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जल महल पर हुई जमकर पतंगबाजी, चाइनीज मांझे का इस्तेमाल नहीं करने का दिया संदेश

जयपुर में मकर संक्रांति का पर्व बड़ी धूमधाम के साथ पतंगबाजी करते हुए मनाया जा रहा है. पतंग फेस्टिवल में जहां जयपुरवासियों ने पतंगबाजी की तो वही देशी-विदेशी पर्यटकों ने भी जमकर पतंगबाजी की.

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जल महल पर हुई जमकर पतंगबाजी
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Published : Jan 14, 2020, 3:21 PM IST

जयपुर. गुलाबी नगरी का आसमान रंगों से भरा हुआ है. मकर संक्रांति का पर्व बड़ी धूमधाम के साथ पतंगबाजी करते हुए मनाया जा रहा है. पर्यटन विभाग की ओर से जल महल की पाल पर भी पतंग फेस्टिवल का आयोजन किया. पतंग फेस्टिवल में जहां जयपुरवासियों ने पतंगबाजी की तो वही देशी विदेशी पर्यटकों ने भी जमकर पतंगबाजी की. फेस्टिवल में पर्यटन मंत्री विश्वेन्द्र सिंह और राजसमंद सांसद दिया कुमारी ने भी पतंग उड़ाई.

जल महल पर हुई जमकर पतंगबाजी...

बता दें, कि राजस्थान की संस्कृति को कायम रखने के लिए विभिन्न प्रकार के लोक नृत्य का भी आयोजन किया गया. राजस्थान सहित गुजरात और हरियाणा के लोक कलाकारों ने अपनी से कालबेलिया नृत्य, कच्छी घोड़ी नृत्य, मयूर नृत्य, भवाई नृत्य पेश किया. इसी बीच 7 फ़ीट ऊंची और चार फीट चौड़ी पतंग लोगों की बीच मे आकर्षण का केंद्र रही. लोगों ने सबसे ऊंची पतंग के साथ सेल्फी भी ली.

पढ़ेंः मकर संक्रांति पर सरकारी अवकाश, लेकिन तैनात रहेंगे डिस्कॉम तकनीकी कर्मचारी

पतंग फेस्टिवल में चाइनीज मांझे को लेकर बहुत सतर्क और जागरूक नजर आए. लोगों ने चाइनीज मांझे का इस्तेमाल नही करने का संदेश भी दिया. हालांकि हर बार की तरह इस बार कम पतंग उड़ी. इसका मुख्य कारण बताते हुए लोगों ने कहा कि पतंगे और मांझा मंहगा हो गया है. वहीं विदेशी पर्यटकों ने काईट फेस्टिवल की बहुत तारीफ की और कहा कि ऐसा पहली बार देखा है.

जयपुर. गुलाबी नगरी का आसमान रंगों से भरा हुआ है. मकर संक्रांति का पर्व बड़ी धूमधाम के साथ पतंगबाजी करते हुए मनाया जा रहा है. पर्यटन विभाग की ओर से जल महल की पाल पर भी पतंग फेस्टिवल का आयोजन किया. पतंग फेस्टिवल में जहां जयपुरवासियों ने पतंगबाजी की तो वही देशी विदेशी पर्यटकों ने भी जमकर पतंगबाजी की. फेस्टिवल में पर्यटन मंत्री विश्वेन्द्र सिंह और राजसमंद सांसद दिया कुमारी ने भी पतंग उड़ाई.

जल महल पर हुई जमकर पतंगबाजी...

बता दें, कि राजस्थान की संस्कृति को कायम रखने के लिए विभिन्न प्रकार के लोक नृत्य का भी आयोजन किया गया. राजस्थान सहित गुजरात और हरियाणा के लोक कलाकारों ने अपनी से कालबेलिया नृत्य, कच्छी घोड़ी नृत्य, मयूर नृत्य, भवाई नृत्य पेश किया. इसी बीच 7 फ़ीट ऊंची और चार फीट चौड़ी पतंग लोगों की बीच मे आकर्षण का केंद्र रही. लोगों ने सबसे ऊंची पतंग के साथ सेल्फी भी ली.

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पतंग फेस्टिवल में चाइनीज मांझे को लेकर बहुत सतर्क और जागरूक नजर आए. लोगों ने चाइनीज मांझे का इस्तेमाल नही करने का संदेश भी दिया. हालांकि हर बार की तरह इस बार कम पतंग उड़ी. इसका मुख्य कारण बताते हुए लोगों ने कहा कि पतंगे और मांझा मंहगा हो गया है. वहीं विदेशी पर्यटकों ने काईट फेस्टिवल की बहुत तारीफ की और कहा कि ऐसा पहली बार देखा है.

Intro:नोट- इसमें वाक थ्रू है।

जयपुर- गुलाबी नगरी का आसमान रंगों से भरा हुआ है। मकर संक्रांति का पर्व बड़ी धूम धाम के साथ पतंगबाजी करते हुए मनाया जा रहा है। पर्यटन विभाग की ओर से जल महल की पाल पर भी काईट फेस्टिवल का आयोजन किया। काईट फेस्टिवल में जहां जयपुरवासियों ने पतंगबाजी की तो वही देशी विदेशी पर्यटकों ने भी जमकर पतंगबाजी की। फेस्टिवल में पर्यटन मंत्री विश्वेन्द्र सिंह और राजसमंद सांसद दिया कुमारी ने भी पतंग उड़ाई। राजस्थान की संस्कृति को कायम रखने के लिए विभिन्न प्रकार के लोक नृत्य का भी आयोजन किया गया। राजस्थान सहित गुजरात और हरियाणा के लोक कलाकारों ने अपनी से कालबेलिया नृत्य, कच्छी घोड़ी नृत्य, मयूर नृत्य, भवाई नृत्य पेश किया। इसी बीच 7 फ़ीट ऊंची और चार फीट चौड़ी पतंग लोगों की बीच मे आकर्षण का केंद्र रही। लोगों ने सबसे ऊंची पतंग के साथ सेल्फी भी ली। काईट फेस्टिवल में चाइनीज मांझे को लेकर बहुत सतर्क और जागरूक नजर आए। लोगों ने चाइनीज मांझे का इस्तेमाल नही करने का संदेश भी दिया। हालांकि हर बार की तरह इस बार कम पतंग उड़ी। इसका मुख्य कारण बताते हुए लोगों ने कहा कि पतंगे और मांझा मंहगा हो गया है।


Body:विदेशी पर्यटकों ने काईट फेस्टिवल की बहुत तारीफ की और कहा कि ऐसा पहली बार देखा है। वही विदेशी सैलानियों ने पतंग भी उड़ाई और पूरे प्रोग्राम का आनंद लिया।



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