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राजस्थान कांग्रेस की बयानबाजी की दौड़ में शामिल हुए वीरेंद्र सिंह, पीसीसी चीफ डोटासरा को लिया आड़े हाथ

वरिष्ठ कांग्रेसी नारायण सिंह के पुत्र वीरेंद्र सिंह ने प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा पर जमकर निशाना साधा है. ईटीवी भारत से बातचीत के दौरान वीरेंद्र सिंह ने कहा कि संगठन को फिलहाल ठप ही समझा जाना चाहिए.

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Published : Jun 26, 2021, 9:25 PM IST

Updated : Jun 26, 2021, 11:07 PM IST

वीरेंद्र सिंह का बयान, Virendra Singh statement
दातारामगढ़ विधायक वीरेंद्र सिंह

जयपुर. राजस्थान कांग्रेस की बयानबाजी के बीच शेखावाटी के दिग्गज जाट परिवार के नेता और वरिष्ठ कांग्रेसी नारायण सिंह के पुत्र वीरेंद्र सिंह ने प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा को आड़े हाथ लिया है. वीरेंद्र सिंह वर्तमान में सीकर जिले के दातारामगढ़ से विधायक हैं और शनिवार को ही उन्होंने पूर्व उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट से मुलाकात की थी.पायलट से मुलाकात के बाद वीरेंद्र सिंह का यह बयान सियासी हलकों में खासा चर्चा का मुद्दा बना हुआ है.

पढ़ेंः फोन टैपिंग मामले में गहलोत के मंत्री का बड़ा बयान...

ईटीवी भारत से बातचीत के दौरान वीरेंद्र सिंह ने कहा कि संगठन को फिलहाल ठप ही समझा जाना चाहिए. ब्लॉक से लेकर जिले तक में अभी तक कार्यकारिणी भंग किए जाने के बाद नियुक्ति नहीं की है. ऐसे हालात में कैसे यह समझा जा सकता है कि पार्टी बेहतर तरीके से काम कर रही है.

बयानबाजी की दौड़ में शामिल हुए वीरेंद्र सिंह

गौरतलब है कि बीते दिनों पूर्व पीसीसी चीफ नारायण सिंह ने भी एक पत्र लिखकर मौजूदा कांग्रेस में कार्यकर्ता और किसान को तवज्जो दिए जाने की मांग की थी. इस मामले में उन्होंने सीधा पत्र लिखकर कहा था कि प्रदेश सरकार को हाशिए पर बैठे कार्यकर्ता के लिए आगे आकर काम करना होगा.

कांग्रेस का प्रदर्शन रहा फुस्स

विरेंद्र सिंह ने कहा कि फिलहाल संगठन की कार्यकारिणी में 39 लोग ही है. इससे साबित होता है कि संगठन रूपी पार्टी की रीढ़ फिलहाल काफी कमजोर है. संगठन को मजबूत करना और समय से संगठन का गठन करना पार्टी अध्यक्ष का ही दायित्व होता है. उन्होंने हालिया पार्टी के पेट्रोल डीजल और रसोई गैस की कीमतों को लेकर किए गए पार्टी के प्रदर्शन पर सवाल खड़े किए.

वीरेंद्र सिंह ने कहा कि यह प्रदर्शन संगठन के मजबूत होने पर ही प्रभावी हो सकता था, लेकिन पार्टी अपना विरोध इस मामले में पुरजोर तरीके से साबित नहीं कर सकी. संगठन से ही सरकार बनती है, लेकिन राजस्थान में 11 महीने से कांग्रेस का संगठन नहीं बनना क्या साबित कर रहा है?

पीसीसी चीफ गोविंद सिंह डोटासरा केवल 39 लोगों को लेकर बैठे हैं. 11 महीने से हम संगठन नहीं बना पा रहे हैं, इससे बुरा हाल और क्या होगा. सरकार कांग्रेस की है और संगठन का कोई अता-पता नहीं है. ऐसा प्रदेश अध्यक्ष बनने का क्या मतलब है. अकेले गोविंद सिंह डोटासरा घूम रहे हैं.

डोटासरा निशाने पर

दातारामगढ़ विधायक वीरेंद्र सिंह ने कहा कि कांग्रेस की सत्ता में वापसी के पीछे सचिन पायलट का प्रदेश अध्यक्ष काल काफी अहम रहा है. वह इस दौरान संगठन को ऊंचाई पर ले कर गए थे. उनकी मेहनत के कारण ही राजस्थान में सरकार का गठन कांग्रेस कर पाई थी.

पढ़ेंः RAJASTHAN CORONA UPDATE: राजस्थान में कोरोना संक्रमण के 141 नए मामले हुए दर्ज, 5 मरीजों की हुई मौत

सचिन पायलट ने प्रदेश अध्यक्ष रहते हुए मेहनत की तब कांग्रेस की सरकार बनी है. पूरा साल निकाल दिया संगठन का अता पता नहीं है. यह इतिहास में पहला मौका है, जब किसी प्रदेश में कांग्रेस का संगठन साल भर से भी ज्यादा समय से नहीं बना हो. विरेंद्र सिंह ने कहा कि अगर आपको सचिन पायलट के लोगों को नहीं बनाना है तो मत बनाइए. अपने लोगों को ब्लॉक और जिला अध्यक्ष बना दीजिए, जो पायलट के खिलाफ है उन्हें बना दीजिए.

जयपुर. राजस्थान कांग्रेस की बयानबाजी के बीच शेखावाटी के दिग्गज जाट परिवार के नेता और वरिष्ठ कांग्रेसी नारायण सिंह के पुत्र वीरेंद्र सिंह ने प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा को आड़े हाथ लिया है. वीरेंद्र सिंह वर्तमान में सीकर जिले के दातारामगढ़ से विधायक हैं और शनिवार को ही उन्होंने पूर्व उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट से मुलाकात की थी.पायलट से मुलाकात के बाद वीरेंद्र सिंह का यह बयान सियासी हलकों में खासा चर्चा का मुद्दा बना हुआ है.

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ईटीवी भारत से बातचीत के दौरान वीरेंद्र सिंह ने कहा कि संगठन को फिलहाल ठप ही समझा जाना चाहिए. ब्लॉक से लेकर जिले तक में अभी तक कार्यकारिणी भंग किए जाने के बाद नियुक्ति नहीं की है. ऐसे हालात में कैसे यह समझा जा सकता है कि पार्टी बेहतर तरीके से काम कर रही है.

बयानबाजी की दौड़ में शामिल हुए वीरेंद्र सिंह

गौरतलब है कि बीते दिनों पूर्व पीसीसी चीफ नारायण सिंह ने भी एक पत्र लिखकर मौजूदा कांग्रेस में कार्यकर्ता और किसान को तवज्जो दिए जाने की मांग की थी. इस मामले में उन्होंने सीधा पत्र लिखकर कहा था कि प्रदेश सरकार को हाशिए पर बैठे कार्यकर्ता के लिए आगे आकर काम करना होगा.

कांग्रेस का प्रदर्शन रहा फुस्स

विरेंद्र सिंह ने कहा कि फिलहाल संगठन की कार्यकारिणी में 39 लोग ही है. इससे साबित होता है कि संगठन रूपी पार्टी की रीढ़ फिलहाल काफी कमजोर है. संगठन को मजबूत करना और समय से संगठन का गठन करना पार्टी अध्यक्ष का ही दायित्व होता है. उन्होंने हालिया पार्टी के पेट्रोल डीजल और रसोई गैस की कीमतों को लेकर किए गए पार्टी के प्रदर्शन पर सवाल खड़े किए.

वीरेंद्र सिंह ने कहा कि यह प्रदर्शन संगठन के मजबूत होने पर ही प्रभावी हो सकता था, लेकिन पार्टी अपना विरोध इस मामले में पुरजोर तरीके से साबित नहीं कर सकी. संगठन से ही सरकार बनती है, लेकिन राजस्थान में 11 महीने से कांग्रेस का संगठन नहीं बनना क्या साबित कर रहा है?

पीसीसी चीफ गोविंद सिंह डोटासरा केवल 39 लोगों को लेकर बैठे हैं. 11 महीने से हम संगठन नहीं बना पा रहे हैं, इससे बुरा हाल और क्या होगा. सरकार कांग्रेस की है और संगठन का कोई अता-पता नहीं है. ऐसा प्रदेश अध्यक्ष बनने का क्या मतलब है. अकेले गोविंद सिंह डोटासरा घूम रहे हैं.

डोटासरा निशाने पर

दातारामगढ़ विधायक वीरेंद्र सिंह ने कहा कि कांग्रेस की सत्ता में वापसी के पीछे सचिन पायलट का प्रदेश अध्यक्ष काल काफी अहम रहा है. वह इस दौरान संगठन को ऊंचाई पर ले कर गए थे. उनकी मेहनत के कारण ही राजस्थान में सरकार का गठन कांग्रेस कर पाई थी.

पढ़ेंः RAJASTHAN CORONA UPDATE: राजस्थान में कोरोना संक्रमण के 141 नए मामले हुए दर्ज, 5 मरीजों की हुई मौत

सचिन पायलट ने प्रदेश अध्यक्ष रहते हुए मेहनत की तब कांग्रेस की सरकार बनी है. पूरा साल निकाल दिया संगठन का अता पता नहीं है. यह इतिहास में पहला मौका है, जब किसी प्रदेश में कांग्रेस का संगठन साल भर से भी ज्यादा समय से नहीं बना हो. विरेंद्र सिंह ने कहा कि अगर आपको सचिन पायलट के लोगों को नहीं बनाना है तो मत बनाइए. अपने लोगों को ब्लॉक और जिला अध्यक्ष बना दीजिए, जो पायलट के खिलाफ है उन्हें बना दीजिए.

Last Updated : Jun 26, 2021, 11:07 PM IST
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