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गहलोत सरकार ने दी कर्मचारियों को बड़ी राहत, अप्रैल के वेतन में नहीं होगी कटौती

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत लॉकडाउन के बीच प्रदेश के कर्मचारी वर्ग को बड़ी राहत दी है. मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में आयोजित सीएमआर की बैठक में अप्रैल महीने में कर्मचारियों के वेतन में कटौती नहीं करने का फैसला लिया गया है. जिसके बाद प्रदेश के 7 लाख से अधिक कर्मचारियों में खुशी की लहर है.

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अप्रैल में कर्मचारियों के वेतन में नहीं होगी कटौती
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Published : Apr 30, 2020, 4:52 PM IST

जयपुर. प्रदेश की गहलोत सरकार ने कर्मचारी वर्ग को बड़ी राहत देते हुए अप्रैल के महीने में वेतन कटौती नहीं करने का निर्णय लिया है. सरकार अप्रैल महीने का पूरा वेतन कर्मचारियों को देगी. मार्च के महीने में कर्मचारियों के वेतन का कुछ हिस्सा स्थगित कर दिया गया था. ऐसे में सरकार के इस निर्णय से कर्मचारियों को बड़ी राहत मिली है. सरकार के इस फैसले से प्रदेश के कर्मचारियों में खुशी की लहर है. हालांकि कोरोना वायरस के कारण सरकार के राजस्व संग्रहण में भारी कमी आई है. इसी के चलते सरकार ने मार्च के महीने के वेतन का कुछ हिस्सा स्थगित कर दिया था.

बता दें कि बुधवार देर रात मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में सीएमआर में हुई बैठक में प्रदेश कर्मचारियों को अप्रैल का पूरा वेतन पर निर्णय हुआ. आईएएस से लेकर चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारी के वेतन में भी कटौती नहीं होगी. इसके साथ ही यह भी साफ हो गया कि वेतन का जो हिस्सा स्थगित किया गया है. वह भी कर्मचारियों को मिलेगा. जो कर्मचारी रिटायर होने वाला है, उसे स्थगित किए गए वेतन का हिस्सा तुरंत मिल जाएगा.

ये पढ़ें: स्पेशल: पर्यटन उद्योग पर Corona की मार, अब देसी पावणों पर फोकस करेगी सरकार

सरकार के इस फैसले से प्रदेश कर्मचारियों खुशी की लहर है, कर्मचारी नेता संतोष विजय ने मुख्यमंत्री और मुख्य सचेतक महेश जोशी का आभार जताया, कर्मचारी नेताओं का कहना है कि 7 लाख से अधिक राज्य कर्मचारियों की भावनाओं को समझा , कर्मचारी संघ लगातार सरकार से मांग कर रहा था कि इस कोविड-19 मे कर्मचारी पूरी तरह से सरकार के साथ कंधे से कंधा मिला कर काम कर रहा है. यहां तक कि अपने वेतन के कुछ हिस्से को कोरोना महामारी के लिए भी दिया है.

ब्यूरोक्रेसी कंधे से कंधा मिलाकर कर रही काम

सीएम गहलोत ने बैठक में कहा कि कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने के लिए सभी को एकजुट होकर काम करना होगा. वे प्रदेश के सभी जिला क्लेक्टरों के कामकाज से पूरी तरह संतुष्ट है. उन्होंने कहा कि संकट की इस घड़ी में ब्यूरोक्रेसी कंधे से कंधा मिलाकर काम कर रही है. मुझे इसका बेहद गर्व है. हालांकि संकट की इस घड़ी में कई जिलों से परस्पर खींचतान मनमुटाव की रिपोर्ट है. ऐसे अफसरों पर कठोर कार्रवाई की जाएगी.

3 मई के बाद लॉकडाउन में छूट की संभावना

सूत्रों की माने तो 3 मई के बाद लॉकडाउन में काफी हद तक छूट दी जाएगी, ताकि प्रदेश में औद्योगिक विकास पटरी पर आए. मनरेगा मजदूरों की संख्या में बढ़ोतरी की गई है और अब प्रदेश में मनरेगा के तहत कार्य शुरू भी हो गया है. ग्रामीण क्षेत्रों में औद्योगिक इकाइयों को छूट दी गई है. अब 3 मई के बाद कुछ और छूट दी जाएगी.

ये पढ़ें: राहुल गांधी और रघुराम राजन की बातचीत पर बोले गहलोत, कहा- ये विचारों के आदान-प्रदान की अद्भुत पहल

केंद्र की नई गाइडलाइन के तहत राज्यों को कुछ शक्तियां मिली है, उन शक्तियों के तहत राज्य सरकार लॉकडाउन में छूट देगी. कोरोना वायरस के चलते प्रदेश की अर्थव्यवस्था पटरी से उतर गई है. अब औद्योगिक इकाइयों को श्रमिक भी नहीं मिल पा रहे हैं, क्योंकि श्रमिक अपने घरों के लिए रवाना हो रहे हैं. ऐसी स्थिति में औद्योगिक इकाइयों को शुरू होने में समय लग सकता है. साथ ही मकान मालिकों को किराया लेने के आदेश नहीं दिए हैं. सरकार ने केवल दिशा निर्देश दिए हैं. जिन मकान मालिकों का किराए से ही जीवन गुजारा हो रहा है, यदि किराया नहीं लेंगे तो उनके सामने गंभीर आर्थिक संकट खड़ा हो जाएगा.

जयपुर. प्रदेश की गहलोत सरकार ने कर्मचारी वर्ग को बड़ी राहत देते हुए अप्रैल के महीने में वेतन कटौती नहीं करने का निर्णय लिया है. सरकार अप्रैल महीने का पूरा वेतन कर्मचारियों को देगी. मार्च के महीने में कर्मचारियों के वेतन का कुछ हिस्सा स्थगित कर दिया गया था. ऐसे में सरकार के इस निर्णय से कर्मचारियों को बड़ी राहत मिली है. सरकार के इस फैसले से प्रदेश के कर्मचारियों में खुशी की लहर है. हालांकि कोरोना वायरस के कारण सरकार के राजस्व संग्रहण में भारी कमी आई है. इसी के चलते सरकार ने मार्च के महीने के वेतन का कुछ हिस्सा स्थगित कर दिया था.

बता दें कि बुधवार देर रात मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में सीएमआर में हुई बैठक में प्रदेश कर्मचारियों को अप्रैल का पूरा वेतन पर निर्णय हुआ. आईएएस से लेकर चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारी के वेतन में भी कटौती नहीं होगी. इसके साथ ही यह भी साफ हो गया कि वेतन का जो हिस्सा स्थगित किया गया है. वह भी कर्मचारियों को मिलेगा. जो कर्मचारी रिटायर होने वाला है, उसे स्थगित किए गए वेतन का हिस्सा तुरंत मिल जाएगा.

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सरकार के इस फैसले से प्रदेश कर्मचारियों खुशी की लहर है, कर्मचारी नेता संतोष विजय ने मुख्यमंत्री और मुख्य सचेतक महेश जोशी का आभार जताया, कर्मचारी नेताओं का कहना है कि 7 लाख से अधिक राज्य कर्मचारियों की भावनाओं को समझा , कर्मचारी संघ लगातार सरकार से मांग कर रहा था कि इस कोविड-19 मे कर्मचारी पूरी तरह से सरकार के साथ कंधे से कंधा मिला कर काम कर रहा है. यहां तक कि अपने वेतन के कुछ हिस्से को कोरोना महामारी के लिए भी दिया है.

ब्यूरोक्रेसी कंधे से कंधा मिलाकर कर रही काम

सीएम गहलोत ने बैठक में कहा कि कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने के लिए सभी को एकजुट होकर काम करना होगा. वे प्रदेश के सभी जिला क्लेक्टरों के कामकाज से पूरी तरह संतुष्ट है. उन्होंने कहा कि संकट की इस घड़ी में ब्यूरोक्रेसी कंधे से कंधा मिलाकर काम कर रही है. मुझे इसका बेहद गर्व है. हालांकि संकट की इस घड़ी में कई जिलों से परस्पर खींचतान मनमुटाव की रिपोर्ट है. ऐसे अफसरों पर कठोर कार्रवाई की जाएगी.

3 मई के बाद लॉकडाउन में छूट की संभावना

सूत्रों की माने तो 3 मई के बाद लॉकडाउन में काफी हद तक छूट दी जाएगी, ताकि प्रदेश में औद्योगिक विकास पटरी पर आए. मनरेगा मजदूरों की संख्या में बढ़ोतरी की गई है और अब प्रदेश में मनरेगा के तहत कार्य शुरू भी हो गया है. ग्रामीण क्षेत्रों में औद्योगिक इकाइयों को छूट दी गई है. अब 3 मई के बाद कुछ और छूट दी जाएगी.

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केंद्र की नई गाइडलाइन के तहत राज्यों को कुछ शक्तियां मिली है, उन शक्तियों के तहत राज्य सरकार लॉकडाउन में छूट देगी. कोरोना वायरस के चलते प्रदेश की अर्थव्यवस्था पटरी से उतर गई है. अब औद्योगिक इकाइयों को श्रमिक भी नहीं मिल पा रहे हैं, क्योंकि श्रमिक अपने घरों के लिए रवाना हो रहे हैं. ऐसी स्थिति में औद्योगिक इकाइयों को शुरू होने में समय लग सकता है. साथ ही मकान मालिकों को किराया लेने के आदेश नहीं दिए हैं. सरकार ने केवल दिशा निर्देश दिए हैं. जिन मकान मालिकों का किराए से ही जीवन गुजारा हो रहा है, यदि किराया नहीं लेंगे तो उनके सामने गंभीर आर्थिक संकट खड़ा हो जाएगा.

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