जयपुर. हेरिटेज नगर निगम के बाद ग्रेटर निगम ने भी कचरा संग्रहण करने वाली कंपनी बीवीजी को लगभग बाहर का रास्ता दिखा दिया है (garbage dump in city). ग्रेटर निगम ने विद्याधर नगर, झोटवाड़ा, मुरलीपुरा, जगतपुरा, सांगानेर और मालवीय नगर से बीवीजी को रवाना करते हुए अपने स्तर पर कचरा कलेक्शन का काम शुरू किया है. जल्द मानसरोवर से भी कंपनी को बाय-बाय कर दिया जाएगा. हालांकि संसाधनों के अभाव में फिलहाल कई वार्डों में सफाई व्यवस्था चरमरा गई है. जिसके विरोध में बुधवार को मालवीय नगर जोन के कांग्रेसी पार्षद करण शर्मा गाड़ी में कचरा भरकर जोन कार्यालय जा पहुंचे. वहीं सांगानेर जोन के बीजेपी पार्षद गिर्राज शर्मा ने भी बिगड़ी सफाई व्यवस्था को लेकर निगम प्रशासन पर सवाल खड़े किए हैं. उधर, सफाई कर्मचारियों ने भी रेवेन्यू उपायुक्त के रवैये पर सवाल उठाते हुए कार्रवाई नहीं होने की स्थिति में कार्य बहिष्कार की चेतावनी दी है.
मानसून से पहले निगम प्रशासन नालों की सफाई कार्य में जुटा हुआ है. सड़कों से कचरा डिपो को खत्म करने का दावा भी किया जा रहा है. लेकिन जब से निगम ने सफाई व्यवस्था अपने हाथ में ली है. शहर कचरे के ढेर पर नजर आने लगा है. घरों के डस्टबिन से लेकर शहर की सड़कों पर कचरे का ढेर है और इसी तरह की तस्वीरें अगले एक माह तक शहर की सड़कों पर देखने को मिल सकती है. क्योंकि ग्रेटर निगम प्रशासन बीवीजी कंपनी का कॉन्ट्रेक्ट रद्द कर रहा है और निगम प्रशासन के पास फिलहाल 150 वार्ड से कचरा कलेक्शन करने के लिए पर्याप्त संसाधन मौजूद नहीं हैं.
नगर निगम के पास केवल 113 हूपर: अभी नगर निगम के पास केवल 113 हूपर हैं और करीब 100 हूपर किराए पर ले रखे हैं. इन हूपर के भरोसे अभी जयपुर नगर निगम ग्रेटर के आधे एरिया में जैसे-तैसे काम चला रहा है. कई कॉलोनियों में 2 से 3 दिन में हूपर पहुंच रहे हैं. हालांकि ग्रेटर निगम आयुक्त महेन्द्र सोनी का कहना है कि नगर निगम अपने स्तर पर सफाई व्यवस्था को संभालेगा और डोर टू डोर कचरा संग्रहण के लिए नए टेंडर नहीं होने तक किराए पर हूपर लिए जा रहे हैं. यही नहीं बढ़ती चुनौतियों के बीच दो नई जेसीबी और छह नए डंपर भी खरीदे जा रहे हैं.
150 वार्डों में 2 हूपरों से कचरा कलेक्शन करवाया जा रहा: जानकारी के अनुसार ग्रेटर निगम तक वही वेंडर अप्रोच कर रहे हैं जो बीवीजी कंपनी से जुड़े थे. जिसको लेकर आयुक्त ने कहा कि निगम अभी करीब 300 हूपर की व्यवस्था कर रहा है. जिनसे सभी 150 वार्डों में 2-2 हूपर से कचरा कलेक्शन का काम करवाया जा सकेगा. उन्होंने कहा कि कुछ और हूपर रिजर्व में रखने के लिए चाहिए. जिसके लिए टेंडर कर रहे हैं, ताकि जिन वार्डों में 2 से ज्यादा हूपर की जरूरत पड़ेगी और जहां कोई हूपर खराब हो जाए तो उसकी जगह रिजर्व में रखे हूपरों का उपयोग किया जा सके. उन्होंने बताया कि जयपुर नगर निगम ने सभी जोन में कचरा कलेक्शन का काम करवाने के लिए अप्रैल में टेंडर किया था. इस टेंडर में 5 कंपनियों ने हिस्सा लिया, लेकिन एक ही ऐसी कंपनी है जो टेक्नीकल बिड क्वालिफाइ कर पाई है. वहीं फाइनेंशियल बिड खुलना बाकी है.
बहरहाल, डोर टू डोर कचरा संग्रहण सिस्टम शुरू होने के बाद से नगर निगम प्रशासन ने शहर में ओपन कचरा डिपो और कंटेनर डिपो को लगभग खत्म ही कर दिया था. लेकिन अब मुख्य रोड, सब्जी मंडियों और मेन बाजारों के अलावा गली-मोहल्ले में भी कचरा डिपो देखे जा सकते हैं.
नगर निगम कर्मचारी से अभद्रता के विरोध में सफाई कर्मी एकजुट: बुधवार को ही ग्रेटर नगर निगम में कर्मचारी से अभद्रता के विरोध में सफाईकर्मी एकजुट हुए. कर्मचारियों ने पहले आयुक्त महेंद्र सोनी से मिलकर उपायुक्त सोहनराम चौधरी पर मारपीट का आरोप लगाते हुए कार्रवाई की मांग की. सफाई समिति ने चेतावनी दी कि जब तक उपायुक्त पर सख्त कार्रवाई और तबादला नहीं होता, तब तक शहर में सफाई नहीं होगी. ये मामला पट्टे से जुड़ा था. लेकिन अब शहर की सफाई व्यवस्था पर आ खड़ा हुआ है. ग्रेटर नगर निगम में पहले ही सफाई व्यवस्था चरमराई हुई थी, और यदि सफाई कर्मचारी हड़ताल पर जाते हैं तो शहर का बट्टा बैठना तय है.