जयपुर. प्रदेश में पट्टों की रेवड़ी बांटने के लिए राज्य सरकार प्रशासन शहरों के संग अभियान के तहत सरकारी जमीन और अवैध तरीके से बसी कॉलोनियों और बस्तियों को भी पट्टे देने की तैयारी कर रही है. इसके लिए अधिकारियों के साथ जनता से भी सुझाव लिए जाएंगे. जिसके लिए पोर्टल की भी शुरुआत कर दी गई है.
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अभियान को सफल बनाने के लिए निगम प्रशासन कच्ची बस्तियों का दोबारा सर्वे कराने की मांग कर रहा है. जबकि जयपुर विकास प्राधिकरण विभिन्न योजनाओं में आ रही पट्टे वितरण की कानूनी पेचीदगियों को दूर करने में जुटा है.
प्रशासन शहरों के संग अभियान 2021 के तहत राज्य सरकार करीब 10 लाख से ज्यादा पट्टे वितरण करने की प्लानिंग कर रही है. इस क्रम में पुरानी आबादी क्षेत्र में मौके के अनुसार हो रहे उपयोग के आधार पर भी पट्टे दिए जाएंगे. तो वहीं, निकायों की ओर से दिए जाने वाले पट्टे को बेचान और रखने की शर्त से मुक्त करने की तैयारी की गई है.
एक बड़ी आबादी के लिए राहत की बात तो ये है कि सरकारी भूमि पर विकसित आवासीय और व्यवसायिक क्षेत्रों का भी अब नियमन करने की चर्चाएं हैं. इन सबके बीच जयपुर विकास प्राधिकरण और जयपुर नगर निगम भी तैयारियों में जुटा हुआ है.
जेडीए ने तीन चरणों में बांटा काम
राज्य सरकार के निर्देश अनुसार जेडीए ने तैयारी शुरू कर दी है. जेडीए के 18 जोन हैं, प्रत्येक जोन में जेडीए के जिन योजनाओं का नियमन हो चुका है, लेकिन अब तक पट्टे जारी नहीं हुए हैं, उनको चिन्हित किया जा रहा है. इसके अलावा ऐसी योजनाएं जो नियमन योग्य हैं, और ऐसी योजनाएं जिनके नियमन में कानूनी पेचीदगियां दिया हैं, उन्हें भी चिन्हित किया जा रहा है.
जेडीसी गौरव गोयल ने बताया कि जेडीए की एक इंटरनल कमेटी भी बनाई गई है, जो कानूनी पेचीदगियों का समाधान करने के लिए सुझाव राज्य स्तरीय समिति तक पहुंचा रही है. इसके अलावा जेडीए स्तर पर डिटेल सर्वे और ड्रोन सर्वे को ले कर भी टेंडर जारी कर दिया गया है. ऐसे में 2 अक्टूबर से शुरू होने वाले अभियान से पहले सर्वे, कॉलोनियों का चिह्नीकरण और उनके कानूनी प्रकरणों का निस्तारण करने का काम कर लिया जाएगा. ताकि कैंप के दौरान तत्काल पट्टे आवंटित किए जा सकें.
निगम ने की कच्ची बस्तियों के दोबारा सर्वे की मांग
अधिकतर जमीन से संबंधित प्रकरणों पट्टे, नाम हस्तांतरण से जुड़े मामलों को निस्तारित करने के लिए यूडीएच मंत्री ने निर्देश दिए हैं. इस क्रम में ज्यादा से ज्यादा लक्ष्य रखते हुए, जो भी मसला है उसको किस तरह निस्तारित किया जा सकता है इसकी प्रीप्लानिंग की जा रही है. इसमें यदि नियमों में कोई बदलाव की आवश्यकता है, तो उसका सुझाव भी राज्य सरकार स्तर पर बनी कमेटी को भेजने के निर्देश दिए गए हैं. हेरिटेज निगम कमिश्नर अवधेश मीणा ने बताया कि नगर निगम क्षेत्र में कच्ची बस्तियों का सर्वे दोबारा कराए जाने को लेकर यूडीएच मंत्री से मांग की गई थी. अब राज्य सरकार के निर्देशों का इंतजार है.
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यूडीएच मंत्री और यूडीएच सलाहकार प्रदेश के सभी प्राधिकरण, विकास न्यास और नगरीय निकायों के अधिकारियों के साथ संभागवार चर्चा कर चुके हैं. और उन्हें क्षेत्र के अनुसार उपयुक्त निर्देश भी दिए जा चुके हैं. वहीं आम जनता के सुझाव के लिए वेब पोर्टल भी लॉन्च कर दिया गया है.