जयपुर. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ( Ashok Gehlot) ने दीपावली की सौगात देते हुए प्रशासन शहरों के संग अभियान-2021( Administration Campaign with Cities-2021) के दौरान 300 वर्गमीटर तक की कृषि भूमि से अकृषि के लिए प्रीमियम दरों में 75 प्रतिशत तक की छूट को मंजूरी देने का बड़ा निर्णय किया है. इसी अनुपात में शहरी जमाबंदी (settlement) में भी कमी आएगी.जिससे कृषि भूमि पर बसे लोगों को अभूतपूर्व राहत मिलेगी. उनके लिए फ्री-होल्ड पट्टा लेना आसान (Easy to get free-hold lease) होगा. गहलोत के इस निर्णय से कृषि भूमि पर बसे लोगों में पट्टे लेने के प्रति रुझान बढ़ेगा. इसका लाभ उन्हें सुनियोजित विकास कार्यों और विभिन्न सुविधाओं के विकसित होने के रूप में मिलेगा.
दरअसल, वर्तमान में राज्य के विभिन्न शहरों में भू-राजस्व अधिनियम की धारा 90-ए के अंतर्गत कृषि भूमि के अकृषि प्रयोजनार्थ अनुज्ञा और आवंटन नियम-2012 में 32 प्रकार की प्रीमियम की दरें निर्धारित हैं. जिनमें 300 वर्ग मीटर तक के आकार के भूखंडों के पट्टों के लिए प्रीमियम की दरें 90 रुपए से लेकर 384 रुपए प्रति वर्ग मीटर तक निर्धारित थीं.
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मुख्यमंत्री के इस निर्णय के बाद 300 वर्ग मीटर तक के भूखंड धारकों को पट्टों के लिए प्रीमियम में 75 प्रतिशत तक की कमी आएगी और उन्हें बड़ी राहत मिलेगी. प्रस्ताव में 300 वर्ग मीटर तक की आवासीय कृषि भूमि से अकृषि प्रयोजन के लिए प्रीमियम की दर नगर पालिका क्षेत्र में 50 रुपए प्रति वर्ग मीटर, नगर परिषद क्षेत्र में 75 रुपए प्रति वर्ग मीटर और नगर निगम क्षेत्र में 100 रुपए प्रति वर्गमीटर निर्धारित की गई है. यह छूट उन्हीं कॉलोनियों पर लागू होंगी. जिनके ले-आउट प्लान का अनुमान 31 मार्च, 2019 तक हो चुका है. उनमें 300 वर्ग मीटर तक के आवासीय भूखण्डों पर मात्र प्रीमियम राशि, एकमुश्त लीज राशि यानी प्रीमियम दर की चार गुना पर और 500 रुपए भवन मानचित्र अनुमोदन शुल्क एकमुश्त लेकर फ्री होल्ड पट्टा दिया जाएगा.
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने एकरुपता लाने के दिए थे निर्देश
कृषि भूमि पर बसी कॉलोनियों के पट्टे लेने में कठिनाइयां आ रही थी. गहलोत ने प्रशासन शहरों के संग अभियान के दौरान इनमें एकरुपता लाने एवं इनके सरलीकरण के निर्देश दिए थे. इसके दृष्टिगत नगरीय विकास एवं स्वायत्त शासन विभाग ने नगरीय निकायों की श्रेणियों यानी नगर पालिका, नगर परिषद एवं नगर निगम के आधार पर तीन प्रकार की प्रीमियम दरों के निर्धारण का प्रस्ताव दिया. जिसे मुख्यमंत्री ने स्वीकृति प्रदान की है.
इस दौरान 300 वर्ग मीटर तक के इन भूखंड धारकों को अतिरिक्त छूट देते हुए आंतरिक और बाह्य विकास शुल्क, किसी भी प्रकार की शास्ति, अन्य कोई चार्ज एवं बेसिक सर्विसेज फॉर अरबन पूअर फंड के नाम से ली जाने वाली राशि भी नहीं ली जाएगी.
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आवासीय एवं वाणिज्यिक कॉर्नर के भूखण्डों में प्रीमियम दरों में 10 प्रतिशत की वृद्धि नहीं की जाएगी. जनोपयोगी सुविधाओं के विकास के लिए अलाभकारी पंजीकृत चैरिटेबल संस्थाओं को शत-प्रतिशत छूटइसके साथ ही राज्य सरकार की और से प्रदेश के नगरीय क्षेत्रों में जनोपयोगी सुविधाओं के विकास को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से सामाजिक एवं धार्मिक कार्यों में अग्रणी और अलाभकारी पंजीकृत चैरिटेबल संस्थाओं को कृषि से अकृषि प्रयोजनार्थ नियमन के लिए निर्धारित प्रीमियम दरों, भू-उपयोग परिवर्तन शुल्क और भवन निर्माण अनुज्ञा शुल्क में शत-प्रतिशत छूट दी गई है.
सामाजिक संस्थाओं को मिलेगी मदद
मुख्यमंत्री ने प्रशासन शहरों के संग अभियान (Administration campaigns with cities) शिविरों में इस प्रावधान का व्यापक प्रचार-प्रसार सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं, ताकि इन संस्थाओं के माध्यम से प्रदेश के नगरीय क्षेत्रों में जनोपयोगी सुविधाएं जैसे कि-चिकित्सा एवं शैक्षणिक सुविधाएं, वृद्धाश्रम, अनाथालय, नारी निकेतन, कुष्ठ आश्रम, धर्मशाला, दिव्यांगजन केंद्र, नशा मुक्ति केन्द्र, कन्या आश्रम, बाल गृह आदि के विकास को गति दी जा सके.
इसके अतिरिक्त सामाजिक सुरक्षा निवेश प्रोत्साहन योजना-2021 के तहत अलाभकारी संस्थाओं की ओर से क्रय की गई अथवा लीज पर ली गई अचल संपत्ति के दस्तावेजों पर पंजीयन शुल्क और स्टाम्प ड्यूटी में भी शत-प्रतिशत छूट देय है. इससे सामाजिक सुरक्षा क्षेत्र में निवेश करने वाली संस्थाओं को बढ़ावा मिलेगा.