ETV Bharat / city

राजकीय भवनों की जिओ टैगिंग होगी, जीआईएस परियोजना की वित्तीय स्वीकृति जारी - Rajasthan hindi news

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने परियोजना के लिए 153.80 करोड़ रुपए की वित्तीय स्वीकृति दी है. इस परियोजना के लागू होने से प्रदेश के प्रत्येक राजकीय भवनों की जियो टैगिंग (Geo tagging of state buildings) हो सकेगी.

Geo tagging of state buildings
Geo tagging of state buildings
author img

By

Published : Oct 18, 2022, 8:18 PM IST

जयपुर. प्रदेश के राजकीय भवनों की जिओ टैगिंग (Geo tagging of state buildings) होगी. विभिन्न विभागीय योजनाओं और कार्यों का भू-चिन्हित सर्वेक्षण भी होगा. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने जीआईएस परियोजना के लिए 153.80 करोड़ रुपये स्वीकृत कर दिए (Financial approval for Gehlot GIS project) हैं. क्षेत्रीय स्तर पर दी जाने वाली सेवा प्रदायगी के लिए एकल समाधान होगा साथ ही आपदा या महामारी के दौरान हो संसाधनों का बेहतर प्रबंधन हो सकेगा.

153.80 करोड़ रुपए की वित्तीय स्वीकृति
राज्य सरकार प्रदेश में बेहतर सेवा प्रदायगी के लिए निरंतर कार्यरत है. इसी क्रम में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने राज्य के विभिन्न विभागों और उपक्रमों की परिसंपत्तियों, योजनाओं के साथ कार्यों की भौगोलिक सूचना प्रणाली (जीआईएस) के माध्यम से जिओ टैगिंग कर उन्हें मैप से जोड़ने के प्रस्ताव को स्वीकृति दी है. इस इसके लिए प्रारंभ में 153.80 करोड़ रुपये की वित्तीय स्वीकृति दी गई है.

पढ़ें. सीएम गहलोत का बड़ा फैसला, अब पासपोर्ट कार्यालय की तर्ज पर खुलेंगे मॉडल उप पंजीयक कार्यालय

भौगोलिक स्थितियों के संबंध में होगा डाटा एकत्रित
जीआईएस एक ऐसी प्रणाली है जिसे पृथ्वी की सतह पर भौगोलिक स्थितियों के संबंध में डाटा एकत्रित करने, संग्रहीत करने, संशोधन करने के साथ विश्लेषण करने के लिए बनाया गया है, साथ ही इस प्रणाली से डाटा प्रबंधित करने तथा प्रस्तुत करने का कार्य भी किया जा सकता है. गहलोत की इस स्वीकृति से अब राज्यव्यापी जीआईएस प्रणाली के माध्यम से सभी विभाग अपनी परिसंपत्तियों, सुविधाओं, योजनाओं और कार्यक्रमों का भू-स्थानिक डाटा जीआईएस आधारित प्लेटफाॅर्म से जोड़ सकेंगे. इससे संसाधन संग्रहण और वितरण, विभिन्न योजनाओं के साथ कार्यक्रमों के नीति नियोजन के संबंध में निर्णय लेने और उनके निरीक्षण में आसानी होगी.

पढ़ें. बेरोजगारों को बड़ी सौगात, राजस्थान के चिकित्सा महाविद्यालयों में 619 नवीन पदों पर होगी नियुक्ति

आपदा या महामारी बेहतर प्रबंधन
इस निर्णय से विभिन्न विभागीय योजनाओं एवं कार्यों के भू-चिन्हित सर्वेक्षण से क्षेत्रीय स्तर पर सेवा प्रदायगी बेहतर हो सकेगी. आपदा या महामारी के दौरान संसाधनों का बेहतर प्रबंधन भी इस प्रणाली के माध्यम से हो सकेगा. इसके साथ ही राज्य के सभी राजकीय भवन एक ही मैप पर उपलब्ध होेंगे और आमजन के लिए इन भवनों तक पहुंचना आसान हो सकेगा. जिओ-टैगिंग के अंतर्गत एक मोबाइल ऐप विकसित किया गया है. विभिन्न विभागों जैसे महिला एवं बाल विकास विभाग, पीएचईडी, भू-जल विभाग, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग आदि में ऐप का बड़े पैमाने पर उपयोग किया जा रहा है.

जयपुर. प्रदेश के राजकीय भवनों की जिओ टैगिंग (Geo tagging of state buildings) होगी. विभिन्न विभागीय योजनाओं और कार्यों का भू-चिन्हित सर्वेक्षण भी होगा. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने जीआईएस परियोजना के लिए 153.80 करोड़ रुपये स्वीकृत कर दिए (Financial approval for Gehlot GIS project) हैं. क्षेत्रीय स्तर पर दी जाने वाली सेवा प्रदायगी के लिए एकल समाधान होगा साथ ही आपदा या महामारी के दौरान हो संसाधनों का बेहतर प्रबंधन हो सकेगा.

153.80 करोड़ रुपए की वित्तीय स्वीकृति
राज्य सरकार प्रदेश में बेहतर सेवा प्रदायगी के लिए निरंतर कार्यरत है. इसी क्रम में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने राज्य के विभिन्न विभागों और उपक्रमों की परिसंपत्तियों, योजनाओं के साथ कार्यों की भौगोलिक सूचना प्रणाली (जीआईएस) के माध्यम से जिओ टैगिंग कर उन्हें मैप से जोड़ने के प्रस्ताव को स्वीकृति दी है. इस इसके लिए प्रारंभ में 153.80 करोड़ रुपये की वित्तीय स्वीकृति दी गई है.

पढ़ें. सीएम गहलोत का बड़ा फैसला, अब पासपोर्ट कार्यालय की तर्ज पर खुलेंगे मॉडल उप पंजीयक कार्यालय

भौगोलिक स्थितियों के संबंध में होगा डाटा एकत्रित
जीआईएस एक ऐसी प्रणाली है जिसे पृथ्वी की सतह पर भौगोलिक स्थितियों के संबंध में डाटा एकत्रित करने, संग्रहीत करने, संशोधन करने के साथ विश्लेषण करने के लिए बनाया गया है, साथ ही इस प्रणाली से डाटा प्रबंधित करने तथा प्रस्तुत करने का कार्य भी किया जा सकता है. गहलोत की इस स्वीकृति से अब राज्यव्यापी जीआईएस प्रणाली के माध्यम से सभी विभाग अपनी परिसंपत्तियों, सुविधाओं, योजनाओं और कार्यक्रमों का भू-स्थानिक डाटा जीआईएस आधारित प्लेटफाॅर्म से जोड़ सकेंगे. इससे संसाधन संग्रहण और वितरण, विभिन्न योजनाओं के साथ कार्यक्रमों के नीति नियोजन के संबंध में निर्णय लेने और उनके निरीक्षण में आसानी होगी.

पढ़ें. बेरोजगारों को बड़ी सौगात, राजस्थान के चिकित्सा महाविद्यालयों में 619 नवीन पदों पर होगी नियुक्ति

आपदा या महामारी बेहतर प्रबंधन
इस निर्णय से विभिन्न विभागीय योजनाओं एवं कार्यों के भू-चिन्हित सर्वेक्षण से क्षेत्रीय स्तर पर सेवा प्रदायगी बेहतर हो सकेगी. आपदा या महामारी के दौरान संसाधनों का बेहतर प्रबंधन भी इस प्रणाली के माध्यम से हो सकेगा. इसके साथ ही राज्य के सभी राजकीय भवन एक ही मैप पर उपलब्ध होेंगे और आमजन के लिए इन भवनों तक पहुंचना आसान हो सकेगा. जिओ-टैगिंग के अंतर्गत एक मोबाइल ऐप विकसित किया गया है. विभिन्न विभागों जैसे महिला एवं बाल विकास विभाग, पीएचईडी, भू-जल विभाग, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग आदि में ऐप का बड़े पैमाने पर उपयोग किया जा रहा है.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.