ETV Bharat / state

बाघिन और शावकों के मूवमेंट के चलते बंद रणथंभौर त्रिनेत्र गणेश मार्ग खुला, श्रद्धालु कर सकेंगे दर्शन - TRINETRA GANESH TEMPLE ROAD OPENED

रणथंभौर स्थित त्रिनेत्र गणेश मंदिर के लिए श्रद्धालुओं को आवाजाही की अनुमति दे दी गई है. बाघ के मूवमेंट के चलते मार्ग बंद किया था.

Trinetra Ganesh Temple Road opened
फिर खुला त्रिनेत्र गणेश मार्ग (ETV Bharat Sawai Madhopur)
author img

By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : 15 hours ago

Updated : 14 hours ago

सवाई माधोपुर: बाघिन टी-84 ऐरोहेड व उसके शावकों का पिछले एक सप्ताह से रणथम्भौर दुर्ग में मूवमेंट बना हुआ है. जिसके चलते वन विभाग ने त्रिनेत्र गणेश मंदिर आने-जाने वाले श्रद्धालुओं की सुरक्षा को लेकर मंदिर मार्ग को पिछले पांच दिनों से बंद कर दिया था. गुरुवार को एक बार फिर वन विभाग ने त्रिनेत्र गणेश श्रद्धालुओं के लिए गणेश मार्ग को खोल दिया है.

टाइगर का डर खत्म, श्रद्धालुओं के लिए खुला गणेश मार्ग (ETV Bharat Sawai Madhopur)

रणथंभौर त्रिनेत्र गणेश मंदिर ट्रस्ट के प्रधान सेवक हिमांशु गौतम ने वन विभाग एवं जिला प्रशासन से जल्द से जल्द बाघिन को रणथंभौर दुर्ग से जंगल में भेजने की मांग की है. जिससे श्रद्धालुओं को फिर से नियमित त्रिनेत्र गणेश के दर्शन हो सकें. गौरतलब है कि बाघिन ऐरोहेड व उसके शावक शुक्रवार शाम को रणथम्भौर दुर्ग में जा पहुंचे थे. रणथंभौर दुर्ग में बाघिन व उसके शावकों का मूवमेंट पद्मला तालाब, 32 खंभों की छतरी, लक्ष्मी नारायण मंदिर के आसपास बना हुआ था. वन‌ विभाग की टीमें बाघिन व उसके शावकों की मॉनिटरिंग कर रही थीं. तब रणथंभौर दुर्ग में श्रद्धालुओं का प्रवेश बंद कर किया था.

पढ़ें: रणथंभौर दुर्ग में बाघिन के विचरण के चलते त्रिनेत्र गणेश मंदिर मार्ग बंद करने का लिया निर्णय - TIGER MOVEMENT NEAR TEMPLE

हिमांशु गौतम का कहना है कि रणथंभौर दुर्ग के रखरखाव के लिए करोड़ों का फंड आता है, लेकिन पुरातत्व विभाग द्वारा बारिश में क्षतिग्रस्त हुई दुर्ग की दीवार को ठीक नहीं करवाया जा रहा है. इस टूटी दीवार से बाघिन व उसके शावक दुर्ग में प्रवेश कर जाते हैं. इससे गणेश मंदिर आने वाले श्रद्धालुओं की जान को भी खतरा रहता है. अभी बाघिन का मूवमेंट दुर्ग से निकलकर रणथंभौर नेशनल पार्क के जोन नम्बर 2 में हो गया है. हालांकि एतिहात के दौर पर वन विभाग द्वारा रणथंभौर दुर्ग में वनकर्मियों की टीम तैनात रखी गई है. ताकि गणेश श्रद्धालुओं को कोई खतरा ना हो.

सवाई माधोपुर: बाघिन टी-84 ऐरोहेड व उसके शावकों का पिछले एक सप्ताह से रणथम्भौर दुर्ग में मूवमेंट बना हुआ है. जिसके चलते वन विभाग ने त्रिनेत्र गणेश मंदिर आने-जाने वाले श्रद्धालुओं की सुरक्षा को लेकर मंदिर मार्ग को पिछले पांच दिनों से बंद कर दिया था. गुरुवार को एक बार फिर वन विभाग ने त्रिनेत्र गणेश श्रद्धालुओं के लिए गणेश मार्ग को खोल दिया है.

टाइगर का डर खत्म, श्रद्धालुओं के लिए खुला गणेश मार्ग (ETV Bharat Sawai Madhopur)

रणथंभौर त्रिनेत्र गणेश मंदिर ट्रस्ट के प्रधान सेवक हिमांशु गौतम ने वन विभाग एवं जिला प्रशासन से जल्द से जल्द बाघिन को रणथंभौर दुर्ग से जंगल में भेजने की मांग की है. जिससे श्रद्धालुओं को फिर से नियमित त्रिनेत्र गणेश के दर्शन हो सकें. गौरतलब है कि बाघिन ऐरोहेड व उसके शावक शुक्रवार शाम को रणथम्भौर दुर्ग में जा पहुंचे थे. रणथंभौर दुर्ग में बाघिन व उसके शावकों का मूवमेंट पद्मला तालाब, 32 खंभों की छतरी, लक्ष्मी नारायण मंदिर के आसपास बना हुआ था. वन‌ विभाग की टीमें बाघिन व उसके शावकों की मॉनिटरिंग कर रही थीं. तब रणथंभौर दुर्ग में श्रद्धालुओं का प्रवेश बंद कर किया था.

पढ़ें: रणथंभौर दुर्ग में बाघिन के विचरण के चलते त्रिनेत्र गणेश मंदिर मार्ग बंद करने का लिया निर्णय - TIGER MOVEMENT NEAR TEMPLE

हिमांशु गौतम का कहना है कि रणथंभौर दुर्ग के रखरखाव के लिए करोड़ों का फंड आता है, लेकिन पुरातत्व विभाग द्वारा बारिश में क्षतिग्रस्त हुई दुर्ग की दीवार को ठीक नहीं करवाया जा रहा है. इस टूटी दीवार से बाघिन व उसके शावक दुर्ग में प्रवेश कर जाते हैं. इससे गणेश मंदिर आने वाले श्रद्धालुओं की जान को भी खतरा रहता है. अभी बाघिन का मूवमेंट दुर्ग से निकलकर रणथंभौर नेशनल पार्क के जोन नम्बर 2 में हो गया है. हालांकि एतिहात के दौर पर वन विभाग द्वारा रणथंभौर दुर्ग में वनकर्मियों की टीम तैनात रखी गई है. ताकि गणेश श्रद्धालुओं को कोई खतरा ना हो.

Last Updated : 14 hours ago
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.