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NEET UG 2024: कैंडिडेट के बढ़े एवरेज मार्क्स, 3 साल में क्वालिफाइड के औसत अंक 25 फीसदी बढ़े

आंकड़ों के अनुसार NEET UG एग्जाम देने वाले कैंडिडेट की संख्या बढ़ने के साथ-साथ क्वालिफाइड के औसत अंकों में बढ़ोतरी हुई है.

Average marks of candidates
नीट यूजी (Photo ETV Bharat Kota)
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Nov 14, 2024, 11:03 PM IST

कोटा: मेडिकल प्रवेश परीक्षा नीट यूजी (NEET UG) एग्जाम देने वाले कैंडिडेट की संख्या बढ़ने के साथ-साथ क्वालिफाइड के औसत अंकों में बढ़ोतरी हुई है. बीते तीन साल में यह 25 फीसदी बढ़ गए हैं. जहां 2022 के औसत अंक 259 थे, वहीं, 2024 में बढ़कर 325 हो गए हैं. 64 अंकों की बढ़ोतरी है, जबकि साल 2023 में 279 एवरेज मार्क्स थे. इससे 44 अंकों की बढ़ोतरी हुई है.

एजुकेशन एक्सपर्ट देव शर्मा का मानना है कि यह एक पॉजिटिव संकेत है. एग्जाम में शामिल होने वाले कैंडिडेट का उद्देश्य महज औपचारिकता नहीं है. वे एग्जाम को गंभीरता से ले रहे हैं. यह प्रतिस्पर्धा के बढ़ने का भी संकेत है. शर्मा का कहना है कि सांख्यिकी के नियम के अनुसार सामान्यतया कैंडिडेट की संख्या बढ़ने पर औसत अंकों में कमी आती है, लेकिन 3 साल के आंकड़ों पर नजर डाली जाए तो ज्ञात होता है कि यह अंक लगातार बढ़ रहे हैं.

पढ़ें: NEET UG 2024: उदयपुर के निजी मेडिकल कॉलेज पर मिले 100 सीटों पर एडमिशन निरस्त

कोरोना खत्म होने के बाद गिर गए थे एवरेज मार्क्स: नीट यूजी परीक्षा का पूर्णांक 720 अंक रहता है. ऐसे में साल 2022 में क्वालिफाइड कैंडिडेट्स के औसत 259 थे. यह बीते साल 2023 में बढ़कर 279 हो गए थे, जबकि साल 2024 में यह अंक 323 हो गए हैं. वहीं, बीते 5 सालों के आंकड़ों में भी 2024 में क्वालिफाइड कैंडिडेट के औसत अंकों का आंकड़ा अधिकतम 323 ही रहा है, जबकि कोरोना काल के 2 सालों में 2020 में 297 था व 2021 में 286 थी. यह साल 2022 और 2023 से ज्यादा है. ऐसे में कोरोना काल खत्म होने के बाद साल 2022 में 27 अंकों की गिरावट आई थी, हालांकि 2023 में 20 अंकों की बढ़ोतरी हुई थी.

एक्सपर्ट ने यह माने औसत अंक बढ़ोतरी के कारण:

  1. क्वेश्चन पेपर के लेवल में लगातार गिरावट और फार्मूला और फैक्ट आधारित क्वेश्चन की बढ़ोतरी.
  2. एग्जाम में बैठने वाले कैंडिडेट्स के लिए असीमित अवसर की संख्या, लगातार रिपीटर कैंडिडेट का बढ़ाना.
  3. सरकारी एमबीबीएस की सीट्स पर एडमिशन पाने की होड़, क्योंकि निजी एमबीबीएस कॉलेज की फीस करोड़ों में होना.

बीते सालों के NEET UG के क्वालिफाइड कैंडीडेट्स के औसत अंक:

  1. साल 2020 में 13.66 लाख कैंडिडेट ने परीक्षा दी थी. इनमें 7.71 लाख कैंडिडेट क्वालीफाई हुए थे. क्वालीफाई कैंडिडेट के एवरेज मार्क्स 297 रहे थे.
  2. साल 2021 में 15.44 लाख कैंडिडेट ने परीक्षा दी थी. इनमें 8.7 लाख कैंडिडेट क्वालीफाई हुए थे. क्वालीफाई कैंडिडेट के एवरेज मार्क्स 286 रहे थे. बीते साल से 11 अंक कम हुए थे.
  3. साल 2023 में 17.64 लाख कैंडिडेट ने परीक्षा दी थी. इनमें 9.93 लाख कैंडिडेट क्वालीफाई हुए थे. क्वालीफाई कैंडिडेट के एवरेज मार्क्स 259 रहे थे. बीते साल से 27 अंकों की गिरावट हुई थी.
  4. साल 2023 में 20.38 लाख कैंडिडेट ने परीक्षा दी थी. इनमें 11.45 लाख कैंडिडेट क्वालीफाई हुए थे. क्वालीफाई कैंडिडेट के एवरेज मार्क्स 279 रहे थे. बीते साल से 20 अंकों की बढ़ोतरी हुई.
  5. साल 2024 में 23.33 लाख कैंडिडेट ने परीक्षा दी थी. इनमें 13.15 लाख कैंडिडेट क्वालीफाई हुए थे. क्वालीफाई कैंडिडेट के एवरेज मार्क्स 323 रहे थे. बीते साल से 44 अंकों की बढ़ोतरी हुई.

कोटा: मेडिकल प्रवेश परीक्षा नीट यूजी (NEET UG) एग्जाम देने वाले कैंडिडेट की संख्या बढ़ने के साथ-साथ क्वालिफाइड के औसत अंकों में बढ़ोतरी हुई है. बीते तीन साल में यह 25 फीसदी बढ़ गए हैं. जहां 2022 के औसत अंक 259 थे, वहीं, 2024 में बढ़कर 325 हो गए हैं. 64 अंकों की बढ़ोतरी है, जबकि साल 2023 में 279 एवरेज मार्क्स थे. इससे 44 अंकों की बढ़ोतरी हुई है.

एजुकेशन एक्सपर्ट देव शर्मा का मानना है कि यह एक पॉजिटिव संकेत है. एग्जाम में शामिल होने वाले कैंडिडेट का उद्देश्य महज औपचारिकता नहीं है. वे एग्जाम को गंभीरता से ले रहे हैं. यह प्रतिस्पर्धा के बढ़ने का भी संकेत है. शर्मा का कहना है कि सांख्यिकी के नियम के अनुसार सामान्यतया कैंडिडेट की संख्या बढ़ने पर औसत अंकों में कमी आती है, लेकिन 3 साल के आंकड़ों पर नजर डाली जाए तो ज्ञात होता है कि यह अंक लगातार बढ़ रहे हैं.

पढ़ें: NEET UG 2024: उदयपुर के निजी मेडिकल कॉलेज पर मिले 100 सीटों पर एडमिशन निरस्त

कोरोना खत्म होने के बाद गिर गए थे एवरेज मार्क्स: नीट यूजी परीक्षा का पूर्णांक 720 अंक रहता है. ऐसे में साल 2022 में क्वालिफाइड कैंडिडेट्स के औसत 259 थे. यह बीते साल 2023 में बढ़कर 279 हो गए थे, जबकि साल 2024 में यह अंक 323 हो गए हैं. वहीं, बीते 5 सालों के आंकड़ों में भी 2024 में क्वालिफाइड कैंडिडेट के औसत अंकों का आंकड़ा अधिकतम 323 ही रहा है, जबकि कोरोना काल के 2 सालों में 2020 में 297 था व 2021 में 286 थी. यह साल 2022 और 2023 से ज्यादा है. ऐसे में कोरोना काल खत्म होने के बाद साल 2022 में 27 अंकों की गिरावट आई थी, हालांकि 2023 में 20 अंकों की बढ़ोतरी हुई थी.

एक्सपर्ट ने यह माने औसत अंक बढ़ोतरी के कारण:

  1. क्वेश्चन पेपर के लेवल में लगातार गिरावट और फार्मूला और फैक्ट आधारित क्वेश्चन की बढ़ोतरी.
  2. एग्जाम में बैठने वाले कैंडिडेट्स के लिए असीमित अवसर की संख्या, लगातार रिपीटर कैंडिडेट का बढ़ाना.
  3. सरकारी एमबीबीएस की सीट्स पर एडमिशन पाने की होड़, क्योंकि निजी एमबीबीएस कॉलेज की फीस करोड़ों में होना.

बीते सालों के NEET UG के क्वालिफाइड कैंडीडेट्स के औसत अंक:

  1. साल 2020 में 13.66 लाख कैंडिडेट ने परीक्षा दी थी. इनमें 7.71 लाख कैंडिडेट क्वालीफाई हुए थे. क्वालीफाई कैंडिडेट के एवरेज मार्क्स 297 रहे थे.
  2. साल 2021 में 15.44 लाख कैंडिडेट ने परीक्षा दी थी. इनमें 8.7 लाख कैंडिडेट क्वालीफाई हुए थे. क्वालीफाई कैंडिडेट के एवरेज मार्क्स 286 रहे थे. बीते साल से 11 अंक कम हुए थे.
  3. साल 2023 में 17.64 लाख कैंडिडेट ने परीक्षा दी थी. इनमें 9.93 लाख कैंडिडेट क्वालीफाई हुए थे. क्वालीफाई कैंडिडेट के एवरेज मार्क्स 259 रहे थे. बीते साल से 27 अंकों की गिरावट हुई थी.
  4. साल 2023 में 20.38 लाख कैंडिडेट ने परीक्षा दी थी. इनमें 11.45 लाख कैंडिडेट क्वालीफाई हुए थे. क्वालीफाई कैंडिडेट के एवरेज मार्क्स 279 रहे थे. बीते साल से 20 अंकों की बढ़ोतरी हुई.
  5. साल 2024 में 23.33 लाख कैंडिडेट ने परीक्षा दी थी. इनमें 13.15 लाख कैंडिडेट क्वालीफाई हुए थे. क्वालीफाई कैंडिडेट के एवरेज मार्क्स 323 रहे थे. बीते साल से 44 अंकों की बढ़ोतरी हुई.
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