जयपुर. प्रदेश के तृतीय श्रेणी शिक्षक पिछले करीब 4 सालों से तबादलों का इंतजार कर रहे हैं. लेकिन शिक्षा विभाग तबादला नीति नहीं होने (Third Grade Teachers on Hunger Strike) का हवाला देकर शिक्षकों के तबादले को टालता रहा. इसको लेकर शिक्षकों में आक्रोश है. बुधवार को जयपुर के शहीद स्मारक पर तृतीय श्रेणी शिक्षकों ने धरना देकर अपना विरोध जताया. यहां 3:00 बजे तक तबादले किए जाने का आश्वासन नहीं मिलने के बाद आंदोलनरत शिक्षकों ने आमरण अनशन शुरू किया.
प्रदेश के थर्ड ग्रेड के शिक्षकों के तबादलों पर राज्य सरकार ने पूरी तरह रोक लगा दी है. सरकार के इस फैसले को (Rajasthan Third Grade Teachers Protest) कर्मचारी महासंघ और शिक्षक संगठनों ने तुगलकी फरमान बताया है. शिक्षकों में बताया कि राजस्थान में करीब 3 साल के लंबे इंतजार के बाद मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने अगस्त 2021 को थर्ड ग्रेड शिक्षकों के तबादलों के लिए आवेदन आमंत्रित किए थे. 8 अगस्त से 25 अगस्त तक करीब 85 हजार शिक्षकों ने तबादलों के लिए आवेदन किए थे. लेकिन इसके बाद भी उनके तबादले नहीं किए गए.
शिक्षा मंत्री तबादला नीति पारित होने के बाद ही थर्ड ग्रेड के शिक्षकों का तबादला किए जाने की बात कहते (Teachers on Hunger Strike demanding Transfer) रहे. लेकिन इस घोषणा के बाद 85 हजार आवेदन रद्दी हो गए. हालांकि कुछ महीने पहले तबादले की राह खुली तो शिक्षा मंत्री ने थर्ड ग्रेड शिक्षकों के जिले के अंदर एक स्थान से दूसरे स्थान पर तबादले होने की घोषणा की थी. लेकिन बीते दिनों इस पर भी रोक लगा दी गई. इसे लेकर शिक्षक संगठनों में आक्रोष है.
शिक्षकों का आरोप है कि थर्ड ग्रेड शिक्षकों के साथ सरकार अन्याय कर रही है. बुधवार को 3:00 बजे तक के अल्टीमेटम के बाद अब शिक्षक आमरण अनशन पर बैठ गए हैं. आंदोलन में आमरण अनशन पर बैठे शिक्षक नेता गिरिराज शर्मा, चंद्रभान चौधरी राकेश प्रजापत ने चेतावनी दी है कि वो तब ही अपना अनशन खत्म करेंगे, जब मुख्यमंत्री या शिक्षा मंत्री उन्हें ट्रांसफर करने लिखित आश्वासन देंगे.