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कोरोना काल में विधवा हुई महिलाओं को बनाया आत्मनिर्भर, अब कर रही पालन पोषण, सतीश पूनिया ने बढ़ाया मनोबल

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Published : Sep 24, 2021, 9:48 PM IST

कोरोना काल (Corona) में बेसहरा लोगों को आत्मनिर्भर बनाने का आमेर में सराहनीय पहल किया गया. इस पहल का नतीजा है कि 50 से भी अधिक कोरोना पीड़ित परिवारों आत्मनिर्भर बना है. सतीश पूनिया (Satish Poonia) ने आमेर पहुंचकर आत्मनिर्भर महिलाओं का मनोबल बढ़ाया.

Satish Poonia, Jaipur news
सतीश पूनिया ने आत्मनिर्भर महिलाओं का बढ़ाया मनोबल

जयपुर. देशभर में कोरोना महामारी से कई गरीब लोग बेसहारा हो गए, कई महिलाएं विधवा हो गई और कई बच्चे अनाथ हो गए. कोरोना काल में ऐसे गरीब और बेसहारा लोगों की सहायता के लिए कई सामाजिक संगठन और राजनेता आगे आए. विधवा महिलाओं और बेसहारा परिवारों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए राजधानी के आमेर में एक सराहनीय पहल की गई है.

नाथ संस्कृति सेवा संस्थान की ओर से बेसहारा परिवारों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए लघु रोजगार उपलब्ध करवाएं जा रहे हैं. राजधानी जयपुर के आमेर और जमवारामगढ़ में हीरो मोटोकॉर्प के सहयोग से करीब 50 से भी अधिक कोरोना पीड़ित परिवारों को स्वरोजगार उपलब्ध करवाया गया है. इस पहल से कोरोना काल में विधवा हुई कई महिलाएं आज आत्मनिर्भर बन गई है. महिलाओं को कौशल प्रशिक्षण देकर आत्मनिर्भर बनाने का काम किया जा रहा है. महिलाएं अपने घरों में सिलाई, बुनाई समेत कई हस्त निर्मित वस्तुएं बनाकर अपने परिवारों का पालन पोषण कर रही है.

सतीश पूनिया ने आत्मनिर्भर महिलाओं का बढ़ाया मनोबल

यह भी पढ़ें. पंचायत उपचुनाव 2021: नाम वापसी और स्क्रूटनी के बाद सरपंच पद के लिए 69, पंच के लिए 624 उम्मीदवार मैदान में

आत्म निर्भर बनी महिलाओं का मनोबल बढ़ाने और महिला सशक्तिकरण को बढ़ावा देने के लिए बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया शुक्रवार को आमेर के कूकस पहुंचे. यहां कार्यक्रम के दौरान पूनिया ने महिलाओं को आत्म निर्भर बनकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का सपना साकार करने के लिए प्रेरित किया. विधवा महिलाओं के बच्चों की शिक्षा के लिए भी सहायता की गई है. इसके साथ ही राशन सामग्री भी वितरित की गई.

सतीश पूनिया ने बताया कि भारत में प्रावधान है कि जो भी कंपनियां है, उनको 2 प्रतिशत सीएसआर का पैसा समाज के काम में खर्च करना होता है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Modi) के आने के बाद एक व्यवस्थित सिस्टम शुरू हुआ है, जिसकी ऑडिट होती है. जिससे सीएसआर के पैसे का सही सदुपयोग हो. कोरोना काल में कई परिवार ऐसे थे, जिनको बहुत परेशानी हुई. कई महिलाएं विधवा हुई. ऐसे दुखी परिवारों की सहायता करने के लिए आमेर में हीरो मोटोकॉर्प कंपनी ने जिम्मेदारी ली. नाथ संस्कृति सेवा संस्थान ने हीरो मोटोकॉर्प कंपनी के सहयोग से दुखी परिवारों की सहायता करने का बीड़ा उठाया. आमेर और जमवारामगढ़ में महिलाओं को स्वावलंबी बनाने के लिए राशन, भोजन और स्किल डेवलपमेंट संसाधनों की व्यवस्था की गई.

यह भी पढ़ें. राजस्थान में भी दिव्यांगों को घर जाकर लगाई जाएगी कोरोना वैक्सीन, चलेगा डोर-टू-डोर कैम्पेन

आमेर और जमवारामगढ़ में कई महिलाएं आत्मनिर्भर बन चुकी है. अपने हाथों से दरी और कारपेट बनाकर घर का पालन पोषण कर रही है. आमेर की एक महिला के हाथ से बनाई गई दरी को यूके की संस्था ने रिकॉग्नाइज किया है. महिलाएं अपने पैरों पर खड़ी होंगी तो परिवार और समाज का भला करेगी. सतीश पूनिया ने बताया कि प्रधानमंत्री मोदी की इच्छा है कि देश आत्मनिर्भर बने, उस दिशा में यह एक अनुकरणीय पहल है. विधवा और बेसहारा महिलाओं के लिए सरकार को भी काम करना चाहिए. विक्रय केंद्र सरकार ने आयुष्मान योजना से जोड़ा है. जिस पर माता-पिता नहीं रहे उन बच्चों के लिए केंद्रीय विद्यालय में प्रवेश की व्यवस्था केंद्र सरकार की ओर से की गई है. ऐसे गरीब और बेसहारा लोगों के लिए राज्य सरकार ने भी पैकेज की घोषणा की है. लेकिन अमलीजामा पहनाने की जरूरत है. पीड़ित परिवारों को तत्काल सहायता पहुंचाना जरूरी है.

सतीश पूनिया ने राज्य सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि राजस्थान के लिए देश में धारणा थी कि यह शांतिप्रिय प्रदेश है. लेकिन अब नेशनल क्राइम ब्यूरो रिकॉर्ड (NCRB) यह कहता है कि राजस्थान सर्वाधिक अपराध ग्रस्त राज्यों में शुमार है. 5.5 लाख FIR होना और 5 हजार से अधिक मुकदमे दुष्कर्म क्यों होना एक बहुत बड़ी बात है. राजधानी जयपुर में दिनदहाड़े हत्याएं हो रही है. यह सरकार और पुलिस पर सवालिया निशान खड़े करता है.

जयपुर. देशभर में कोरोना महामारी से कई गरीब लोग बेसहारा हो गए, कई महिलाएं विधवा हो गई और कई बच्चे अनाथ हो गए. कोरोना काल में ऐसे गरीब और बेसहारा लोगों की सहायता के लिए कई सामाजिक संगठन और राजनेता आगे आए. विधवा महिलाओं और बेसहारा परिवारों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए राजधानी के आमेर में एक सराहनीय पहल की गई है.

नाथ संस्कृति सेवा संस्थान की ओर से बेसहारा परिवारों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए लघु रोजगार उपलब्ध करवाएं जा रहे हैं. राजधानी जयपुर के आमेर और जमवारामगढ़ में हीरो मोटोकॉर्प के सहयोग से करीब 50 से भी अधिक कोरोना पीड़ित परिवारों को स्वरोजगार उपलब्ध करवाया गया है. इस पहल से कोरोना काल में विधवा हुई कई महिलाएं आज आत्मनिर्भर बन गई है. महिलाओं को कौशल प्रशिक्षण देकर आत्मनिर्भर बनाने का काम किया जा रहा है. महिलाएं अपने घरों में सिलाई, बुनाई समेत कई हस्त निर्मित वस्तुएं बनाकर अपने परिवारों का पालन पोषण कर रही है.

सतीश पूनिया ने आत्मनिर्भर महिलाओं का बढ़ाया मनोबल

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आत्म निर्भर बनी महिलाओं का मनोबल बढ़ाने और महिला सशक्तिकरण को बढ़ावा देने के लिए बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया शुक्रवार को आमेर के कूकस पहुंचे. यहां कार्यक्रम के दौरान पूनिया ने महिलाओं को आत्म निर्भर बनकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का सपना साकार करने के लिए प्रेरित किया. विधवा महिलाओं के बच्चों की शिक्षा के लिए भी सहायता की गई है. इसके साथ ही राशन सामग्री भी वितरित की गई.

सतीश पूनिया ने बताया कि भारत में प्रावधान है कि जो भी कंपनियां है, उनको 2 प्रतिशत सीएसआर का पैसा समाज के काम में खर्च करना होता है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Modi) के आने के बाद एक व्यवस्थित सिस्टम शुरू हुआ है, जिसकी ऑडिट होती है. जिससे सीएसआर के पैसे का सही सदुपयोग हो. कोरोना काल में कई परिवार ऐसे थे, जिनको बहुत परेशानी हुई. कई महिलाएं विधवा हुई. ऐसे दुखी परिवारों की सहायता करने के लिए आमेर में हीरो मोटोकॉर्प कंपनी ने जिम्मेदारी ली. नाथ संस्कृति सेवा संस्थान ने हीरो मोटोकॉर्प कंपनी के सहयोग से दुखी परिवारों की सहायता करने का बीड़ा उठाया. आमेर और जमवारामगढ़ में महिलाओं को स्वावलंबी बनाने के लिए राशन, भोजन और स्किल डेवलपमेंट संसाधनों की व्यवस्था की गई.

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आमेर और जमवारामगढ़ में कई महिलाएं आत्मनिर्भर बन चुकी है. अपने हाथों से दरी और कारपेट बनाकर घर का पालन पोषण कर रही है. आमेर की एक महिला के हाथ से बनाई गई दरी को यूके की संस्था ने रिकॉग्नाइज किया है. महिलाएं अपने पैरों पर खड़ी होंगी तो परिवार और समाज का भला करेगी. सतीश पूनिया ने बताया कि प्रधानमंत्री मोदी की इच्छा है कि देश आत्मनिर्भर बने, उस दिशा में यह एक अनुकरणीय पहल है. विधवा और बेसहारा महिलाओं के लिए सरकार को भी काम करना चाहिए. विक्रय केंद्र सरकार ने आयुष्मान योजना से जोड़ा है. जिस पर माता-पिता नहीं रहे उन बच्चों के लिए केंद्रीय विद्यालय में प्रवेश की व्यवस्था केंद्र सरकार की ओर से की गई है. ऐसे गरीब और बेसहारा लोगों के लिए राज्य सरकार ने भी पैकेज की घोषणा की है. लेकिन अमलीजामा पहनाने की जरूरत है. पीड़ित परिवारों को तत्काल सहायता पहुंचाना जरूरी है.

सतीश पूनिया ने राज्य सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि राजस्थान के लिए देश में धारणा थी कि यह शांतिप्रिय प्रदेश है. लेकिन अब नेशनल क्राइम ब्यूरो रिकॉर्ड (NCRB) यह कहता है कि राजस्थान सर्वाधिक अपराध ग्रस्त राज्यों में शुमार है. 5.5 लाख FIR होना और 5 हजार से अधिक मुकदमे दुष्कर्म क्यों होना एक बहुत बड़ी बात है. राजधानी जयपुर में दिनदहाड़े हत्याएं हो रही है. यह सरकार और पुलिस पर सवालिया निशान खड़े करता है.

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