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मनमोहन सिंह कमेटी में पैसे जमा करवाने का नया फार्मूला...अब कांग्रेस संगठन को नहीं करना होगा मंत्रियों से तकादा, जानें कैेसे! - rajasthan hindi news

देशभर में सभी प्रदेश कांग्रेस कमेटियों (manmohan singh committee) को चलाने के लिए पार्टी ने एक नया फार्मूला निकाला है. इसके तहत कांग्रेस पार्टी को विधायक और मंत्रियों से पैसे मांगने की जरूरत नहीं पड़ेगी.

manmohan singh committee
मनमोहन सिंह कमेटी में पैसे जमा करवाने का नया फार्मूला
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Published : Apr 9, 2022, 7:41 AM IST

Updated : Apr 9, 2022, 7:51 AM IST

जयपुर. देशभर में सभी प्रदेश कांग्रेस कमेटियों को चलाने के लिए पैसे का इंतजाम कैसे हो, इसे लेकर कांग्रेस पार्टी की ओर से मनमोहन सिंह कमेटी की सिफारिशों को स्वीकार कर लिया गया था. इसके अनुसार कांग्रेस पार्टी के सभी चुने हुए प्रतिनिधि चाहे वो सरपंच हों, प्रधान हों, जिला प्रमुख हों, विधायक हों, पूर्व विधायक या मंत्री हों, सभी को अपनी एक महीने की तनख्वाह अपने-अपने प्रदेश के संगठन को चलाने के लिए देनी होती है. बाकी सभी जनप्रतिनिधियों की सैलरी को देखा जाए तो संगठन को उससे ज्यादा फर्क नहीं पड़ता.

ऐसे में कांग्रेस पार्टी ने राजस्थान में एक नया फार्मूला निकाला है, जिसके तहत अब कांग्रेस के विधायकों और मंत्रियों की (new formula for depositing money in manmohan singh committee) 1 महीने की सैलरी मार्च महीने में अपने आप ही सीधे प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अकाउंट में जमा हो जाएगी. जिससे कि किसी से पैसा मांगने की जरूरत भी नहीं पड़ेगी. पार्टी के रोजमर्रा के खर्चे चलाने के लिए आवश्यक फंड भी आसानी से जोड़ लिया जाएगा.

मनमोहन सिंह कमेटी में पैसे जमा करवाने का नया फार्मूला

कोषाध्यक्ष सीताराम अग्रवाल ने डोटासरा को दिया सुझाव: कोषाध्यक्ष सीताराम अग्रवाल ने डोटासरा को सुझाव दिया था, जिसके बाद विधायक दल की बैठक में सभी विधायकों से सहमति पत्र पर हस्ताक्षर करवाए गए. इसके बाद 88 लाख में से 62 लाख जमा हो चुका है. मनमोहन सिंह कमेटी की सिफारिश के अनुसार जनप्रतिनिधियों और पदाधिकारियों के साथ ही प्रदेश कांग्रेस सदस्यों को अपनी 1 माह की सैलरी साल में एक बार संगठन में जमा करानी होती है. इनमें से सबसे ज्यादा परेशानी विधायकों और पूर्व विधायकों की 1 महीने की सैलरी को लेकर आती है. कई विधायक और पूर्व विधायक ऐसे हैं जो बार-बार रिमाइंडर देने के बावजूद सालों से ये पैसा जमा नहीं करवा रहे थे.

पढ़ें-विधायक हो या मंत्री-संत्री, जनता से जुड़े मुद्दों पर उसे मुखर होना पड़ेगा...अब दिखेगा अलग नजारा : डोटासरा

ऐसे में प्रदेश कांग्रेस के नए कोषाध्यक्ष सीताराम अग्रवाल ने प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष को ये सुझाव दिया कि, विधायकों से इस बात को लेकर सहमति पत्र पर हस्ताक्षर करवा लिया जाए कि साल में एक बार उनकी सैलरी सीधी कांग्रेस पार्टी के अकाउंट में जमा हो जाएगी. जिससे न तो किसी विधायक को कुछ कहना होगा और पैसा भी सीधे पार्टी के अकाउंट में जमा हो जाएगा. इसके बाद प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष गोविन्द सिंह डोटासरा की ओर से सहमति पत्र देने के लिए एक-एक विधायक को पत्र लिखा गया. इस पत्र पर विधायक दल की बैठक में सभी विधायकों से हस्ताक्षर करवा भी लिए गए. इसका नतीजा यह हुआ कि इस बार मार्च महीने में ही पहली बार नई व्यवस्था के तहत विधायकों और मंत्रियों का पैसा सीधा कांग्रेस के खाते में जमा हो गया. इसी के साथ 88 लाख में से करीब 62 लाख रुपए कांग्रेस संगठन के अकाउंट में जमा भी हो गए.

ये थी मनमोहन सिंह कमेटी की सिफारिश: मनमोहन सिंह कमेटी की सिफारिशों के अनुसार मंत्रियों, विधायकों, लाभ के पदों पर बैठे नेताओं के साथ ही पीसीसी सदस्य और एआईसीसी सदस्यों को पार्टी फंड में सालाना पैसे जमा कराना होता है. इनमें पीसीसी सदस्यों को 300 रुपए ,एआईसीसी सदस्यों को 600 रुपए, विधायकों को 40000, कैबिनेट मंत्री को 65000, राज्य मंत्री को 62000 रुपए या एक महीने की सैलरी में जो ज्यादा हो जमा कराने होते हैं. इसके साथ ही महापौर, चेयरमैन, डिप्टी मेयर, उपाध्यक्ष, बोर्ड और निगम के चेयरमैन, जिला प्रमुख, उप जिला प्रमुख ,प्रधान सरपंच को भी ये राशि जमा करानी होती है.

जयपुर. देशभर में सभी प्रदेश कांग्रेस कमेटियों को चलाने के लिए पैसे का इंतजाम कैसे हो, इसे लेकर कांग्रेस पार्टी की ओर से मनमोहन सिंह कमेटी की सिफारिशों को स्वीकार कर लिया गया था. इसके अनुसार कांग्रेस पार्टी के सभी चुने हुए प्रतिनिधि चाहे वो सरपंच हों, प्रधान हों, जिला प्रमुख हों, विधायक हों, पूर्व विधायक या मंत्री हों, सभी को अपनी एक महीने की तनख्वाह अपने-अपने प्रदेश के संगठन को चलाने के लिए देनी होती है. बाकी सभी जनप्रतिनिधियों की सैलरी को देखा जाए तो संगठन को उससे ज्यादा फर्क नहीं पड़ता.

ऐसे में कांग्रेस पार्टी ने राजस्थान में एक नया फार्मूला निकाला है, जिसके तहत अब कांग्रेस के विधायकों और मंत्रियों की (new formula for depositing money in manmohan singh committee) 1 महीने की सैलरी मार्च महीने में अपने आप ही सीधे प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अकाउंट में जमा हो जाएगी. जिससे कि किसी से पैसा मांगने की जरूरत भी नहीं पड़ेगी. पार्टी के रोजमर्रा के खर्चे चलाने के लिए आवश्यक फंड भी आसानी से जोड़ लिया जाएगा.

मनमोहन सिंह कमेटी में पैसे जमा करवाने का नया फार्मूला

कोषाध्यक्ष सीताराम अग्रवाल ने डोटासरा को दिया सुझाव: कोषाध्यक्ष सीताराम अग्रवाल ने डोटासरा को सुझाव दिया था, जिसके बाद विधायक दल की बैठक में सभी विधायकों से सहमति पत्र पर हस्ताक्षर करवाए गए. इसके बाद 88 लाख में से 62 लाख जमा हो चुका है. मनमोहन सिंह कमेटी की सिफारिश के अनुसार जनप्रतिनिधियों और पदाधिकारियों के साथ ही प्रदेश कांग्रेस सदस्यों को अपनी 1 माह की सैलरी साल में एक बार संगठन में जमा करानी होती है. इनमें से सबसे ज्यादा परेशानी विधायकों और पूर्व विधायकों की 1 महीने की सैलरी को लेकर आती है. कई विधायक और पूर्व विधायक ऐसे हैं जो बार-बार रिमाइंडर देने के बावजूद सालों से ये पैसा जमा नहीं करवा रहे थे.

पढ़ें-विधायक हो या मंत्री-संत्री, जनता से जुड़े मुद्दों पर उसे मुखर होना पड़ेगा...अब दिखेगा अलग नजारा : डोटासरा

ऐसे में प्रदेश कांग्रेस के नए कोषाध्यक्ष सीताराम अग्रवाल ने प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष को ये सुझाव दिया कि, विधायकों से इस बात को लेकर सहमति पत्र पर हस्ताक्षर करवा लिया जाए कि साल में एक बार उनकी सैलरी सीधी कांग्रेस पार्टी के अकाउंट में जमा हो जाएगी. जिससे न तो किसी विधायक को कुछ कहना होगा और पैसा भी सीधे पार्टी के अकाउंट में जमा हो जाएगा. इसके बाद प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष गोविन्द सिंह डोटासरा की ओर से सहमति पत्र देने के लिए एक-एक विधायक को पत्र लिखा गया. इस पत्र पर विधायक दल की बैठक में सभी विधायकों से हस्ताक्षर करवा भी लिए गए. इसका नतीजा यह हुआ कि इस बार मार्च महीने में ही पहली बार नई व्यवस्था के तहत विधायकों और मंत्रियों का पैसा सीधा कांग्रेस के खाते में जमा हो गया. इसी के साथ 88 लाख में से करीब 62 लाख रुपए कांग्रेस संगठन के अकाउंट में जमा भी हो गए.

ये थी मनमोहन सिंह कमेटी की सिफारिश: मनमोहन सिंह कमेटी की सिफारिशों के अनुसार मंत्रियों, विधायकों, लाभ के पदों पर बैठे नेताओं के साथ ही पीसीसी सदस्य और एआईसीसी सदस्यों को पार्टी फंड में सालाना पैसे जमा कराना होता है. इनमें पीसीसी सदस्यों को 300 रुपए ,एआईसीसी सदस्यों को 600 रुपए, विधायकों को 40000, कैबिनेट मंत्री को 65000, राज्य मंत्री को 62000 रुपए या एक महीने की सैलरी में जो ज्यादा हो जमा कराने होते हैं. इसके साथ ही महापौर, चेयरमैन, डिप्टी मेयर, उपाध्यक्ष, बोर्ड और निगम के चेयरमैन, जिला प्रमुख, उप जिला प्रमुख ,प्रधान सरपंच को भी ये राशि जमा करानी होती है.

Last Updated : Apr 9, 2022, 7:51 AM IST
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