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Shani Dev: शनिवार के दिन कर लें बस ये दो काम, शनिदेव बरसाएंगे अपनी कृपा - शनिदेव को कैसे रखें प्रसन्न

शनि देव कर्मों के हिसाब से फल देते हैं. शनिवार का दिन शनिदेव को समर्पित होता है. इस दिन शनि देव की विधि-विधान से पूजा करने से विशेष कृपा प्राप्त होती है/ आइए जानते हैं शनि देव की पूजा में किन बातों का विशेष ध्यान रखना चाहिए.

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Published : Dec 10, 2022, 7:06 AM IST

बीकानेर. हिंदू धर्म शास्त्रों में हर वार की तरह शनिवार का भी महत्व है. यह दिन शनिदेव को समर्पित है. शनिदेव सूर्यदेव के पुत्र हैं और इनकी माता का नाम छाया है।.इस दिन विधि विधान से शनिदेव की पूजा-अर्चना की जाती है. शनि देव धर्म शास्त्र और ज्योतिष में न्याय प्रदत देव माना जाता है. शनि की वक्र दृष्टि मनुष्य को हानि पहुंचाती है. शनि के प्रभावों से व्यक्ति का जीवन बुरी तरह से प्रभावित हो जाता है.

मंत्रों का करें जाप- शनि देव की कृपा बनी रहे इसलिए इनके मंत्र का जाप करना चाहिए. इसके साथ ही द्वादश ज्योर्तिलिंग के नामों का भी उच्चारण करना चाहिए. इसके अलावा हनुमान जी की पूजा करने से शनिदेव प्रसन्न होते हैं. शनिमंत्र का शनिवार को जाप करें.

ॐ नीलांजनसमाभासं रविपुत्रं यमाग्रजम। छायामार्तण्डसम्भूतं तं नमामि शनैश्चरम् ||

द्वादश ज्योर्तिलिंग नाम

सौराष्ट्रे सोमनाथं च श्रीशैले मल्लिकार्जुनम्।
उज्जयिन्यां महाकालं ओम्कारम् अमलेश्वरम्॥
परल्यां वैद्यनाथं च डाकिन्यां भीमशङ्करम्।
सेतुबन्धे तु रामेशं नागेशं दारुकावने॥
वाराणस्यां तु विश्वेशं त्र्यम्बकं गौतमीतटे।
हिमालये तु केदारं घुश्मेशं च शिवालये॥
एतानि ज्योतिर्लिङ्गानि सायं प्रातः पठेन्नरः।
सप्तजन्मकृतं पापं स्मरणेन विनश्यति

इस तरह से करें पूजा- शनिवार के दिन शनिदेव की पूजा करते समय पश्चिम दिशा की ओर मुख करके पूजा करनी चाहिए. आमतौर पर पूजा पूर्व दिशा की ओर मुख करके की जाती है, लेकिन शनिदेव को पश्चिम दिशा का स्वामी माना जाता है इसलिए पूजा भी इसी दिशा में की जाती है.

पढ़ें- Saturday Remedies: शनिदेव को प्रसन्न करने के लिए करें ये उपाय, रुके काम होंगे जल्द

मिलती है कृपा- दृष्टिहीन, निशक्तजन, सेवकों और सफाइकर्मियों से अच्छा व्यवहार रखें और उन्हें किसी भी प्रकार का दान दें. यदि संभव हो सके तो जूता दान करें. साथ ही शनिवार को एक कांसे की कटोरी में सरसों का तेल और सिक्का (रुपया-पैसा) डालकर उसमें अपनी परछाई देखें और तेल मांगने वाले को दे दें या किसी शनि मंदिर में शनिवार के दिन कटोरी सहित तेल रखकर आ जाएं. यह उपाय आप कम से कम पांच शनिवार करेंगे तो आपकी शनि की पीड़ा शांत हो जाएगी और शनिदेव की कृपा मिलती है. शनिदेव की पूजा करते समय उनकी प्रतिमा के सामने खड़े होकर पूजा नहीं करनी चाहिए. इसके अलावा पूजा के समय शनिदेव की आंखों में नहीं देखना चाहिए.

पढ़ें- शनिवार के दिन करें शनि चालीसा का पाठ, मिलेगी इन दोषों से मुक्ति

नहीं करें यह काम- शनिवार को शराब पीना सबसे घातक माना गया है. इस दिन पूर्व, उत्तर और ईशान दिशा में यात्रा करना मना है. लड़की को शनिवार के दिन ससुराल नहीं भेजना चाहिए. शनिवार के दिन तेल, लकड़ी, कोयला, नमक, लोहा या लोहे की वस्तु क्रय करके नहीं लानी चाहिए वर्ना बिना बात की बाधा उत्पन्न होगी और अचानक कष्ट झेलना पड़ेगा.

शनिदेव को कैसे रखें प्रसन्न- शनि को प्रसन्न रखने के लिए कुछ बातों का ध्यान रखना चाहिए. शनि नियम और अनुशासन को मनाने वाले ग्रह है. जो लोग नियम का पालन नहीं करते हैं, शनि उन्हें माफ नहीं करते हैं और अपनी दशा आदि में कष्ट प्रदान करते हैं. जिन लोगों की कुंडली में शनि अशुभ हैं, या शनि देव के कारण परेशानी का सामना करना पड़ रहा है तो उनके लिए पौष मास के प्रथम शनिवार बहुत ही शुभ योग बन रहा है.

पूस का महीना कब शुरू होगा- पंचांग के अनुसार हिंदू कैलेंडर का दसवां महीना पूस यानि पौष मास 9 दिसंबर 2022 से प्रारंभ हो गया है. जो 7 जनवरी 2023 को समाप्त होगा. हिंदू धर्म में पौष मास को महत्वपूर्ण माना गया है. इस महीने की विशेष धार्मिक मान्यता है. शनि देव को प्रसन्न करने के लिए यह महीना अच्छा माना गया है. पौष में सर्दी बढ़ जाती है. इस मास में शनि से जुड़ी चीजों का दान उत्तम फल प्रदान करने वाला बताया गया है.

बीकानेर. हिंदू धर्म शास्त्रों में हर वार की तरह शनिवार का भी महत्व है. यह दिन शनिदेव को समर्पित है. शनिदेव सूर्यदेव के पुत्र हैं और इनकी माता का नाम छाया है।.इस दिन विधि विधान से शनिदेव की पूजा-अर्चना की जाती है. शनि देव धर्म शास्त्र और ज्योतिष में न्याय प्रदत देव माना जाता है. शनि की वक्र दृष्टि मनुष्य को हानि पहुंचाती है. शनि के प्रभावों से व्यक्ति का जीवन बुरी तरह से प्रभावित हो जाता है.

मंत्रों का करें जाप- शनि देव की कृपा बनी रहे इसलिए इनके मंत्र का जाप करना चाहिए. इसके साथ ही द्वादश ज्योर्तिलिंग के नामों का भी उच्चारण करना चाहिए. इसके अलावा हनुमान जी की पूजा करने से शनिदेव प्रसन्न होते हैं. शनिमंत्र का शनिवार को जाप करें.

ॐ नीलांजनसमाभासं रविपुत्रं यमाग्रजम। छायामार्तण्डसम्भूतं तं नमामि शनैश्चरम् ||

द्वादश ज्योर्तिलिंग नाम

सौराष्ट्रे सोमनाथं च श्रीशैले मल्लिकार्जुनम्।
उज्जयिन्यां महाकालं ओम्कारम् अमलेश्वरम्॥
परल्यां वैद्यनाथं च डाकिन्यां भीमशङ्करम्।
सेतुबन्धे तु रामेशं नागेशं दारुकावने॥
वाराणस्यां तु विश्वेशं त्र्यम्बकं गौतमीतटे।
हिमालये तु केदारं घुश्मेशं च शिवालये॥
एतानि ज्योतिर्लिङ्गानि सायं प्रातः पठेन्नरः।
सप्तजन्मकृतं पापं स्मरणेन विनश्यति

इस तरह से करें पूजा- शनिवार के दिन शनिदेव की पूजा करते समय पश्चिम दिशा की ओर मुख करके पूजा करनी चाहिए. आमतौर पर पूजा पूर्व दिशा की ओर मुख करके की जाती है, लेकिन शनिदेव को पश्चिम दिशा का स्वामी माना जाता है इसलिए पूजा भी इसी दिशा में की जाती है.

पढ़ें- Saturday Remedies: शनिदेव को प्रसन्न करने के लिए करें ये उपाय, रुके काम होंगे जल्द

मिलती है कृपा- दृष्टिहीन, निशक्तजन, सेवकों और सफाइकर्मियों से अच्छा व्यवहार रखें और उन्हें किसी भी प्रकार का दान दें. यदि संभव हो सके तो जूता दान करें. साथ ही शनिवार को एक कांसे की कटोरी में सरसों का तेल और सिक्का (रुपया-पैसा) डालकर उसमें अपनी परछाई देखें और तेल मांगने वाले को दे दें या किसी शनि मंदिर में शनिवार के दिन कटोरी सहित तेल रखकर आ जाएं. यह उपाय आप कम से कम पांच शनिवार करेंगे तो आपकी शनि की पीड़ा शांत हो जाएगी और शनिदेव की कृपा मिलती है. शनिदेव की पूजा करते समय उनकी प्रतिमा के सामने खड़े होकर पूजा नहीं करनी चाहिए. इसके अलावा पूजा के समय शनिदेव की आंखों में नहीं देखना चाहिए.

पढ़ें- शनिवार के दिन करें शनि चालीसा का पाठ, मिलेगी इन दोषों से मुक्ति

नहीं करें यह काम- शनिवार को शराब पीना सबसे घातक माना गया है. इस दिन पूर्व, उत्तर और ईशान दिशा में यात्रा करना मना है. लड़की को शनिवार के दिन ससुराल नहीं भेजना चाहिए. शनिवार के दिन तेल, लकड़ी, कोयला, नमक, लोहा या लोहे की वस्तु क्रय करके नहीं लानी चाहिए वर्ना बिना बात की बाधा उत्पन्न होगी और अचानक कष्ट झेलना पड़ेगा.

शनिदेव को कैसे रखें प्रसन्न- शनि को प्रसन्न रखने के लिए कुछ बातों का ध्यान रखना चाहिए. शनि नियम और अनुशासन को मनाने वाले ग्रह है. जो लोग नियम का पालन नहीं करते हैं, शनि उन्हें माफ नहीं करते हैं और अपनी दशा आदि में कष्ट प्रदान करते हैं. जिन लोगों की कुंडली में शनि अशुभ हैं, या शनि देव के कारण परेशानी का सामना करना पड़ रहा है तो उनके लिए पौष मास के प्रथम शनिवार बहुत ही शुभ योग बन रहा है.

पूस का महीना कब शुरू होगा- पंचांग के अनुसार हिंदू कैलेंडर का दसवां महीना पूस यानि पौष मास 9 दिसंबर 2022 से प्रारंभ हो गया है. जो 7 जनवरी 2023 को समाप्त होगा. हिंदू धर्म में पौष मास को महत्वपूर्ण माना गया है. इस महीने की विशेष धार्मिक मान्यता है. शनि देव को प्रसन्न करने के लिए यह महीना अच्छा माना गया है. पौष में सर्दी बढ़ जाती है. इस मास में शनि से जुड़ी चीजों का दान उत्तम फल प्रदान करने वाला बताया गया है.

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