जयपुर. राजस्थान की 3 सीटों पर हुए राज्यसभा के चुनाव में इस बार एक और रिकॉर्ड टूटा है, यह रिकॉर्ड है मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी के विधायकों द्वारा वोट डालने का. दरअसल साल 1974 के बाद राजस्थान में मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी के विधायकों ने राज्यसभा चुनाव में कभी वोट डाले ही नहीं है, उसके पीछे एक बड़ा कारण था कि इन चुनावों में राजस्थान से कभी भी माकपा का कोई प्रत्याशी चुनाव मैदान में उतारा नहीं गया. लिहाजा पार्टी से जुड़े विधायकों ने भी चुनाव में हिस्सा नहीं लिया.
माकपा के राष्ट्रीय नेतृत्व के निर्देश पर विधायक बलवान पूनिया ने कांग्रेस प्रत्याशी के समर्थन में अपना वोट डाला. ईटीवी भारत से खास बातचीत के दौरान बलवान पूनिया ने कहा कि केवल बयानों के जरिए ही जीत हासिल नहीं की जा सकती है. पूनिया ने बताया कि उन्होंने भाजपा के खिलाफ कांग्रेस प्रत्याशी के समर्थन में वोट डाला है.
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उन्होंने यह भी कहा कि उन्हें उनकी पार्टी के विधायकों को सरकार की ओर से कोई प्रलोभन भी नहीं मिला. साथ ही जहां तक विकास कार्यों की बात है तो मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी गरीब, किसान और मजदूरों के हित में लगातार अपनी आवाज बुलंद करती आई है. उनके अनुसार मौजूदा सरकार ने भी माकपा के आंदोलन के बाद कई मांगे पूरी की है.