जयपुर. राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने जल जीवन मिशन की समय सीमा (Demand to Extend Deadline of Jal Jeevan Mission till March 2026) मार्च 2026 तक बढ़ाने की मांग की है. गहलोत ने कहा कि मिशन के शुरुआती दिनों में मार्च 2020 से जुलाई 2020 तक कोविड-19 महामारी के चलते लॉकडाउन के कारण जल जीवन मिशन की गति काफी धीमी रही. इसके बाद वर्ष 2021 में भी कोरोना के कारण मार्च 2021 से जुलाई 2021 तक मिशन के कार्य आंशिक रूप से बाधित रहे.
मुख्यमंत्री ने पत्र में लिखा है कि पूरे देश में चल रहे मिशन के कार्यों के कारण (Jal Jeevan Mission in Rajasthan) परियोजना के घटकों की मांग में काफी वृद्धि हुई है. विशेष रूप से स्टील, डीआई और एचडीपीई पाइपों की मांग तेजी से बढ़ी है. इसके परिणामस्वरूप घटकों की आपूर्ति में अस्थिरता आई है. इस कारण से भी जल जीवन मिशन की परियोजनाओं की प्रगति धीमी हुई है. मुख्यमंत्री ने कहा है कि राजस्थान क्षेत्रफल की दृष्टि से देश में सबसे बड़ा राज्य है और यहां की अतिविषम भौगोलिक परिस्थिति और छितराई हुई बसावट है.
प्रदेश का दो-तिहाई हिस्सा मरूस्थलीय है तथा दक्षिण में पहाड़ी क्षेत्र है. ऐसे कठिन इलाकों के लिए परियोजनाओं की समय-सीमा पूर्व में 30 से 48 माह थी, लेकिन अब इसे घटाकर 12 से 24 माह कर दिया गया है. इस कारण लक्ष्य को हासिल करना और भी चुनौतीपूर्ण हो गया है. गहलोत ने पत्र के जरिए कहा कि बारां, झालावाड़ और कोटा की परवन अकावद जलापूर्ति परियोजना, बाड़मेर जिले में नर्मदा नहर आधारित परियोजना के लिए राजस्थान ग्रामीण जलापूर्ति और फ्लोरोसिस शमन परियोजना (चरण-द्वितीय), झुंझुनू जिले के आईजीएमसी आधारित (सीपी-प्रथम) सूरजगढ़ और उदयपुरवाटी को नल द्वारा जल उपलब्ध करवाने के लिए योजना, जिला चित्तौड़गढ़ के 648 गांवों को चंबल नदी से पेयजल आपूर्ति की परियोजना, ईसरदा-दौसा पेयजल जलापूर्ति परियोजना, नौनेरा जलापूर्ति परियोजना, चंबल नदी से जलापूर्ति योजना जैसी वृहद परियोजनाओं का कार्य 24 माह में पूर्ण होने की संभावना बहुत कम है.
मुख्यमंत्री ने कहा है कि रूस-यूक्रेन युद्ध के कारण कई वस्तुओं के दाम में भी अप्रत्याशित वृद्धि हुई है. इससे कार्यों के क्रियान्वयन में भी कठिनाइयां आ रही हैं. गहलोत ने इन सब स्थितियों के को ध्यान में रख प्रधानमंत्री से जल जीवन मिशन की समय-सीमा को 31 मार्च, 2026 तक बढ़ाए जाने की मांग की है, ताकि इस मिशन का लाभ प्रत्येक परिवार को मिल सके.