ETV Bharat / state

तय समय पर फ्लैट का कब्जा नहीं देने वाले बिल्डर पर 2.31 लाख रुपए का हर्जाना - COURT ORDER IN JAIPUR

जयपुर के जिला उपभोक्ता आयोग ने फ्लैट का कब्जा तय समय पर नहीं देने पर एक बिल्डर पर 2.31 लाख रुपए का हर्जाना लगाया है.

Court Order in Jaipur
जिला न्यायालय जयपुर (ETV Bharat Jaipur)
author img

By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Jan 11, 2025, 9:36 PM IST

जयपुर: जिला उपभोक्ता आयोग, जयपुर-तृतीय ने लॉटरी में आवंटित किए गए फ्लैट का कब्जा तय समय पर नहीं देने को अनफेयर ट्रेड प्रैक्टिस करार देते हुए मैसर्स यूनिक बिल्डर्स एंड डवलपर्स पर 2.31 लाख रुपए का हर्जाना लगाया है. वहीं जमा करवाई गई राशि भी 9 फीसदी ब्याज सहित लौटाने के लिए कहा है.

आयोग ने होम लोन देने वाली फाइनेंस कंपनी को निर्देश दिया है कि वह विपक्षी बिल्डर से लोन के तौर पर दी गई राशि की वसूली करे और परिवादिया की सिबिल को भी दुरुस्त करे. आयोग के अध्यक्ष देेवेन्द्र मोहन माथुर व सदस्य दुष्यंत कुमार शर्मा ने यह आदेश कृष्णा देवी के परिवाद पर दिए.

पढें: चिकित्सक को डॉक्टर्स पॉलिसी का क्लेम नहीं देने पर बीमा कंपनी पर लगाया हर्जाना

परिवाद में कहा गया कि विपक्षी बिल्डर ने साल 2019 में जयपुर अजमेर एक्सप्रेस वे पर यूनिक अभिनंदन के नाम से आवासीय योजना लांच की. इसमें परिवादिया को मुख्यमंत्री जन आवासीय योजना के तहत ईडब्ल्यूएस केटेगरी में 374 वर्ग फीट का फ्लैट 8.51 लाख रुपए में लॉटरी के जरिए आवंटित किया गया. इसके लिए विपक्षी बिल्डर ने उसे फाइनेंस कंपनी से लोन भी दिलवा दिया. विपक्षी बिल्डर को फ्लैट का कब्जा सितंबर, 2021 तक दिया जाना था, लेकिन तय समय अवधि में फ्लैट का कब्जा नहीं दिया गया. इसके बावजूद भी उससे हर महीने लोन की किस्त वसूली होती रही. जब उसने लोन किस्त देने से मना किया तो फाइनेंस कंपनी ने उसकी सिबिल खराब कर दी. इसे उसने जिला उपभोक्ता आयोग में चुनौती देते हुए उसकी जमा राशि ब्याज सहित दिलवाए जाने का आग्रह किया. जिस पर सुनवाई करते हुए आयोग ने परिवादी के पक्ष में फैसला सुनाया है.

जयपुर: जिला उपभोक्ता आयोग, जयपुर-तृतीय ने लॉटरी में आवंटित किए गए फ्लैट का कब्जा तय समय पर नहीं देने को अनफेयर ट्रेड प्रैक्टिस करार देते हुए मैसर्स यूनिक बिल्डर्स एंड डवलपर्स पर 2.31 लाख रुपए का हर्जाना लगाया है. वहीं जमा करवाई गई राशि भी 9 फीसदी ब्याज सहित लौटाने के लिए कहा है.

आयोग ने होम लोन देने वाली फाइनेंस कंपनी को निर्देश दिया है कि वह विपक्षी बिल्डर से लोन के तौर पर दी गई राशि की वसूली करे और परिवादिया की सिबिल को भी दुरुस्त करे. आयोग के अध्यक्ष देेवेन्द्र मोहन माथुर व सदस्य दुष्यंत कुमार शर्मा ने यह आदेश कृष्णा देवी के परिवाद पर दिए.

पढें: चिकित्सक को डॉक्टर्स पॉलिसी का क्लेम नहीं देने पर बीमा कंपनी पर लगाया हर्जाना

परिवाद में कहा गया कि विपक्षी बिल्डर ने साल 2019 में जयपुर अजमेर एक्सप्रेस वे पर यूनिक अभिनंदन के नाम से आवासीय योजना लांच की. इसमें परिवादिया को मुख्यमंत्री जन आवासीय योजना के तहत ईडब्ल्यूएस केटेगरी में 374 वर्ग फीट का फ्लैट 8.51 लाख रुपए में लॉटरी के जरिए आवंटित किया गया. इसके लिए विपक्षी बिल्डर ने उसे फाइनेंस कंपनी से लोन भी दिलवा दिया. विपक्षी बिल्डर को फ्लैट का कब्जा सितंबर, 2021 तक दिया जाना था, लेकिन तय समय अवधि में फ्लैट का कब्जा नहीं दिया गया. इसके बावजूद भी उससे हर महीने लोन की किस्त वसूली होती रही. जब उसने लोन किस्त देने से मना किया तो फाइनेंस कंपनी ने उसकी सिबिल खराब कर दी. इसे उसने जिला उपभोक्ता आयोग में चुनौती देते हुए उसकी जमा राशि ब्याज सहित दिलवाए जाने का आग्रह किया. जिस पर सुनवाई करते हुए आयोग ने परिवादी के पक्ष में फैसला सुनाया है.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.