जयपुर. प्रदेश के शिक्षा मंत्री (Education Minister BD kalla) मेधावी छात्रों को अनोखी सौगात देने जा रहे हैं. शिक्षा मंत्री बीडी कल्ला ने प्रदेश के 2000 मेधावी छात्रों को दूसरे प्रदेशों में ले जाने का फैसला लिया है. इससे छात्रों को वहां की सांस्कृतिक विरासत और प्राकृतिक धरोहरों को जानने का मौका मिलेगा. इसके लिए करीब 5 करोड़ का बजट भी निर्धारित किया गया है.
मेधावी छात्रों के लिए राज्य सरकार ने भले ही ये नई पहल की हो, लेकिन सवाल ये उठ रहा है कि बीते 3 सत्र से इन्हीं मेधावी छात्रों को पूर्व में घोषित लैपटॉप वितरण योजना के तहत अब तक लैपटॉप क्यों उपलब्ध नहीं कराए गए? सरकारी विद्यालय में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा देने और डिजिटल शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए शैक्षणिक सत्र 2013-14 में लैपटॉप वितरण योजना शुरू की गई थी.
ठप पड़ी योजना: शिक्षा विभाग की इस योजना के तहत राज्य स्तर पर कक्षा 8वीं, 10वीं, 12वीं और संस्कृत शिक्षा के वरिष्ठ उपाध्याय में 75 प्रतिशत या इससे ज्यादा अंक प्राप्त करने वाले और जिला स्तर पर 70 फीसदी अंक प्राप्त करने वाले प्रत्येक जिले के 100-100 मेधावी छात्रों को इस योजना का लाभ दिया जाता है. लेकिन फिलहाल ये योजना ठप पड़ी है. शैक्षणिक सत्र 2018-19, 2019-20, 2020-21 के लैपटॉप का वितरण नहीं किया गया है.
एक आकलन के अनुसार प्रदेश के करीब 65 हजार से ज्यादा छात्रों को लैपटॉप नहीं मिल पाया है. अब तो इस सूची में 2021- 22 के पास आउट भी शामिल हो रहे हैं. हालांकि शिक्षा विभाग का तर्क है कि कोरोना के चलते दो साल कक्षा 8वीं की बोर्ड परीक्षा नहीं हुई है. विद्यार्थियों को प्रमोट किए जाने के कारण अंकों के अभाव में मेरिट को बनाना संभव नहीं है.
लैपटॉप वितरण योजना के इतर शिक्षा मंत्री ने मेधावी छात्रों को देशभर में घुमाने का फैसला लिया है. मेधावी छात्रों को दूसरे राज्यों की संस्कृति और धरोहर से रूबरू कराने को लेकर शिक्षा मंत्री बीडी कल्ला ने बजट सैंक्शन किए जाने की बात कही. हालांकि तीन शैक्षणिक सत्रों से लैपटॉप नहीं दिए जाने के विषय पर उन्होंने जल्द योजना का लाभ मेधावी छात्रों को दिए जाने की बात कही.