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अनलॉक को भी लॉकडाउन की तरह गंभीरता से लेंः सीएम गहलोत

सीएम अशोक गहलोत ने सोमवार को जन जागरूकता अभियान की वर्चुअल लॉन्चिंग की. उन्होंने कहा कि कोरोना से डरने की जरूरत नहीं है, लेकिन सावधानी रखना आवश्यक है. उन्होंने लोगों से अपील की कि सभी अनलॉक को भी लॉकडाउन की तरह गंभीरता से लें.

Jaipur News,  Virtual launching of public awareness campaign
जन-जागरूकता अभियान की वर्चुअल लॉन्चिंग
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Published : Jun 23, 2020, 2:28 AM IST

जयपुर. सीएम अशोक गहलोत सोमवार को अपने निवास पर वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से राज्य स्तरीय कोविड-19 जागरूकता अभियान की वर्चुअल लॉन्चिंग की. इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने सूचना एवं जनसंपर्क विभाग की ओर से तैयार 5 तरह के जागरूकता पोस्टर, ऑडियो जिंगल और जागरूकता वीडियो की लॉन्चिंग की.

अभियान लॉन्च करने के बाद मुख्यमंत्री ने कहा, कोरोना महामारी अभी खत्म नहीं हुई है, इसलिए सभी को आत्म अनुशासन और संयम बरतते हुए आपस में दो गज की दूरी, मास्क पहनने, नियमित अंतराल पर हाथ धोने और सार्वजनिक स्थानों पर नहीं थूकने के मूल मंत्र का लगातार पालन करना होगा. गहलोत ने कहा कि कोरोना से डरने की जरूरत नहीं है, लेकिन सावधानी रखना आवश्यक है.

पढ़ें- राजस्थान में गरीबों को भोजन देने के लिए शुरू होगी 'इंदिरा रसोई योजना'

गहलोत ने कहा कि किसी तरह की लापरवाही समस्या को और नहीं बढाए, इसी उद्देश्य से प्रदेश भर में 10 दिवसीय जागरूकता अभियान शुरू किया गया है. इस अभियान के तहत आमजन को कोरोना से बचाव के बारे में जानकारी दी जाएगी. गांव-ढाणी तक यह संदेश पहुंचाया जाएगा कि खुद के स्वास्थ्य का खुद ख्याल रखना ही कोरोना से बचने का मुख्य उपाय है. उन्होंने कहा कि हमारा लक्ष्य है कि रिकवरी रेट बढ़ती रहे, मृत्यु दर घटती रहे.

सभी को साथ लेकर लड़ रहे हैं कोरोना से जंग

सीएम ने कहा कि हमारी सरकार ने धर्मगुरूओं, चिकित्सकों, राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों, सिविल सोसायटी और उद्यमियों सहित सभी वर्गों को विश्वास में लेकर कोरोना को नियंत्रित रखने में सफलता हासिल की है. तीन महीनेे पहले प्रदेश में कोरोना टेस्ट की सुविधा नहीं थी, लेकिन आज हमने प्रतिदिन 25 हजार टेस्ट करने की क्षमता विकसित कर ली है. संकट की इस घड़ी में पड़ोसी राज्यों को भी हमने अपने यहां जांच कराने की पेशकश की है.

पढ़ें- पूनिया के बयान पर कल्ला का पलटवार, कहा- BJP की नीति और नियति दोनों ही साफ नहीं

गहलोत ने कहा कि हमारी सरकार ने आपदा की इस घड़ी को प्रदेेश के स्वास्थ्य ढांचे को मजबूत करने के अवसर के रूप में लिया है. देश में जहां दस लाख की आबादी पर 4887 टेस्टिंग हो रही है, वहीं राजस्थान में यह 8389 है. राष्ट्रीय औसत 3.28 फीसदी की तुलना में राजस्थान में कोरोना से मृत्यू दर केवल 2.32 प्रतिशत ही है. देश में जहां कोरोना से रिकवरी रेट 54 फीसदी है, वहीं राजस्थान में यह 78 फीसदी है.

अपने फैसलों से हर वर्ग का रखा ख्याल

मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी कारगर तैयारी और समय पर उठाए गए कदमों के कारण भीलवाड़ा मॉडल की देश ही नहीं दुनिया में चर्चा हुई है. घर-घर सर्वे और रूथलेस कंटेनमेंट के कारण हमने कोरोना संक्रमण को शुरूआत में ही काबू में कर लिया. यही मॉडल पूरे प्रदेश में कोरोना संक्रमण को नियंत्रण में रखा.

लॉकडाउन के दौरान 78 लाख से अधिक पेंशनर्स को सामाजिक सुरक्षा पेंशन योजना के तहत 2800 करोड़ रुपए पेंशन राशि का वितरण, 31 लाख बीपीएल, स्टेट बीपीएल, अंत्योदय निर्माण श्रमिकों एवं असहाय लोगों को ढाई-ढाई हजार रुपए की नकद सहायता, 39 लाख परिवारों को सूखे राशन किट वितरण, 4 करोड़ से अधिक पके हुए खाने के पैकेट वितरित करने जैसे कार्यों के माध्यम से प्रदेश के हर वर्ग का ख्याल रखा गया.

हर नागरिक जिम्मेदार बने

गहलोत ने कहा, जागरूकता अभियान का मुख्य उद्देश्य प्रत्येक नागरिक को इस बीमारी के प्रति जागरूक कर जिम्मेदार बनाना है. हमारी छोटी सी भी भूल इस समस्या को बढ़ा सकती है. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार इस बीमारी के लिए संसाधनों की कोई कमी नहीं आने देगी. उन्होंने सभी जनप्रतिनिधियों, अधिकारियों सहित आमजन से अभियान को जन-अभियान बनाने की अपील की.

इस दौरान चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री डॉ. रघु शर्मा ने कहा, कि इस बीमारी से बचाव के लिए जरूरी है कि हम सभी सोशल डिस्टेंसिंग के प्रोटोकॉल की पालना करें. उन्होंने कहा कि हमें लॉकडाउन से राहत मिली है लेकिन कोरोना का खतरा अभी बरकरार है. ऐसे में अनलॉक-1 के दौरान हमें ज्यादा सावधानी बरतनी होगी.

लोगों का किया जा रहा जागरूक

अतिरिक्त मुख्य सचिव चिकित्सा एवं स्वास्थ्य रोहित कुमार सिंह ने कहा कि इस अभियान में प्रदेश का हर व्यक्ति अपने नागरिक धर्म का पालन करते हुए सहयोग करें. सूचना एवं जनसम्पर्क आयुक्त महेन्द्र सोनी ने जागरूकता अभियान में प्रदेश के सभी सरकारी विभागों से अधिकाधिक भागीदारी का आह्वान किया. उन्होंने बताया कि प्रदेश के गांव-ढ़ाणियों तक स्थानीय बोलियों में जागरूकता फैलाने का कार्य किया जा रहा है. साथ ही प्रिंट और इलेक्ट्रोनिक मीडिया के साथ-साथ सोशल मीडिया के विभिन्न प्लेटफॉर्म का उपयोग कर आमजन को जागरूक किया जा रहा है. आउटडोर मीडिया के तहत सरकारी कार्यालयों, प्रमुख सार्वजनिक स्थानों आदि पर होर्डिंग्स, बैनर एवं पोस्टर लगाए जा रहे हैं.

इस दौरान पर मुख्य सचिव डीबी गुप्ता, अतिरिक्त मुख्य सचिव गृह राजीव स्वरूप, पुलिस महानिदेशक भूपेन्द्र सिंह, अतिरिक्त मुख्य सचिव सार्वजनिक निर्माण वीनू गुप्ता, अतिरिक्त मुख्य सचिव उद्योग सुबोध अग्रवाल, अतिरिक्त मुख्य सचिव वित्त निरंजन आर्य, अतिरिक्त मुख्य सचिव ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज राजेश्वर सिंह, प्रमुख शासन सचिव सूचना प्रौद्योगिकी अभय कुमार, मिशन निदेशक एन.एच.एम नरेश ठकराल सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे.

जयपुर. सीएम अशोक गहलोत सोमवार को अपने निवास पर वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से राज्य स्तरीय कोविड-19 जागरूकता अभियान की वर्चुअल लॉन्चिंग की. इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने सूचना एवं जनसंपर्क विभाग की ओर से तैयार 5 तरह के जागरूकता पोस्टर, ऑडियो जिंगल और जागरूकता वीडियो की लॉन्चिंग की.

अभियान लॉन्च करने के बाद मुख्यमंत्री ने कहा, कोरोना महामारी अभी खत्म नहीं हुई है, इसलिए सभी को आत्म अनुशासन और संयम बरतते हुए आपस में दो गज की दूरी, मास्क पहनने, नियमित अंतराल पर हाथ धोने और सार्वजनिक स्थानों पर नहीं थूकने के मूल मंत्र का लगातार पालन करना होगा. गहलोत ने कहा कि कोरोना से डरने की जरूरत नहीं है, लेकिन सावधानी रखना आवश्यक है.

पढ़ें- राजस्थान में गरीबों को भोजन देने के लिए शुरू होगी 'इंदिरा रसोई योजना'

गहलोत ने कहा कि किसी तरह की लापरवाही समस्या को और नहीं बढाए, इसी उद्देश्य से प्रदेश भर में 10 दिवसीय जागरूकता अभियान शुरू किया गया है. इस अभियान के तहत आमजन को कोरोना से बचाव के बारे में जानकारी दी जाएगी. गांव-ढाणी तक यह संदेश पहुंचाया जाएगा कि खुद के स्वास्थ्य का खुद ख्याल रखना ही कोरोना से बचने का मुख्य उपाय है. उन्होंने कहा कि हमारा लक्ष्य है कि रिकवरी रेट बढ़ती रहे, मृत्यु दर घटती रहे.

सभी को साथ लेकर लड़ रहे हैं कोरोना से जंग

सीएम ने कहा कि हमारी सरकार ने धर्मगुरूओं, चिकित्सकों, राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों, सिविल सोसायटी और उद्यमियों सहित सभी वर्गों को विश्वास में लेकर कोरोना को नियंत्रित रखने में सफलता हासिल की है. तीन महीनेे पहले प्रदेश में कोरोना टेस्ट की सुविधा नहीं थी, लेकिन आज हमने प्रतिदिन 25 हजार टेस्ट करने की क्षमता विकसित कर ली है. संकट की इस घड़ी में पड़ोसी राज्यों को भी हमने अपने यहां जांच कराने की पेशकश की है.

पढ़ें- पूनिया के बयान पर कल्ला का पलटवार, कहा- BJP की नीति और नियति दोनों ही साफ नहीं

गहलोत ने कहा कि हमारी सरकार ने आपदा की इस घड़ी को प्रदेेश के स्वास्थ्य ढांचे को मजबूत करने के अवसर के रूप में लिया है. देश में जहां दस लाख की आबादी पर 4887 टेस्टिंग हो रही है, वहीं राजस्थान में यह 8389 है. राष्ट्रीय औसत 3.28 फीसदी की तुलना में राजस्थान में कोरोना से मृत्यू दर केवल 2.32 प्रतिशत ही है. देश में जहां कोरोना से रिकवरी रेट 54 फीसदी है, वहीं राजस्थान में यह 78 फीसदी है.

अपने फैसलों से हर वर्ग का रखा ख्याल

मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी कारगर तैयारी और समय पर उठाए गए कदमों के कारण भीलवाड़ा मॉडल की देश ही नहीं दुनिया में चर्चा हुई है. घर-घर सर्वे और रूथलेस कंटेनमेंट के कारण हमने कोरोना संक्रमण को शुरूआत में ही काबू में कर लिया. यही मॉडल पूरे प्रदेश में कोरोना संक्रमण को नियंत्रण में रखा.

लॉकडाउन के दौरान 78 लाख से अधिक पेंशनर्स को सामाजिक सुरक्षा पेंशन योजना के तहत 2800 करोड़ रुपए पेंशन राशि का वितरण, 31 लाख बीपीएल, स्टेट बीपीएल, अंत्योदय निर्माण श्रमिकों एवं असहाय लोगों को ढाई-ढाई हजार रुपए की नकद सहायता, 39 लाख परिवारों को सूखे राशन किट वितरण, 4 करोड़ से अधिक पके हुए खाने के पैकेट वितरित करने जैसे कार्यों के माध्यम से प्रदेश के हर वर्ग का ख्याल रखा गया.

हर नागरिक जिम्मेदार बने

गहलोत ने कहा, जागरूकता अभियान का मुख्य उद्देश्य प्रत्येक नागरिक को इस बीमारी के प्रति जागरूक कर जिम्मेदार बनाना है. हमारी छोटी सी भी भूल इस समस्या को बढ़ा सकती है. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार इस बीमारी के लिए संसाधनों की कोई कमी नहीं आने देगी. उन्होंने सभी जनप्रतिनिधियों, अधिकारियों सहित आमजन से अभियान को जन-अभियान बनाने की अपील की.

इस दौरान चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री डॉ. रघु शर्मा ने कहा, कि इस बीमारी से बचाव के लिए जरूरी है कि हम सभी सोशल डिस्टेंसिंग के प्रोटोकॉल की पालना करें. उन्होंने कहा कि हमें लॉकडाउन से राहत मिली है लेकिन कोरोना का खतरा अभी बरकरार है. ऐसे में अनलॉक-1 के दौरान हमें ज्यादा सावधानी बरतनी होगी.

लोगों का किया जा रहा जागरूक

अतिरिक्त मुख्य सचिव चिकित्सा एवं स्वास्थ्य रोहित कुमार सिंह ने कहा कि इस अभियान में प्रदेश का हर व्यक्ति अपने नागरिक धर्म का पालन करते हुए सहयोग करें. सूचना एवं जनसम्पर्क आयुक्त महेन्द्र सोनी ने जागरूकता अभियान में प्रदेश के सभी सरकारी विभागों से अधिकाधिक भागीदारी का आह्वान किया. उन्होंने बताया कि प्रदेश के गांव-ढ़ाणियों तक स्थानीय बोलियों में जागरूकता फैलाने का कार्य किया जा रहा है. साथ ही प्रिंट और इलेक्ट्रोनिक मीडिया के साथ-साथ सोशल मीडिया के विभिन्न प्लेटफॉर्म का उपयोग कर आमजन को जागरूक किया जा रहा है. आउटडोर मीडिया के तहत सरकारी कार्यालयों, प्रमुख सार्वजनिक स्थानों आदि पर होर्डिंग्स, बैनर एवं पोस्टर लगाए जा रहे हैं.

इस दौरान पर मुख्य सचिव डीबी गुप्ता, अतिरिक्त मुख्य सचिव गृह राजीव स्वरूप, पुलिस महानिदेशक भूपेन्द्र सिंह, अतिरिक्त मुख्य सचिव सार्वजनिक निर्माण वीनू गुप्ता, अतिरिक्त मुख्य सचिव उद्योग सुबोध अग्रवाल, अतिरिक्त मुख्य सचिव वित्त निरंजन आर्य, अतिरिक्त मुख्य सचिव ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज राजेश्वर सिंह, प्रमुख शासन सचिव सूचना प्रौद्योगिकी अभय कुमार, मिशन निदेशक एन.एच.एम नरेश ठकराल सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे.

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