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सिर मुंडवाने से आहत युवक के आत्महत्या मामले में मानवाधिकार आयोग ने लिया संज्ञान, एक सप्ताह में मांगा जवाब

बीकानेर में चोरी के आरोप में युवक की पिटाई के सिर मुंडाने से आहत युवक के आत्महत्या करने के मामले में मानवाधिकार आयोग सख्त हो गया है. आयोग ने बीकानेर एसपी और कलेक्टर से मामले में जवाब मांगा है.

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Published : Sep 21, 2021, 6:26 PM IST

जयपुर. बीकानेर के नोखा थाना क्षेत्र में चोरी के मामले में पकड़े गए युवक का सर मुंडाने पर आत्महत्या के मामले ने अब तूल पकड़ लिया है. राज्य मानवाधिकार आयोग ने इस मामले में संज्ञान लेते हुए बीकानेर पुलिस अधीक्षक और कलेक्टर को नोटिस जारी कर 1 सप्ताह में तथ्यात्मक रिपोर्ट पेश करने के निर्देश दिए हैं.

आयोग अध्यक्ष जस्टिस गोपाल कृष्ण व्यास ने मीडिया में इन खबरों के आधार पर इस मामले में संज्ञान लेते हुए निर्देश जारी किए हैं. आयोग ने इस मामले को काफी गंभीर माना है. आयोग अध्यक्ष के अनुसार भारतीय संविधान के अनुच्छेद 21 के तहत प्रत्येक व्यक्ति को स्वतंत्र रूप से जीवन जीने का अधिकार है लेकिन इस मामले में आरोपियों ने चोरी का आरोप में एक युवक के सिर के बाल काट दिए और इसके बाद उसके साथ मारपीट भी की जिससे हताहत होकर युवक ने पंखे से फंदे पर लटककर जान दे दी.

पढ़ें: बीकानेर सहकारिता विभाग में भ्रष्टाचार के खेल का पर्दाफाश, गिरफ्तार MD, उप रजिस्ट्रार सहित चार कोर्ट में पेश

आयोग अध्यक्ष के अनुसार इस प्रकार की घटना निश्चय ही मानव अधिकारों का खुला हनन है क्योंकि किसी भी व्यक्ति को कानून हाथ में लेने का अधिकार नहीं है. आयोग ने पीड़ित ओमप्रकाश के साथ किए गए कृत्य को निंदनीय माना और यह भी कहा कि एक युवक ने अपने सम्मान के ही कारण आत्महत्या की है. मात्र चोरी के आरोप में उसके बाल कैंची से काटे गए जो एक घृणित अपराध हैं जिसकी इजाजत कानूनी रूप से कभी भी नहीं दी जा सकती है.

जयपुर. बीकानेर के नोखा थाना क्षेत्र में चोरी के मामले में पकड़े गए युवक का सर मुंडाने पर आत्महत्या के मामले ने अब तूल पकड़ लिया है. राज्य मानवाधिकार आयोग ने इस मामले में संज्ञान लेते हुए बीकानेर पुलिस अधीक्षक और कलेक्टर को नोटिस जारी कर 1 सप्ताह में तथ्यात्मक रिपोर्ट पेश करने के निर्देश दिए हैं.

आयोग अध्यक्ष जस्टिस गोपाल कृष्ण व्यास ने मीडिया में इन खबरों के आधार पर इस मामले में संज्ञान लेते हुए निर्देश जारी किए हैं. आयोग ने इस मामले को काफी गंभीर माना है. आयोग अध्यक्ष के अनुसार भारतीय संविधान के अनुच्छेद 21 के तहत प्रत्येक व्यक्ति को स्वतंत्र रूप से जीवन जीने का अधिकार है लेकिन इस मामले में आरोपियों ने चोरी का आरोप में एक युवक के सिर के बाल काट दिए और इसके बाद उसके साथ मारपीट भी की जिससे हताहत होकर युवक ने पंखे से फंदे पर लटककर जान दे दी.

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आयोग अध्यक्ष के अनुसार इस प्रकार की घटना निश्चय ही मानव अधिकारों का खुला हनन है क्योंकि किसी भी व्यक्ति को कानून हाथ में लेने का अधिकार नहीं है. आयोग ने पीड़ित ओमप्रकाश के साथ किए गए कृत्य को निंदनीय माना और यह भी कहा कि एक युवक ने अपने सम्मान के ही कारण आत्महत्या की है. मात्र चोरी के आरोप में उसके बाल कैंची से काटे गए जो एक घृणित अपराध हैं जिसकी इजाजत कानूनी रूप से कभी भी नहीं दी जा सकती है.

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