जयपुर. नगर निगम में अब काम नहीं तो दाम नहीं, मेयर विष्णु लाटा ने साफ कर दिया है कि जो सफाई कर्मचारी काम नहीं करेंगे, उन्हें सर्विस में रहने का हक नहीं. 2 अक्टूबर के बाद इसे एक अभियान की तरह लिया जाएगा. इस निमित्त अनुपस्थित रहने वाले कर्मचारियों की लिस्ट का काम शुरू किया जा चुका है.
शहर की सफाई व्यवस्था को मजबूत करने के लिए बीते साल निगम की ओर से 4 हजार 957 सफाई कर्मचारियों की पद पर भर्ती निकाली गई. जिसमें से 757 कर्मचारियों ने नौकरी ज्वाइन नहीं की और तकरीबन 1200 कर्मचारियों को नगर निगम के दूसरे कामों में लगा दिया गया. बचे हुए सफाई कर्मचारियों को बीट प्रणाली के तहत क्षेत्र बांटा गया.
वहीं हाल ही में निगम की ओर से इन सफाई कर्मचारियों की उपस्थिति का औचक निरीक्षण किया गया. जिसमें तकरीबन 700 कर्मचारी बिना सूचना के मौके पर अनुपस्थित मिले. जिसे लेकर अब महापौर विष्णु लाटा ने काम नहीं तो दाम नहीं का रास्ता अपनाने की बात कही है.
पढ़ें- जयपुर में कार बुक करने के नाम पर 1 लाख 99 हजार की ठगी, मामला दर्ज
उन्होंने साफ किया कि जो सफाई कर्मचारी काम नहीं करेंगे, उन्हें सर्विस में रहने का हक नहीं. उन्होंने कहा कि जिनकी नियुक्ति जयपुर शहर को साफ सुथरा करने के लिए की गई है, वो यदि काम नहीं करेंगे तो उन्हें सस्पेंड करना ही पड़ेगा. इस संबंध में लिस्टिंग की जा रही है और 2 अक्टूबर से इसे एक अभियान की तरह लेते हुए काम नहीं करने वालों को घर भेजा जाएगा.
पढ़ेंः अजमेर में 250 हेड कांस्टेबल ने आजमाया अपना भाग्य, SI के 59 पदों के लिए दी परीक्षा
गौरतलब है कि हाल ही में मेयर ने ये भी माना था कि शहर में सफाई व्यवस्था में काफी कमी है और सफाई कर्मचारियों की बड़ी भर्ती के बाद भी शहर को इसका फायदा नहीं मिल पाया है. ऐसे में मेयर के नए अभियान से ये साफ है कि अब काम में लापरवाही बरतने वालों को बख्शा नहीं जाएगा.