जयपुर. अगस्त महीने में त्योहारी सीजन शुरू होते ही चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग ने मिलावट के खिलाफ अभियान शुरू कर दिया. अगस्त महीने में हरियाली तीज, स्वतंत्रता दिवस और राखी का त्योहार था, इसके साथ ही जन्माष्टमी का पर्व भी मनाया जाना है. अगस्त महीने में विभाग ने अब तक 39 सैंपल लिए हैं, जिन्हे जांच के लिए भेजा है. अगस्त महीने में विभाग ने 200 किलो से ज्यादा मिलावटी खाद्य सामग्री नष्ट की है.
विभाग की ओर से अगस्त महीने में 4 दूध, 20 दूध से बनी हुई मिठाइयों, 3 चांदी के वर्क से बनी मिठाइयों, एक घी एवं तेल से निर्मित और 11 अन्य तरह की खाद्य सामग्री के सैंपल लिए गए हैं. इन्हें जांच के लिए लेबोरेट्री में भेजा गया है. अगस्त महीने में अब तक विभाग 39 निरीक्षण कर चुका है. 16 अगस्त को निरीक्षण के दौरान विभाग ने 40 किलो मावे की मिलावटी मिठाई नष्ट करवाई. इसी तरह से 19 अगस्त को 39 किलो मिल्क केक, 22 अगस्त को ही 80 किलो बासी घेवर और 80 किलो मिल्क केक नष्ट करवाया.
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी नरोत्तम शर्मा ने बताया कि मिलावट को लेकर राज्य सरकार भी गंभीर है. इसमें जिला प्रशासन और चिकित्सा विभाग की टीमों को शामिल किया गया है. ये टीमें लगातार कार्रवाई कर रही हैं. मिलावट को लेकर विभाग की ओर से दोषियों के खिलाफ इस्तगासे लगाए जा रहे हैं. यदि कोई सामग्री सब स्टैंडर्ड के अनुसार नहीं मिलती है तो उनके खिलाफ अतिरिक्त जिला कलेक्टर के कोर्ट में परिवाद भी पेश किया जाता है. इन मामलों में दोषियों को भी सुनवाई का अधिकार दिया जाता है. इसके बाद ही कोर्ट दोषियों के खिलाफ जुर्माना भी लगाती है.
नरोत्तम शर्मा ने कहा कि विभाग के पास मोबाइल टेस्टिंग लैब हैं. उससे मौके पर ही खाद्य सामग्री की मिलावट होने की जांच कर ली जाती है. यदि उसमें सैंपल सही नहीं पाया जाता है तो संबंधित के खिलाफ जुर्माना लगाया जाता है. विभाग के फूड इंस्पेक्टर भी समय समय पर लगातार मिलावटखोरों के खिलाफ कार्रवाई कर रहे हैं. जहां भी शिकायत मिलती है या जहां शिकायत नहीं मिलती, वहां भी विभाग की टीम अचानक पहुंचती है और छापामार कार्रवाई करती है.
छापा मारने के बाद खाद्य सामग्री के सैंपल भी लिए जाते हैं और उनकी लैब में जांच कराई जाती है. यदि खाद्य सामग्री अनसेफ, सब स्टैंडर्ड या मिस ब्रांड की होती है तो संबंधित दोषियों के खिलाफ कोर्ट में परिवाद भी पेश करते हैं. कार्रवाई के दौरान यदि कोई खाद्य सामग्री के मिलावट होने की शंका होती है तो उसे भी मौके पर ही नष्ट कराया जाता है.
आपको बता दें कि जयपुर शहर में मिलावट का धंधा लगातार फल-फूल रहा है और जिला प्रशासन के निर्देश के बाद चिकित्सा स्वास्थ्य विभाग मिलावट के खिलाफ लगातार कार्रवाई को अंजाम देता आया है. लॉक डाउन समाप्त होने के बाद विभाग ने फिर से मिलावट के खिलाफ कार्रवाई शुरू कर दी है. त्योहारी सीजन में मिलावट के खिलाफ विभाग का विशेष फोकस है.