ETV Bharat / international

शेख हसीना की वापसी के लिए बांग्लादेश दुनिया के सामने हाथ फैला सकता है - BANGLADESH HASINA

बांग्लादेश की अंतरिम सरकार अपदस्थ प्रधानमंत्री शेख हसीना को वापस लाने के लिए अब नये हथकंडे अपना सकता है.

ousted Prime Minister Sheikh Hasina
बांग्लादेश की अपदस्थ प्रधानमंत्री शेख हसीना (ANI)
author img

By ETV Bharat Hindi Team

Published : Jan 22, 2025, 8:05 AM IST

ढाका: बांग्लादेश की अंतरिम सरकार अपदस्थ प्रधानमंत्री शेख हसीना को भारत से वापस लाने के लिए लगातार प्रयासरत है. इस मुद्दे को अब अंतरराष्ट्रीय मंचों पर उठाने की बात कही जा रही है. विधि सलाहकार आसिफ नजरुल ने इस संबंध में कहा कि यदि भारत हसीना को वापस करने से इनकार करती है, तो यह बांग्लादेश और भारत के बीच प्रत्यर्पण संधि का उल्लंघन होगा. साथ ही आवश्यक हुआ तो सरकार अंतरराष्ट्रीय हस्तक्षेप की मांग करेगी.

77 वर्षीय हसीना पिछले साल 5 अगस्त से भारत में रह रही हैं. वह बांग्लादेश में छात्रों के नेतृत्व में हुए बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन के बाद भाग गई थीं. लोगों ने उनकी अवामी लीग (एएल) की 16 साल की सरकार को उखाड़ फेंका. बांग्लादेश के अंतरराष्ट्रीय अपराध न्यायाधिकरण (आईसीटी) ने हसीना और कई पूर्व कैबिनेट मंत्रियों, सलाहकारों और सैन्य और नागरिक अधिकारियों के खिलाफ 'मानवता के खिलाफ अपराध और नरसंहार' के लिए गिरफ्तारी वारंट जारी किए हैं.

पिछले साल ढाका ने हसीना के प्रत्यर्पण की मांग करते हुए नई दिल्ली को एक राजनयिक नोट भेजा था. नजरुल ने कहा, 'हमने प्रत्यर्पण के लिए एक पत्र लिखा है. अगर भारत शेख हसीना को प्रत्यर्पित नहीं करता है, तो यह बांग्लादेश और भारत के बीच प्रत्यर्पण संधि का स्पष्ट उल्लंघन होगा.'

उन्होंने कहा कि इस मामले में विदेश मंत्रालय अंतरराष्ट्रीय समुदाय के भीतर इस मामले को सुलझाने के लिए आवश्यक कदम उठाएगा. कानून सलाहकार ने कहा कि विदेश मंत्रालय भी प्रयास कर रहा है और रेड अलर्ट पहले ही जारी किया जा चुका है. नजरुल ने कहा, 'हम हर संभव कोशिश कर रहे हैं. अगर जरूरत पड़ी तो अंतरराष्ट्रीय समर्थन मांगा जाएगा.'

भारत-बांग्लादेश प्रत्यर्पण संधि के प्रावधानों के तहत यदि अपराध 'राजनीतिक चरित्र' का है तो प्रत्यर्पण से इनकार किया जा सकता है. एक अन्य खंड में कहा गया है कि प्रत्यर्पण अपराध के लिए दोषी ठहराए गए व्यक्ति को तब तक प्रत्यर्पित नहीं किया जा सकता जब तक कि उसे चार महीने या उससे अधिक की अवधि के लिए कारावास या अन्य प्रकार की हिरासत की सजा न दी गई हो. हाल के हफ्तों में हसीना ने यूनुस के नेतृत्व वाली अंतरिम सरकार पर 'नरसंहार' करने और अल्पसंख्यकों, खासकर हिंदुओं की रक्षा करने में विफल रहने का आरोप लगाया.

ये भी पढ़ें- बांग्लादेश में चुनाव हुए तो क्या और बढ़ जायेगा तनाव, जानें भारत पर क्या पड़ेगा असर

ढाका: बांग्लादेश की अंतरिम सरकार अपदस्थ प्रधानमंत्री शेख हसीना को भारत से वापस लाने के लिए लगातार प्रयासरत है. इस मुद्दे को अब अंतरराष्ट्रीय मंचों पर उठाने की बात कही जा रही है. विधि सलाहकार आसिफ नजरुल ने इस संबंध में कहा कि यदि भारत हसीना को वापस करने से इनकार करती है, तो यह बांग्लादेश और भारत के बीच प्रत्यर्पण संधि का उल्लंघन होगा. साथ ही आवश्यक हुआ तो सरकार अंतरराष्ट्रीय हस्तक्षेप की मांग करेगी.

77 वर्षीय हसीना पिछले साल 5 अगस्त से भारत में रह रही हैं. वह बांग्लादेश में छात्रों के नेतृत्व में हुए बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन के बाद भाग गई थीं. लोगों ने उनकी अवामी लीग (एएल) की 16 साल की सरकार को उखाड़ फेंका. बांग्लादेश के अंतरराष्ट्रीय अपराध न्यायाधिकरण (आईसीटी) ने हसीना और कई पूर्व कैबिनेट मंत्रियों, सलाहकारों और सैन्य और नागरिक अधिकारियों के खिलाफ 'मानवता के खिलाफ अपराध और नरसंहार' के लिए गिरफ्तारी वारंट जारी किए हैं.

पिछले साल ढाका ने हसीना के प्रत्यर्पण की मांग करते हुए नई दिल्ली को एक राजनयिक नोट भेजा था. नजरुल ने कहा, 'हमने प्रत्यर्पण के लिए एक पत्र लिखा है. अगर भारत शेख हसीना को प्रत्यर्पित नहीं करता है, तो यह बांग्लादेश और भारत के बीच प्रत्यर्पण संधि का स्पष्ट उल्लंघन होगा.'

उन्होंने कहा कि इस मामले में विदेश मंत्रालय अंतरराष्ट्रीय समुदाय के भीतर इस मामले को सुलझाने के लिए आवश्यक कदम उठाएगा. कानून सलाहकार ने कहा कि विदेश मंत्रालय भी प्रयास कर रहा है और रेड अलर्ट पहले ही जारी किया जा चुका है. नजरुल ने कहा, 'हम हर संभव कोशिश कर रहे हैं. अगर जरूरत पड़ी तो अंतरराष्ट्रीय समर्थन मांगा जाएगा.'

भारत-बांग्लादेश प्रत्यर्पण संधि के प्रावधानों के तहत यदि अपराध 'राजनीतिक चरित्र' का है तो प्रत्यर्पण से इनकार किया जा सकता है. एक अन्य खंड में कहा गया है कि प्रत्यर्पण अपराध के लिए दोषी ठहराए गए व्यक्ति को तब तक प्रत्यर्पित नहीं किया जा सकता जब तक कि उसे चार महीने या उससे अधिक की अवधि के लिए कारावास या अन्य प्रकार की हिरासत की सजा न दी गई हो. हाल के हफ्तों में हसीना ने यूनुस के नेतृत्व वाली अंतरिम सरकार पर 'नरसंहार' करने और अल्पसंख्यकों, खासकर हिंदुओं की रक्षा करने में विफल रहने का आरोप लगाया.

ये भी पढ़ें- बांग्लादेश में चुनाव हुए तो क्या और बढ़ जायेगा तनाव, जानें भारत पर क्या पड़ेगा असर
ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.