जयपुर. कोरोना के कारण प्रदेश में लोगों को परेशानी और आर्थिक नुकसान तो हुआ है, लेकिन इसका एक सुखद पहलू भी अब सामने आया है. 23 मार्च से और 15 मई के बीच 54 दिनों में गत साल की तुलना में 1171 लोगों की सड़क दुर्घटना में जान बची है. वहीं, 2659 सड़क हादसे कम हुए हैं.
देशभर में कोरोना वायरस का कहर जारी है, लेकिन लॉकडाउन में सड़क दुर्घटनाएं कम हुई है. इसके साथ ही घायलों की संख्या में भी 2794 कमी आई है. बता दें कि पिछले साल इन 54 दिनों के अंतराल के अंतर्गत 3587 सड़क हादसों में 1706 लोगों की मौतें हुई हैं. वहीं, 3473 लोग घायल भी हुए थे.
आंकड़ों पर गौर किया जाए तो लॉकडाउन के इन 54 दिनों में प्रदेश में 928 सड़क हादसों में 535 लोगों की जान गई है, साथ ही 679 लोग घायल हुए हैं. अगर विभाग प्रदेश में स्थापित 13 ऑटोमेटिक ड्राइविंग सेंटर को शुरू कर दे तो इन आंकड़ों में और कमी आ सकती है. सबसे पहले राजधानी में स्थित ड्राइविंग सेंटर को शुरू करना चाहिए. इसके शुरू होने से ड्राइविंग में दक्ष लोगों को ही लाइसेंस मिल सकेगा.
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जिससे प्रदेश में सड़क हादसों में भी कमी आएगी. इसके साथ ही सभी अधिकारी और इंस्पेक्टरों को ऑटोमेटिक ड्राइविंग ट्रक पर ही सभी लोगों का ट्रायल लेना होगा, जिससे सक्षम लोग ही लाइसेंस ले सकेंगे.
27 लोगों की हर दिन जाती है जान...
परिवहन विभाग से जुड़े वरिष्ठ अधिकारियों की आंकड़ों की मानें तो हर साल करीब 10 हजार से अधिक लोगों की सड़क हादसों में मौत हो जाती है. यानी हर दिन करीब 27 लोग सड़क हादसे में अपनी जान गंवा देते हैं, लेकिन इस बार मौत के आंकड़ों में कमी होने की संभावना भी नजर आ रही है.
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इसकी दो वजहें भी सामने आ रही हैं. पहली लॉकडाउन तो दूसरा प्रदेश में सड़क सुरक्षा पर लगातार काम किया जा रहा है. इसलिए उम्मीद भी लगाई जा रही है इस बार सड़क हादसे में करीबन 50 प्रतिशत तक की कमी दर्ज की जाएगी.
पिछले साल की तुलना में जनवरी से मार्च में 421 हादसे कम...
बता दें कि परिवहन विभाग की स्थापित सड़क सुरक्षा प्रकोष्ठ लगातार काम कर रहा है. वहीं, जनवरी से मार्च 2019 में 6056 सड़क दुर्घटना हुई तो, इसमें 2643 लोगों की जान गई. साथ ही 5959 घायल हुए. इसी महीने में 5635 सड़क हादसों में 520 लोगों की जान गई और 5275 लोग घायल हुए हैं. उम्मीद लगाई जा रही है कि आने वाले समय में सड़क दुर्घटनाओं में कमी भी दर्ज की जाएगी.