जयपुर. कोरोना वायरस को लेकर राज्य मानवाधिकार आयोग ने भी सख्ती दिखाई है. मानवाअधिकार आयोग के अध्यक्ष जस्टिस महेश शर्मा ने राज्य सरकार से कोरोना वायरस को लेकर बरती जा रही व्यवस्थाओं को लेकर विस्तृत रिपोर्ट मांगी है. आयोग ने नोटिस जारी कर 18 मार्च तक जवाब मांगा है.
आयोग ने कहा कि राज्य के लगभग सभी समाचार पत्रों और चैनलों में कोरोना वायरस के संबंध में समाचार प्रकाशित हुआ है, जिसमें कोरोना वायरस को प्राणघातक बताया है. इस महामारी के चलते भारत के अनेक राज्यों सहित राजस्थान में भी प्रवेश कर जाने की आशंका जताई जा रही है.
वहीं राज्य की गहरी आबादी वाले शहरों में इसकी फैलने की पूर्ण संभावना हो सकती है. ऐसे में इस विषय को गंभीरता को ध्यान में रखते हुए प्रकाशित और प्रसारित खबरों पर आयोग ने संज्ञान लिया और स्वास्थ्य विभाग से रिपोर्ट मांगी है.
रिपोर्ट में पूछे गए सवाल
- राज्य में सभी राजकीय चिकित्सालयों में कोरोना वायरस के निजात पाने की सभी आवश्यक संसाधन है, अथवा नहीं
- चिकित्सालय में सफाई व्यवस्था रखी जा रही है, अथवा नहीं
- क्या कोरोना से पीड़ित कोई मरीज अब तक राज्य किसी चिकित्सालय में भर्ती हुआ है यदि हुआ है तो उसके इलाज की क्या इंतजाम किए गए और यदि अभी तक कोई मरीज भर्ती नहीं हुआ है तो भविष्य में इसके बचने की क्या इंतजाम किए गए हैं.
- छात्रावासों में इससे निजात की क्या एग्जाम है क्या छात्रावास में नियमित साफ-सफाई स्वच्छ पानी की व्यवस्था की जा रही है
- जैसा की राज्य सरकार ने मुफ्त दवा और जांच के आदेश दे रखे हैं, जिससे मुख्य उद्देश्य प्रत्येक व्यक्ति को निरोगी रखना है. राज्य सरकार भावनाओं को ध्यान में रखते हुए इनका कार्य करना है और इसे हेतू क्या कदम उठाए इसकी पूरी जानकारी उपलब्ध कराएं.
- राज्य के सभी जिला पुलिस अधीक्षक से सवाल-
- क्या कारागार में निरुद्ध बंदियों के लिए इस कोरोना वायरस से निजात पाने के सभी आवश्यक संसाधन है अथवा नहीं
- क्या कारागार से निपटने के लिए नियमित आवश्यक साफ-सफाई बिजली पानी अन्य चिकित्सकीय सुविधाएं नियमित रूप से की जा रही है या नहीं, और अगर की जा रही है तो उसकी किस स्तर पर की जा रही है.