जयपुर. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा है कि राज्य सरकार प्रदेश में अवैध खनन की रोकथाम के लिए गंभीर है. उन्होंने सभी जिला पुलिस अधीक्षकों को योजना बनाकर खनन माफिया पर बिना किसी भी दबाव के सख्त कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं. उन्होंने कहा कि कानून की पालना सुनिश्चित करते हुए पुलिस अपना इकबाल कायम करे ताकि अवैध खनन करने वालों में भय पैदा हो. गहलोत ने भविष्य में अवैध खनन की रोकथाम सुनिश्चित कराने के लिए मुख्य सचिव की अध्यक्षता में एक बैठक आयोजित करने के भी निर्देश दिए हैं.
हरियाणा के बाद खुली आंख : बता दें कि हरियाणा में पुलिस अधिकारी की भू माफिया ने कुचल हत्या कर दी और भरतपुर में अवैध खनन के खिलाफ संत के आत्मदाह के प्रयास के बाद (Bharatpur saint set himself on fire) सीएम गहलोत ने बुधवार को मुख्यमंत्री निवास पर अवैध खनन रोकथाम की समीक्षा बैठक की. उन्होंने कहा कि जिला पुलिस अधीक्षक खनन माफियाओं की पहचान कर सूची बनाकर योजनाबद्ध तरीके से कार्रवाई (Listing of mining mafia) करें. खनन के लीजधारकों को परेशानी नहीं आनी चाहिए और अवैध खनन करने वालों को बख्शा नहीं जाना चाहिए. अवैध परिवहन करने वाले वाहनों से दुर्घटनाएं बढ़ रही हैं. ऐसे वाहन चालकों और मालिकों को सजा मिलना सुनिश्चित हो.
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मुख्यमंत्री ने कहा कि अवैध खनन परिवहन करने वालों से ज्यादा अवैध खनन व्यापार करने वालों पर शिकंजा कसा जाए. ऐसी गतिविधियों में लिप्त बड़ी मशीनरी को जब्त करें, ताकि उन्हें बड़ा आर्थिक नुकसान हो सके. उन्होंने अतिरिक्त मुख्य सचिव खनन को अवैध गतिविधियों में पकड़े जाने वाले वाहनों पर जुर्माना राशि को रिवाइज करने के निर्देश दिए. गहलोत ने कहा कि खनन, पुलिस, परिवहन और प्रशासन समन्वय बनाकर कार्रवाई करें.
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गत सरकार के मुकाबले साढ़े तीन साल में बढ़ी कार्रवाई: बैठक में खान मंत्री प्रमोद जैन भाया ने कहा कि राज्य में सुधार के लिए नवाचार किए जा रहे हैं. नए ब्लॉक के ऑक्शन से सरकार को 1000 करोड़ से अधिक का राजस्व मिला है. वर्तमान सरकार ने गत सरकार के साढे तीन साल के कार्यकाल से अधिक कार्रवाई की है. इसमें गत सरकार में 35,803 प्रकरणों की तुलना में 41,239 प्रकरण दर्ज किए गए. पहले 33,738 वाहन जब्त किए गए थे, जबकि अभी 41,074 वाहन जब्त किए गए हैं. इसके साथ ही साढ़े तीन वर्षों में अवैध खनन पर कार्रवाई कर 418 करोड़ रुपए का जुर्माना भी वसूला गया.