 30 साल से अपने पट्टों का इंतजार कर रहे हैं. सरकार के प्रशासन शहरों के संग अभियान में भी दी गई. इसका लाभ न तो भूखंडधारियों को मिल रहा है, और ना ही जेडीए को पट्टों से मिलने वाला राजस्व मिला है.