जयपुर. देशभर में कोरोना संक्रमण की रोकथाम के लिए लॉकडाउन है. ऐसे में राजधानी जयपुर के आमेर इलाके में स्थिति कई फार्महाउस का ईटीवी भारत ने रियलिटी चेक किया. इस दौरान सामने आया कि लॉकडाउन के दौरान सभी फार्म हाउस केयर टेकर्स के भरोसे ही हैं.
फार्महाउसों की सार संभाल के लिए मालिक फार्म हाउसों पर नहीं पहुंच पा रहे. जिसके चलते वहां रहने वाले केयर टेकर ही पूरे फार्म हाउस की देखभाल कर रहे हैं. देश के विभिन्न राज्यों और जिलों में रहने वाले मजदूर वर्ग के लोग अधिकतर फार्म हाउस पर केयर टेकर की भूमिका निभा रहे हैं.
ईटीवी भारत की टीम ने फार्म हाउस की देखरेख कर रहे केयर टेकर्स से जब बातचीत की, तो उन्होंने बताया कि लॉकडाउन होने से फार्म हाउस मालिक यहां नहीं आ पा रहे हैं. लेकिन फोन पर वो जानकारी लेते रहते हैं. केयर टेकर्स ने बताया कि पहले तो मालिक हर सप्ताह आकर यहां रुकते थे. लेकिन लॉकडाउन के चलते मालिक इस बार नहीं आ पाए.
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वहीं, इस लॉकडाउन के चलते वो अपने गांव भी नहीं जा सके. आलम ये है कि वो फार्म हाउस के बाहर भी नहीं जा सकते. इस वक्त वो फार्म हाउस की देखरेख और खेती का कार्य कर रहे हैं. कई फार्म हाउसों पर तो केयर टेकर्स को राशन सामग्री के लिए भी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. बड़ी मुश्किल से खाने-पीने का इंतजाम कर रहे हैं.
केयर टेकर्स ने बताया कि कुछ मालिकों की तरफ से राशन और खाने-पीने की व्यवस्था पहले ही कर दी गई थी. जिनसे उनका गुजारा चल रहा है. वहीं, अब फार्महाउस मालिक फोन पर ही उनसे हाल चाल ले रहे हैं.
'गांव जाने की जरूरत नहीं'
वहीं, ज्यादातर फार्म हाउसों पर केयर टेकर्स अपने परिवार के साथ ही रह रहे हैं. जिनका कहना है कि परिवार हमारे साथ है और खाने-पीने की व्यवस्था भी हो रही है, तो गांव जाने की जरूरत नहीं महसूस हो रही. जिन लोगों को गांव जाना था वह भी ट्रांसपोर्ट सेवाएं बंद होने की वजह से जयपुर में ही फंसे हुए हैं और फार्म हाउसों पर देखरेख का कार्य कर रहे हैं.
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लॉकडाउन के चलते धारा-144 लगाई गई है और पुलिस प्रशासन की ओर से लॉकडाउन और धारा-144 की पालना करवाई जा रही है. साथ ही पुलिस लोगों से अपील कर रही है कि अपने घरों में रहें बाहर नहीं निकले. कोरोना की इस जंग में सरकार और प्रशासन का सहयोग करें.
जिससे कोरोना की जंग को जीता जा सके. खाद्य सामग्री और मेडिकल संबंधित सेवाओं को छोड़कर सभी बाजार और दुकानें बंद की गई हैं. साथ ही ट्रांसपोर्ट सेवाएं भी बंद है. ऐसे में कई मजदूर वर्ग के लोग जयपुर में फंसे हुए हैं. जिनके लिए प्रशासन ने व्यवस्थाएं करवाई है.