जयपुर. केंद्र सरकार की ओर से लगाया गया लॉकडाउन 4.0 रविवार को समाप्त होने वाला है. रविवार के बाद से केंद्र सरकार की ओर से इस विषय में क्या निर्णय लिए जाते हैं, ये बात जल्द ही सामने आ सकती है. लेकिन मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने पहले ही यह साफ कर दिया है कि राजस्थान में 31 मई के बाद भी रात्रिकालीन कर्फ्यू जारी रहेगा.
बता दें कि अब राजस्थान में 31 मई के बाद लगने वाले कर्फ्यू के समय में परिवर्तन किया जाने वाला है. जैसा कि अभी रात्रिकालीन कर्फ्यू का समय शाम 7:00 बजे से लेकर सुबह 7:00 बजे तक रहता है. वहीं, 1 जून से प्रदेश में रात्रिकालीन कर्फ्यू का समय रात्रि 8:00 बजे से लेकर सुबह 6:00 बजे तक किया जाएगा.
पढ़ें- लॉकडाउन के बाद जयपुर एयरपोर्ट पर गिरा यात्री भार, महज 4726 यात्रियों ने की यात्रा
इसके साथ ही अब यह साफ हो चुका है कि कोरोना से बचाव को लेकर केंद्र सरकार की ओर से राज्य सरकारों को अपने राज्यों में निर्णय लेने के अधिकार ज्यादा दिए जाएंगे, जिसके बाद जानकार सूत्रों के हवाले से यह खबर निकल कर आ रही है कि राजस्थान में अब जोन सिस्टम खत्म किया जाएगा और उसकी जगह कर्फ्यू और नॉन कर्फ्यू रह जाएगा. इसके साथ ही जहां भी कोरोना के मामले सामने आएंगे, उसमें पूरे क्षेत्र में कर्फ्यू की जगह एक सीमित जगह पर कर्फ्यू लगाया जाएगा. ताकि पूरे इलाके के काम-धंधे और लोगों का जनजीवन प्रभावित ना हो.
वहीं, राजस्थान के जिलों में चल रही परिवहन सेवा में भी विस्तार किए जाने की तैयारियां चल रही हैं. अभी राजस्थान में रोडवेज के 55 ट्रिप लग रहे हैं, इन्हें अब बढ़ाया जाएगा. हालांकि, अभी शहरों के अंदर परिवहन को लेकर निर्णय नहीं हुआ है और अभी शहरों के अंदर सरकारी परिवहन की बसें और प्राइवेट बसों को बंद रखा जा सकता है. इसके साथ ही स्कूल-कॉलेज भी अभी बंद रखे जाएंगे, केवल बोर्ड की परीक्षाओं को करवाने का टाइम टेबल जारी किया जाएगा.
पढ़ें- कोटपूतली में मोटर गैराज राज्यमंत्री के नेतृत्व में बैठक, पेयजल सहित कई मसलों पर हुई चर्चा
इस मामले पर प्रदेश के राजस्व मंत्री हरीश चौधरी से जब 31 मई के बाद लॉकडाउन की स्थिति पर बात की गई तो उन्होंने कहा कि लॉकडाउन 4 का अंतिम दौर चल रहा है. इसके लिए लॉकडाउन ही केवल एकमात्र समाधान नहीं है, लेकिन यह एक पॉज का बटन जरूर है. इसके साथ ही मंत्री हरीश चौधरी ने कहा कि जो व्यवस्था बनी हुई है उससे तो कोरोना संक्रमण को देखते हुए आगे भी जारी रखना पड़ेगा. हालांकि, इसमें मुख्यमंत्री अपने अनुसार रियायतें और दे सकते हैं.