जयपुर. एडीजी क्राइम मेहराड़ा ने जालोर प्रकरण में (Jalore Dalit Student death Case) अब तक की गई जालोर पुलिस की जांच से नाराजगी जताई है. आईजी जोधपुर रेंज को जांच बदलने और जांच के लिए एसआईटी का गठन करने के निर्देश दिए हैं. आदेश के बाद देर रात जोधपुर रेंज आईजी पी. रामजी के निर्देश पर तीन सदस्यी एसआईटी का गठन किया गया है. सिरोही जिले के एडिशनल एसपी देवाराम चौधरी को एसआईटी का प्रभारी बनाया गया है, जिनके निर्देश में पुलिस निरीक्षक जेठाराम और रविंद्र सिंह प्रकाश की जांच करेंगे.
एडीजी मेहराड़ा ने बताया कि विभिन्न बिंदुओं पर जांच अभी अधूरी है और अब तक की गई जांच में कई तरह की खामियां पाई गई है, जिन्हें दुरुस्त करने के निर्देश दिए गए हैं. आरोपी शिक्षक को धारा 302 के तहत गिरफ्तार किया जा चुका है और प्रकरण की उच्च स्तरीय जांच के लिए कई डायरेक्शन दिए गए हैं. अब तक प्रकरण को लेकर पुलिस तंत्र की जो खामियां उजागर हुई है उन्हें फिलहाल डिस्क्लोज नहीं किया जा रहा है और उसके बारे में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को ब्रीफ किया जाएगा. पानी और मटके के पहलू पर अभी कुछ भी बोलने से पुलिस इंकार कर रही है और जांच पूरी होने के बाद ही इसके बारे में कुछ कहा जा सकेगा.
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जालोर पुलिस की बड़ी लापरवाही उजागर: 20 जुलाई को स्कूल में 9 साल के बच्चे के साथ शिक्षक ने मारपीट की जिसके चलते उसे चोट लगी. बच्चे के परिजनों उसे दिनभर इलाज के लिए लेकर भटकते रहे और बाद में बच्चे की तबीयत ज्यादा बिगड़ने पर उसे अहमदाबाद के एक अस्पताल में भर्ती करवाया गया. इस दौरान मामले में राजीनामा कराने और इलाज का खर्चा उठाने की बात को लेकर गांव में कई स्तर पर बच्चे के परिजन और शिक्षक के बीच पंचायत में बैठकें हुई. जिससे स्थानीय पुलिस पूरी तरह से बेखबर रही और जब अहमदाबाद के अस्पताल से चिकित्सकों ने बतौर एमएलसी केस पुलिस को सूचना दी तब जाकर पुलिस को प्रकरण की जानकारी मिल सकी.
बच्चे के परिजनों को इलाज के नाम पर 1.50 लाख रुपए देने की बात भी सामने आई है जिसकी पड़ताल की जा रही है. फिलहाल जांच के लिए गठित की गई एसआईटी को प्रतिदिन रिपोर्ट पुलिस मुख्यालय को देने के निर्देश दिए गए हैं. प्रकरण में जालोर पुलिस की लापरवाही के चलते कई पुलिस अधिकारी व पुलिसकर्मियों पर गाज गिरना तय है.