जयपुर. एनएसयूआई द्वारा 'एक रुपया राम के नाम' अभियान की शुरुआत के साथ ही कांग्रेस ने इस मुद्दे पर कल ही अपने हाथ खींच लिए थे. ऐसे में आज बुधवार को एनएसयूआई ने इस पूरे मसले पर सफाई दी है. एनएसयूआई के प्रदेशाध्यक्ष अभिषेक चौधरी का कहना है कि उनके इस अभियान का मकसद राम मंदिर के निर्माण के लिए चंदा इकट्ठा करना नहीं बल्कि, चंदा इकट्ठा कर रहे आरएसएस, एबीवीपी और भाजपा की असलियत लोगों के सामने लाना है.
एबीवीपी के बयानों पर अभिषेक चौधरी ने कहा कि हम किसी तरह का कोई चंदा इकट्ठा करने का अभियान नहीं चला रहे हैं. हम लोगों ने एक रुपया देकर किस तरह व्यक्ति उस राम मंदिर के निर्माण में अपनी भागीदारी निभा सकता है, यह संदेश देने का काम किया है. रही बात एक संगठन द्वारा रसीद काटने की तो जब से वह संगठन बना है, तब से लेकर आज दिन तक उनका यही काम रहा है. भगवान राम के नाम पर उन्होंने सिवाय चंदा बटोरने के कोई काम नहीं किया है. बाकायदा निर्मोही अखाड़े के संतों ने भाजपा, आरएसएस और विहिप पर यह आरोप लगाया है कि 14 हजार करोड़ रुपए भगवान राम के नाम पर खा गए. उन पैसों का उन्होंने खुद का स्ट्रक्चर खड़ा करने में लगाया. उन पैसों को राजनीति में लगाया, यह आरोप बाकायदा निर्मोही अखाड़े के संतों ने लगाया है. हम यह आंदोलन भाजपा और आरएसएस के खिलाफ चला रहे हैं.
पढ़ें : जनता दिखा रही निर्दलीयों में भरोसा...उपचुनाव को लेकर बढ़ी कांग्रेस-भाजपा की धड़कन
कांग्रेस नेताओं द्वारा 'एक रुपया राम के नाम' अभियान को लेकर दिए गए बयान पर उन्होंने कहा कि उनके सामने इस बात को जिस तरह से रखा गया, जिस तरह से मीडिया ने अपनी सहूलियत के हिसाब से उनके सामने इस बात को परोसा, इसका जवाब उन्होंने बिल्कुल सही दिया है. कांग्रेस पार्टी का और एनएसयूआई का किसी तरह का चंदा लेने का कोई कार्यक्रम नहीं है. हमने कल भी यह कहा कि हम भारतवर्ष में आरएसएस और भारतीय जनता पार्टी और उनसे जुड़े संगठनों ने राम मंदिर निर्माण के नाम पर जो लूट मचा रखी है, उसके खिलाफ हमारा यह आंदोलन है. हम संदेश देना चाहते हैं कि भगवान श्रद्धा का भूखा है, पैसों का नहीं. जो व्यक्ति एक रुपया भगवान राम के मंदिर के निर्माण के लिए दे रहा है, उसकी भागीदारी भी उतनी ही है जितनी भागीदारी लाख या करोड़ रुपए देने वाले की है. यह हमारा आंदोलन है और यह आंदोलन अनवरत जारी रहेगा