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Free Treatment Scheme : फ्री इलाज योजना के चलते SMS अस्पताल में CT-MRI व अन्य जांचों के लिए बढ़ी वेटिंग...

राजस्थान सरकार ने 1 अप्रैल से अस्पतालों में फ्री इलाज स्कीम शुरू कर दी (Free treatment in Rajasthan by Gehlot government) है. इसके चलते अचानक सवाई मानसिंह अस्पताल में आने वाले मरीजों की संख्या बढ़ गई है. सीटी-एमआरआई व अन्य जांचों के लिए मरीज बढ़ने लगे हैं. इसके चलते अस्पताल में मशीनों और मैन पावर की कमी देखी जा रही है.

Free treatment in Rajasthan by Gehlot government
फ्री इलाज योजना के चलते SMS अस्पताल में CT-MRI व अन्य जांचों के लिए बढ़ी वेटिंग
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Published : Apr 25, 2022, 7:27 PM IST

जयपुर. प्रदेश की गहलोत सरकार की ओर से 1 अप्रैल से प्रदेश के सभी अस्पतालों में फ्री इलाज मरीजों को उपलब्ध कराया जा रहा है. लेकिन आनन-फानन में किए गए इस आदेश के बाद अचानक अस्पतालों में भीड़ बढ़ गई (Number of patients increased as launch of free treatment scheme) है. जयपुर के सवाई मानसिंह अस्पताल में जांचों के लिए मरीजों को लंबा इंतजार करना पड़ रहा है. इसके साथ ही बढ़ती मरीजों की संख्या के बावजूद अस्पताल में मैन पावर की कमी देखने को मिल रही है.

सवाई मानसिंह अस्पताल में इनडोर और आउटडोर में आने वाले मरीजों को सभी प्रकार का इलाज नि:शुल्क उपलब्ध कराया जा रहा है, जिसमें जांच भी शामिल है. लेकिन फ्री इलाज की घोषणा के बाद अचानक मरीजों की संख्या अस्पताल में बढ़ गई है. खासकर सीटी और एमआरआई के लिए मरीजों को 5 से 7 दिन का इंतजार करना पड़ रहा है या फिर देर रात मरीजों को बुलाया जा रहा (Waiting period for CT and MRI test increased in SMS) है. आंकड़ों की बात करें तो फ्री इलाज की घोषणा के बाद अस्पताल में सीटी स्कैन और एमआरआई के लिए आने वाले मरीजों की संख्या 100 से 150 अतिरिक्त हो गई है. मार्च माह में जहां औसतन 300 से 400 मरीजों की सीटी स्कैन की जाती थी, वह अप्रैल माह में बढ़कर 500 तक पहुंच गई है.

बढ़ते मरीज और कम पड़ रहे संसाधनों पर बोले एसएमएस अस्पताल अधीक्षक...

पढ़ें: Chiranjeevi Yojana: चिरंजीवी योजना का बढ़ा दायरा, अब ऑर्गन ट्रांसप्लांट से लेकर इन बीमारियों का भी होगा फ्री इलाज

एमआरआई के लिए मार्च माह में औसतन 200 से 300 मरीज पहुंचे थे और अब अप्रैल माह में इनकी संख्या 400 से अधिक पहुंच चुकी है. अस्पताल में मैन पावर और मशीनों की कमी भी देखने को मिल रही है. अस्पताल अधीक्षक विनय मल्होत्रा का कहना है कि फ्री इलाज की घोषणा के बाद अचानक अस्पताल में ओपीडी, आईपीडी और महंगी जांचों की संख्या में बढ़ोतरी हो गई है. हर दिन मरीजों की संख्या बढ़ रही है. ऐसे में कुछ नई मशीनें लगाने का विचार भी अस्पताल प्रशासन कर रहा है. इसके अलावा मैन पावर की कमी भी देखने को मिल रही है. जिसके बाद जिन विभागों में अधिक स्टाफ लगा हुआ है, उन्हें जरूरत के हिसाब से अलग-अलग विभागों में तैनात किया जा रहा है.

पढ़ें: 1 अप्रैल से मुख्यमंत्री चिरंजीवी स्वास्थ्य बीमा योजना के लिए शुरू होंगे रजिस्ट्रेशन

हार्ट की जांच के लिए भी इंतजार : वहीं, अस्पताल में हार्ट की जांच करवाने वाले मरीजों की संख्या में भी करीब 50 फीसदी की बढ़ोतरी हो गई है. इससे मशीनें कम होने के कारण मरीजों को तकरीबन 5 से 10 दिन का इंतजार करना पड़ रहा है. अस्पताल में पहले जहां करीब 50 से 60 मरीज हार्ट की जांच करवाने आते थे, वह अब बढ़कर 150 तक पहुंच गया है. डॉ. मल्होत्रा का कहना है कि पिछले कुछ दिनों में एकाएक मरीजों का दबाव बढ़ गया है. ऐसे में वैकल्पिक व्यवस्थाएं तलाश की जा रही हैं. सरकार का यह कहना है कि 1 महीने से फ्री इलाज योजना को ड्राई रन पर चलाया जाएगा. जिस तरह की परेशानियां आ रही है, उन्हें ठीक किया जाएगा.

जयपुर. प्रदेश की गहलोत सरकार की ओर से 1 अप्रैल से प्रदेश के सभी अस्पतालों में फ्री इलाज मरीजों को उपलब्ध कराया जा रहा है. लेकिन आनन-फानन में किए गए इस आदेश के बाद अचानक अस्पतालों में भीड़ बढ़ गई (Number of patients increased as launch of free treatment scheme) है. जयपुर के सवाई मानसिंह अस्पताल में जांचों के लिए मरीजों को लंबा इंतजार करना पड़ रहा है. इसके साथ ही बढ़ती मरीजों की संख्या के बावजूद अस्पताल में मैन पावर की कमी देखने को मिल रही है.

सवाई मानसिंह अस्पताल में इनडोर और आउटडोर में आने वाले मरीजों को सभी प्रकार का इलाज नि:शुल्क उपलब्ध कराया जा रहा है, जिसमें जांच भी शामिल है. लेकिन फ्री इलाज की घोषणा के बाद अचानक मरीजों की संख्या अस्पताल में बढ़ गई है. खासकर सीटी और एमआरआई के लिए मरीजों को 5 से 7 दिन का इंतजार करना पड़ रहा है या फिर देर रात मरीजों को बुलाया जा रहा (Waiting period for CT and MRI test increased in SMS) है. आंकड़ों की बात करें तो फ्री इलाज की घोषणा के बाद अस्पताल में सीटी स्कैन और एमआरआई के लिए आने वाले मरीजों की संख्या 100 से 150 अतिरिक्त हो गई है. मार्च माह में जहां औसतन 300 से 400 मरीजों की सीटी स्कैन की जाती थी, वह अप्रैल माह में बढ़कर 500 तक पहुंच गई है.

बढ़ते मरीज और कम पड़ रहे संसाधनों पर बोले एसएमएस अस्पताल अधीक्षक...

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एमआरआई के लिए मार्च माह में औसतन 200 से 300 मरीज पहुंचे थे और अब अप्रैल माह में इनकी संख्या 400 से अधिक पहुंच चुकी है. अस्पताल में मैन पावर और मशीनों की कमी भी देखने को मिल रही है. अस्पताल अधीक्षक विनय मल्होत्रा का कहना है कि फ्री इलाज की घोषणा के बाद अचानक अस्पताल में ओपीडी, आईपीडी और महंगी जांचों की संख्या में बढ़ोतरी हो गई है. हर दिन मरीजों की संख्या बढ़ रही है. ऐसे में कुछ नई मशीनें लगाने का विचार भी अस्पताल प्रशासन कर रहा है. इसके अलावा मैन पावर की कमी भी देखने को मिल रही है. जिसके बाद जिन विभागों में अधिक स्टाफ लगा हुआ है, उन्हें जरूरत के हिसाब से अलग-अलग विभागों में तैनात किया जा रहा है.

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हार्ट की जांच के लिए भी इंतजार : वहीं, अस्पताल में हार्ट की जांच करवाने वाले मरीजों की संख्या में भी करीब 50 फीसदी की बढ़ोतरी हो गई है. इससे मशीनें कम होने के कारण मरीजों को तकरीबन 5 से 10 दिन का इंतजार करना पड़ रहा है. अस्पताल में पहले जहां करीब 50 से 60 मरीज हार्ट की जांच करवाने आते थे, वह अब बढ़कर 150 तक पहुंच गया है. डॉ. मल्होत्रा का कहना है कि पिछले कुछ दिनों में एकाएक मरीजों का दबाव बढ़ गया है. ऐसे में वैकल्पिक व्यवस्थाएं तलाश की जा रही हैं. सरकार का यह कहना है कि 1 महीने से फ्री इलाज योजना को ड्राई रन पर चलाया जाएगा. जिस तरह की परेशानियां आ रही है, उन्हें ठीक किया जाएगा.

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