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सूर्य ग्रहण 2020: 25 साल बाद फिर से राजस्थान बनेगा एक खास नजारे का गवाह, जानें

21 जून 2020 को सूर्य ग्रहण लगने जा रहा है. ऐसे में राजस्थान में दो जगहों पर सूर्य ग्रहण के दौरान सूर्य का सिर्फ 1 प्रतिशत हिस्सा नजर आएगा और कंगन जैसी आकृति देखेगी. इस दिन ग्रहण की छाया राजस्थान में सुबह 10 बजकर 15 मिनट पर सूरतगढ़ और घड़साना से प्रवेश करेगी और करीब 3 घंटे तक संपूर्ण राजस्थान में इसे देखा जा सकेगा.

21 जून को लगेगा सूर्य ग्रहण, solar eclipse on June 21
21 जून को लगेगा सूर्य ग्रहण
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Published : Jun 20, 2020, 3:17 PM IST

जयपुर. 21 जून रविवार को साल का पहला सूर्य ग्रहण दिखाई देगा. राजस्थान में दो जगहों पर सूर्य ग्रहण के दौरान सूर्य का सिर्फ 1 प्रतिशत हिस्सा नजर आएगा और कंगन जैसी आकृति देखेगी. वहीं शेष राजस्थान के लोगों को आंशिक सूर्यग्रहण दिखेगा. राजस्थान के लोग पहली बार वलयाकार सूर्य ग्रहण देख सकेंगे.

21 जून को लगेगा सूर्य ग्रहण

जयपुर के बीएम बिरला तारामंडल के सहायक निर्देशक संदीप भट्टाचार्य के अनुसार 21 जून को होने वाला सूर्य ग्रहण का 1 फीसदी हिस्सा राजस्थान के घड़साना और सूरतगढ़ में दिखाई देगा.इस दिन ग्रहण की छाया राजस्थान में सुबह 10 बजकर 15 मिनट पर सूरतगढ़ और घड़साना से प्रवेश करेगी और करीब 3 घंटे तक संपूर्ण राजस्थान में इसे देखा जा सकेगा.

पढ़ेंः सूर्य ग्रहण पर ज्योतिष गुरु पवन सिन्हा से जानें हरेक सवाल का जवाब

उन्होंने बताया कि, 1995 के पूर्ण ग्रहण में सूर्य एक अंगूठी की तरह देखा था. जबकि इस बार सूर्य कंगन की तरह दिखेगा. संदीप भट्टाचार्य के अनुसार सूर्य के वलय पर चंद्रमा का पूरा आकार नजर आएगा और सूर्य के केंद्र का भाग पूरा काला दिखेगा. जबकि किनारों पर चमक रहेगी. वहीं जयपुर में चंद्रमा सूर्य के 88 प्रतिशत हिस्से को ढका हुआ दिखाई देगा. जबकि बांसवाड़ा में 77, जोधपुर में 89 प्रतिशत और गंगानगर में 97 प्रतिशत सूर्य चंद्रमा की ओट में नजर आएगा.

यह सूर्य ग्रहण पूरे विश्व में कहीं भी देखा जा सकता है और अधिकांश लोगों को आंशिक ग्रहण की नजर आता है. जब भी सूर्य ग्रहण होता है, तो दो चंद्रग्रहण के साथ होता है. इनमें या तो दोनों चंद्रग्रहण उससे पहले होते हैं या एक चंद्रग्रहण सूर्यग्रहण से पहले और दूसरा सूर्यग्रहण के बाद दिखाई देता है, इस बार भी ठीक ऐसा ही हो रहा है.

पढ़ेंः सूर्यग्रहण 2020: कैसा रहेगा 21 जून को लगने वाला चूड़ामणि सूर्यग्रहण... जानिए ज्योतिषाचार्य की राय

बता दे कि, ये सूर्यग्रहण 25 वर्ष पहले 24 अक्टूबर 1995 को हुए सूर्य ग्रहण की याद ताजा कर देगा. उस दिन भी पूर्ण सूर्यग्रहण के चलते दिन में भी अंधेरा छा गया था. चांद की ओट से निकली सूरज की मुद्रिका तब पूरे विश्व में चर्चा का विषय बनी थी. तब इस घटना ने पूरी दुनिया का ध्यान राजस्थान की ओर खींचा था, क्योंकि तब राजस्थान के नीमकाथाना में सूर्य ग्रहण को सबसे ज्यादा पूर्णता के साथ देखा गया था और दुनियाभर से वैज्ञानिक इसे कवर करने राजस्थान पहुंचे थे. पहली बार इस घटना का टीवी पर सीधा प्रसारण किया गया था. अब 21 जून को राजस्थान एक बार फिर इस नजारे का गवाह बनने जा रहा है.

जयपुर. 21 जून रविवार को साल का पहला सूर्य ग्रहण दिखाई देगा. राजस्थान में दो जगहों पर सूर्य ग्रहण के दौरान सूर्य का सिर्फ 1 प्रतिशत हिस्सा नजर आएगा और कंगन जैसी आकृति देखेगी. वहीं शेष राजस्थान के लोगों को आंशिक सूर्यग्रहण दिखेगा. राजस्थान के लोग पहली बार वलयाकार सूर्य ग्रहण देख सकेंगे.

21 जून को लगेगा सूर्य ग्रहण

जयपुर के बीएम बिरला तारामंडल के सहायक निर्देशक संदीप भट्टाचार्य के अनुसार 21 जून को होने वाला सूर्य ग्रहण का 1 फीसदी हिस्सा राजस्थान के घड़साना और सूरतगढ़ में दिखाई देगा.इस दिन ग्रहण की छाया राजस्थान में सुबह 10 बजकर 15 मिनट पर सूरतगढ़ और घड़साना से प्रवेश करेगी और करीब 3 घंटे तक संपूर्ण राजस्थान में इसे देखा जा सकेगा.

पढ़ेंः सूर्य ग्रहण पर ज्योतिष गुरु पवन सिन्हा से जानें हरेक सवाल का जवाब

उन्होंने बताया कि, 1995 के पूर्ण ग्रहण में सूर्य एक अंगूठी की तरह देखा था. जबकि इस बार सूर्य कंगन की तरह दिखेगा. संदीप भट्टाचार्य के अनुसार सूर्य के वलय पर चंद्रमा का पूरा आकार नजर आएगा और सूर्य के केंद्र का भाग पूरा काला दिखेगा. जबकि किनारों पर चमक रहेगी. वहीं जयपुर में चंद्रमा सूर्य के 88 प्रतिशत हिस्से को ढका हुआ दिखाई देगा. जबकि बांसवाड़ा में 77, जोधपुर में 89 प्रतिशत और गंगानगर में 97 प्रतिशत सूर्य चंद्रमा की ओट में नजर आएगा.

यह सूर्य ग्रहण पूरे विश्व में कहीं भी देखा जा सकता है और अधिकांश लोगों को आंशिक ग्रहण की नजर आता है. जब भी सूर्य ग्रहण होता है, तो दो चंद्रग्रहण के साथ होता है. इनमें या तो दोनों चंद्रग्रहण उससे पहले होते हैं या एक चंद्रग्रहण सूर्यग्रहण से पहले और दूसरा सूर्यग्रहण के बाद दिखाई देता है, इस बार भी ठीक ऐसा ही हो रहा है.

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बता दे कि, ये सूर्यग्रहण 25 वर्ष पहले 24 अक्टूबर 1995 को हुए सूर्य ग्रहण की याद ताजा कर देगा. उस दिन भी पूर्ण सूर्यग्रहण के चलते दिन में भी अंधेरा छा गया था. चांद की ओट से निकली सूरज की मुद्रिका तब पूरे विश्व में चर्चा का विषय बनी थी. तब इस घटना ने पूरी दुनिया का ध्यान राजस्थान की ओर खींचा था, क्योंकि तब राजस्थान के नीमकाथाना में सूर्य ग्रहण को सबसे ज्यादा पूर्णता के साथ देखा गया था और दुनियाभर से वैज्ञानिक इसे कवर करने राजस्थान पहुंचे थे. पहली बार इस घटना का टीवी पर सीधा प्रसारण किया गया था. अब 21 जून को राजस्थान एक बार फिर इस नजारे का गवाह बनने जा रहा है.

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