जयपुर. प्रदेश की गहलोत सरकार की ओर से 1 अप्रैल से प्रदेश के सभी अस्पतालों में फ्री इलाज मरीजों को उपलब्ध कराया जा रहा है. लेकिन आनन-फानन में किए गए इस आदेश के बाद अचानक अस्पतालों में भीड़ बढ़ गई (Number of patients increased as launch of free treatment scheme) है. जयपुर के सवाई मानसिंह अस्पताल में जांचों के लिए मरीजों को लंबा इंतजार करना पड़ रहा है. इसके साथ ही बढ़ती मरीजों की संख्या के बावजूद अस्पताल में मैन पावर की कमी देखने को मिल रही है.
सवाई मानसिंह अस्पताल में इनडोर और आउटडोर में आने वाले मरीजों को सभी प्रकार का इलाज नि:शुल्क उपलब्ध कराया जा रहा है, जिसमें जांच भी शामिल है. लेकिन फ्री इलाज की घोषणा के बाद अचानक मरीजों की संख्या अस्पताल में बढ़ गई है. खासकर सीटी और एमआरआई के लिए मरीजों को 5 से 7 दिन का इंतजार करना पड़ रहा है या फिर देर रात मरीजों को बुलाया जा रहा (Waiting period for CT and MRI test increased in SMS) है. आंकड़ों की बात करें तो फ्री इलाज की घोषणा के बाद अस्पताल में सीटी स्कैन और एमआरआई के लिए आने वाले मरीजों की संख्या 100 से 150 अतिरिक्त हो गई है. मार्च माह में जहां औसतन 300 से 400 मरीजों की सीटी स्कैन की जाती थी, वह अप्रैल माह में बढ़कर 500 तक पहुंच गई है.
एमआरआई के लिए मार्च माह में औसतन 200 से 300 मरीज पहुंचे थे और अब अप्रैल माह में इनकी संख्या 400 से अधिक पहुंच चुकी है. अस्पताल में मैन पावर और मशीनों की कमी भी देखने को मिल रही है. अस्पताल अधीक्षक विनय मल्होत्रा का कहना है कि फ्री इलाज की घोषणा के बाद अचानक अस्पताल में ओपीडी, आईपीडी और महंगी जांचों की संख्या में बढ़ोतरी हो गई है. हर दिन मरीजों की संख्या बढ़ रही है. ऐसे में कुछ नई मशीनें लगाने का विचार भी अस्पताल प्रशासन कर रहा है. इसके अलावा मैन पावर की कमी भी देखने को मिल रही है. जिसके बाद जिन विभागों में अधिक स्टाफ लगा हुआ है, उन्हें जरूरत के हिसाब से अलग-अलग विभागों में तैनात किया जा रहा है.
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हार्ट की जांच के लिए भी इंतजार : वहीं, अस्पताल में हार्ट की जांच करवाने वाले मरीजों की संख्या में भी करीब 50 फीसदी की बढ़ोतरी हो गई है. इससे मशीनें कम होने के कारण मरीजों को तकरीबन 5 से 10 दिन का इंतजार करना पड़ रहा है. अस्पताल में पहले जहां करीब 50 से 60 मरीज हार्ट की जांच करवाने आते थे, वह अब बढ़कर 150 तक पहुंच गया है. डॉ. मल्होत्रा का कहना है कि पिछले कुछ दिनों में एकाएक मरीजों का दबाव बढ़ गया है. ऐसे में वैकल्पिक व्यवस्थाएं तलाश की जा रही हैं. सरकार का यह कहना है कि 1 महीने से फ्री इलाज योजना को ड्राई रन पर चलाया जाएगा. जिस तरह की परेशानियां आ रही है, उन्हें ठीक किया जाएगा.