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अब 60 फीट चौड़ी सड़क और 1500 वर्ग मीटर से बड़े भूखंड पर ही बनेगी मल्टी स्टोरी बिल्डिंग - Rajasthan Government News

प्रदेश के शहरों में एक हजार वर्ग से छोटे प्लॉट वाली सभी कॉलोनियों में हाईराइज बिल्डिंग्स पर सरकार ने रोक लगा दी है. सरकार की ओर से जारी की गई नई गाइडलाइन के मुताबिक अब 60 फीट से कम चौड़ी और 1500 वर्ग मीटर से छोटे भूखंड पर मल्टी स्टोरी बिल्डिंग नहीं बनाई जा सकेगी.

मल्टी स्टोरी बिल्डिंग न्यूज,  Highrise Buildings News
मल्टी स्टोरी बिल्डिंग
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Published : Jan 21, 2020, 9:14 PM IST

जयपुर. प्रदेश सरकार ने पहले से बसी कॉलोनियों और नई बसाई जाने वाली कॉलोनी में बनाई जाने वाली मल्टी स्टोरी बिल्डिंगों के लिए नई गाइडलाइन जारी की है. प्रदेश के शहरों में एक हजार वर्ग से छोटे प्लॉट वाली सभी कॉलोनियों में हाईराइज बिल्डिंग्स पर सरकार ने रोक लगा दी है. वहीं, 60 फीट से कम चौड़ी सड़कों पर भी मल्टी स्टोरी बिल्डिंग नहीं बनाई जा सकेंगी.

अब 60 फीट चौड़ी सड़क और 1500 वर्ग मीटर से बड़े भूखंड पर ही बनेगी मल्टी स्टोरी बिल्डिंग

हाईकोर्ट के मास्टर प्लान को लेकर दिए आदेश की पालना में राज्य सरकार ने हाईराइज बिल्डिंग्स को लेकर नई गाइडलाइन जारी की है. यूडीएच ने जयपुर, जोधपुर सहित सभी बड़े और छोटे शहरों में मल्टी स्टोरी बिल्डिंग की अनुमति कहां देनी है और कहां नहीं, ये तय कर दिया है. नई गाइडलाइन के मुताबिक अब 60 फीट से कम चौड़ी और 1500 वर्ग मीटर से छोटे भूखंड पर मल्टी स्टोरी बिल्डिंग नहीं बनाई जा सकेगी.

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बताया जा रहा है कि मास्टर प्लान को लेकर राजस्थान हाईकोर्ट ने 12 जनवरी 2017 को आदेश जारी किया था, जिसके तहत शहरों में कहां-कहां बहुमंजिला इमारतें बनाई जा सकेंगी, इसके लिए राज्य सरकार को जोनल डेवलपमेंट प्लान या मास्टर प्लान में स्थान निर्धारित करने के निर्देश दिए गए थे. इस आदेश के बाद शहरी निकायों में बहुमंजिला इमारतों की स्वीकृति देना लगभग बंद कर दिया गया.

वहीं, अब नए दिशा-निर्देशों के तहत मौजूदा विकसित कॉलोनियों में ही री डेवलपमेंट कर एक बड़ी ग्रुप हाउसिंग योजना विकसित की जा सकेगी. इस संबंध में चीफ टाउन प्लानर आर.के. विजयवर्गीय ने बताया कि हाई राइज बिल्डिंग्स के लिए फ्रंट में कम से कम 40 फीट सेट बैक छोड़ना अनिवार्य होगा. वहीं 20 फीसदी एरिया ग्रीन एरिया होगा. इसके अलावा 30 मीटर और इससे ज्यादा चौड़ी सड़क पर उसकी डेढ़ गुना हाइट तक ही निर्माण किया जा सकेगा.

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ऐसे में अब शहरों में शामिल होने वाले सभी नए क्षेत्रों के लिए पहले से ही हाईराइज जोन घोषित किया जाएगा. वहीं, हेरिटेज भवनों, मॉन्यूमेंट्स के 100 मीटर के दायरे में हाईराइज बिल्डिंग की अनुमति नहीं दी जा सकेगी.

Intro:जयपुर - राज्य सरकार ने पहले से बसी कॉलोनियों और नई बसाई जाने वाली कॉलोनी में बनाई जाने वाली मल्टीस्टोरी बिल्डिंगों के लिए नई गाइडलाइन जारी की है। प्रदेश के शहरों में एक हजार वर्ग से छोटे प्लाट वाली सभी कॉलोनियों में हाई राइस बिल्डिंग्स पर सरकार ने रोक लगा दी है। वहीं 60 फीट से कम चौड़ी सड़कों पर भी मल्टी स्टोरी बिल्डिंग नहीं बनाई जा सकेंगी।


Body:हाईकोर्ट के मास्टर प्लान को लेकर दिए आदेश की पालना में राज्य सरकार ने हाई राइज बिल्डिंग्स को लेकर नई गाइडलाइन जारी की है। यूडीएच ने जयपुर, जोधपुर सहित सभी बड़े शहरों और छोटे शहरों में मल्टी स्टोरी बिल्डिंग के अनुमति कहां देनी है, और कहां नहीं, ये तय कर दिया है। नई गाइडलाइन के मुताबिक अब 60 फीट से कम चौड़ी और 1500 वर्ग मीटर से छोटे भूखंड पर मल्टी स्टोरी बिल्डिंग नहीं बनाई जा सकेगी। बताया जा रहा है कि मास्टर प्लान को लेकर राजस्थान हाई कोर्ट ने 12 जनवरी 2017 को आदेश जारी किया था। जिसके तहत शहरों में कहां-कहां बहुमंजिला इमारतें बनाई जा सकेंगी, इसके लिए राज्य सरकार को जोनल डेवलपमेंट प्लान या मास्टर प्लान में स्थान निर्धारित करने के निर्देश दिए गए थे। इस आदेश के बाद शहरी निकायों में बहुमंजिला इमारतों की स्वीकृति देना लगभग बंद कर दिया गया। वहीं अब नए दिशा निर्देशों के तहत मौजूदा विकसित कॉलोनियों में ही री डवलपमेंट कर एक बडी ग्रुप हाउसिंग योजना विकसित की जा सकेगी। इस संबंध में चीफ टाउन प्लानर आरके विजयवर्गीय ने बताया कि हाई राइज बिल्डिंग्स के लिए फ्रंट में कम से कम 40 फीट सेट बैक छोड़ना अनिवार्य होगा। वहीं 20% एरिया ग्रीन एरिया होगा। इसके अलावा 30 मीटर और इससे ज्यादा चौड़ी सड़क पर उसकी डेढ़ गुना हाइट तक ही निर्माण किया जा सकेगा।
बाईट - आरके विजयवर्गीय, चीफ टाउन प्लानर


Conclusion:ऐसे में अब शहरों में शामिल होने वाले सभी नए क्षेत्रों के लिए पहले से ही हाई राइज जोन घोषित किया जाएगा। वहीं हेरिटेज भवनों, मॉन्यूमेंट्स के 100 मीटर के दायरे में हाई राइज बिल्डिंग की अनुमति नहीं दी जा सकेगी।

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